सागर। कोरोना महामारी का इलाज हो या फिर कोरोना से बचने के लिए वैक्सीनेशन, इन दोनों मामलों में सरकार लापरवाह नजर आ रही है. एक तरफ कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है और इससे बचाव के लिए लोग टीकाकरण करा रहे हैं, लेकिन टीकाकरण में भी ऐसी लापरवाही की जा रही है कि लोग दर-दर ठोकरें खाने किए परेशान हैं. सागर में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां वैक्सीन का दूसरा डोज लगा ही नहीं और सिर्फ पहला डोज लगवाने वाले व्यक्ति को वैक्सीनेशन का फाइनल सर्टिफिकेट भेज दिया.
- बिना दूसरे डोज के थमाया फाइनल सर्टिफिकेट
दरअसल कोरोना से बचाव के लिए सागर के प्रदीप पांडे वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में वैक्सीन का पहला डोज लिया था. पहले डोज के 28 दिन बाद वैक्सीन का दूसरा डोज दिया जाना था. वैक्सीन के पहले डोज के 28 दिन होने पर 10 अप्रैल को प्रदीप पांडे दूसरा डोज लगवाने के लिए वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचे, लेकिन वहां पर उनको बताया गया कि वैक्सीनेशन की गाइडलाइन चेंज हो गई है और अब उनका वैक्सीनेशन 42 दिन बाद होगा. गाइडलाइन की जानकारी मिलने के बाद प्रदीप पांडे घर वापस आ गए और 42 दिन के लिए उन्होंने वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए ऐप खोला, तो मोबाइल पर वैक्सीनेशन के फाइनल सर्टिफिकेशन का मैसेज था. प्रदीप पांडे परेशान हैं, क्योंकि उनका वैक्सीन का दूसरा डोज हुआ नहीं है और उन्हें फाइनल सर्टिफिकेट भेज दिया है.
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- जिला कलेक्टर को दर्ज कराई शिकायत
प्रदीप पांडे परेशान है कि उन्हें वैक्सीन का दूसरा डोज कैसे दिया जाएगा. क्योंकि उनका फाइनल सर्टिफिकेट पहले ही आ चुका है. उन्होंने जिला कलेक्टर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है कि वैक्सीन का दूसरा डोज दिए बिना उन्हें फाइनल सर्टिफिकेट भेज दिया गया है. उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि उनकी समस्या का समाधान कर उन्हें वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाया जाए.