सागर। दिसंबर 2022 का आखिरी दिन तापमान में वृद्धि के चलते चर्चाओं में था, तो 2023 की पहली सुबह कोहरे की चादर के साथ शीतलहर का संदेश लेकर आयी. एक जनवरी 2023 को सुबह से कोहरा छाया रहा और तापमान में गिरावट दर्ज की गई. यही हाल आज सोमवार को भी देखने मिला. पूरा बुंदेलखंड इलाका सुबह से ही कोहरे की चपेट में था और शीतलहर के प्रकोप के चलते सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा है. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के चलते मौसम का मिजाज बदला है और अभी एक हफ्ते तक ऐसा ही मौसम रहने के आसार है. मौसम में हुए बदलाव के चलते किसानों की रवि की फसल से उम्मीदें बढ़ रही हैं. कम सर्दी के चलते माना जा रहा था कि रबी की फसल खराब हो जाएगी, लेकिन अचानक बदले मौसम के मिजाज के कारण किसानों को उम्मीद बन गई है और माना जा रहा है कि यह सर्दी रबी की फसल के लिए काफी फायदेमंद होगी.
31 दिसंबर की शाम से बदला मौसम का मिजाज: बीते साल 2022 के आखिरी हफ्ते में ठंड एक तरह से नदारद हो गई थी और तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली थी. 31 दिसंबर 2022 का दिन भी सर्दी के मौसम की अपेक्षा ज्यादा गर्म था, लेकिन रात होते-होते सर्दी ने जोर पकड़ लिया और नए साल 2023 की सुबह की शुरुआत कोहरे और शीतलहर के प्रकोप के साथ हुई. 31 दिसंबर 2022 को बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर का अधिकतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. वहीं न्यूनतम तापमान 11.8 ℃ दर्ज किया गया. 21 दिसंबर की शाम से तापमान में गिरावट देखने को मिली और नए साल 2023 की पहली सुबह कोहरे के आगोश में लिपटी हुई नजर आई और तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली. 1 जनवरी को सागर संभागीय मुख्यालय में अधिकतम तापमान 21.4℃ दर्ज किया गया, जो कि 31 दिसंबर के तापमान से 4.9 ℃ कम था. वहीं न्यूनतम तापमान 7.6℃ दर्ज किया गया, जो 31 दिसंबर के न्यूनतम तापमान से 4.2℃ कम था. वहीं मौसम विभाग द्वारा आज जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान 21.4℃ दर्ज किया गया है. वहीं न्यूनतम तापमान 7.9℃ दर्ज किया गया है.
MP Weather Today: शीतलहर से नये साल का आगाज़, बर्फीली हवा बढ़ायेगी ठंड
क्या कहना है मौसम के जानकारों का: मौसम के जानकार गोविंद राय कहते हैं कि पहले ही यह अनुमान था कि जनवरी 2023 के पहले सप्ताह में तापमान में गिरावट और सर्दी में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. अनुमान के मुताबिक और पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के चलते 31 दिसंबर की रात से ही तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. पहाड़ी इलाकों से बर्फीली हवाएं मैदानी इलाकों की तरफ रोक कर रही है. इसी कारण तापमान में गिरावट देखने को मिली है. आगामी चार-पांच जनवरी को सर्दी का प्रकोप और ज्यादा बढ़ जाएगा और 6 जनवरी से तापमान में वृद्धि देखने को मिलेगी. 16 जनवरी के बाद फिर एक सिस्टम के कारण सर्दी बढ़ेगी और 15 फरवरी तक सर्दी का ऐसा ही सिलसिला चलेगा. इस दौरान बारिश की उम्मीद नहीं है.
रबी की फसल से किसानों की उम्मीद बढ़ी: बारिश के सीजन के आखिरी महीनों में देर तक बारिश होने के कारण खरीफ की फसल को जहां नुकसान हुआ था. वहीं रबी की फसल की बुवाई में काफी देरी हो गई थी. दूसरी तरफ सर्दी का मौसम जोर नहीं पकड़ रहा था, ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई थी, क्योंकि सर्दी नहीं पड़ती, तो रबी की फसल भी बर्बाद हो जाती. हालांकि किसानों को उम्मीद थी कि दिसंबर और जनवरी में सर्दी बढ़ेगी और फसल को फायदा होगा. दिसंबर के महीने में तो तापमान में उतार-चढ़ाव देखने मिला, लेकिन नए साल का पहला दिन तापमान में गिरावट के साथ शीत लहर लेकर आया और किसानों की अच्छी फसल की उम्मीद बंध गई है. कृषि विभाग के सहायक संचालक जितेंद्र सिंह राजपूत बताते हैं कि बारिश से देर तक होने के कारण बुंदेलखंड अंचल में रबी की फसल की बुवाई लेट हुई थी. ऐसे में नवंबर- दिसंबर में कम सर्दी के कारण फसलों को ज्यादा नुकसान तो नहीं था, लेकिन यह सिलसिला अगर चलता रहता, तो रबी की फसल भी खराब हो जाती. जिस तरह से 31 दिसंबर से तापमान में गिरावट देखने मिली है और सर्दी का प्रकोप बढ़ा है, रबी की फसलों के लिए यह काफी अच्छा माना जा रहा है और इस सर्दी से रबी की फसलों को फायदा होगा.