सागर। पुरातन काल से मां दुर्गा की पूजा अर्चना की परंपरा चली आ रही है. छोटा गांव या बड़ा शहर हर जगह देवी दुर्गा का मंदिर जरूर मिलेगा. बुंदेलखंड में भी मां दुर्गा की पूजा की पुरानी परंपरा चली आ रही है. छोटे से गांव में माता का मंदिर मिल जाएगा. जिले के जैसीनगर विकासखंड के करैया गांव में अंजनी माता का एक ऐसा मंदिर है, जहां अंजनी मां अपने पुत्र हनुमान के साथ विराजी हैं. जिनकी पूजा लोग कचहरी माता के रूप में करते हैं. जैसा नाम से ही स्पष्ट है कि भक्त मंदिर में अपने कानूनी विवादों के निपटारे की अर्जी लगाते हैं. मान्यता है कि देर रात में देवी देवताओं की कचहरी बैठती है और माता के दरबार में लगाई गई अर्जी पर जिरह करती है. सत्य असत्य का फैसला करती है. देवी देवताओं की कचहरी में जिस की अर्जी सत्य होती है, उसे जरूर न्याय मिलता है. Sharadiya Navratri 2022, Jaisinagar Kachari Mata Temple
जैसीनगर के नजदीक स्थित है कचहरी माता का मंदिर: सागर जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी दूर जैसीनगर विकासखंड के करैया गांव में छोटी सी पहाड़ी पर कचहरी माता का मंदिर स्थित है. वास्तव में ये मंदिर अंजनी माता और उनके पुत्र हनुमान का मंदिर है, लेकिन मंदिर को स्थानीय लोग कचहरी माता मंदिर के रूप में जानते हैं. कहा जाता है कि अंग्रेजी शासन काल में एक हरचंद प्रजापति नाम के बुजुर्ग के लिए माता ने सपना दिया था और बताया था कि वह जंगल में इस स्थान पर लोपित अवस्था में है. बुजुर्ग ने माता की मूर्ति तलाश की और मां अंजनी और उनके पुत्र हनुमान की मूर्ति प्राप्त हुई. जिसे पहाड़ी पर प्राकृतिक सुंदरता के बीच स्थापित किया गया.
कानूनी विवादों के निपटारे के लिए मशहूर है मंदिर: करैया गांव में स्थित छोटे से मंदिर का निर्माण कार्य इन दिनों चल रहा है। मंदिर की महिमा की बात करें, तो कहा जाता है कि अपने कानूनी विवादों के निपटारे के लिए जो सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ माता के दरबार में अर्जी लगाता है, उसे जरूर न्याय मिलता है. करैया गांव के कचहरी माता मंदिर में दूर-दूर से लोग आते हैं. मुख्य तौर पर जमीन जायदाद से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए माता दरबार अर्जी लगाते हैं. लोगों की मान्यता है कि अगर अर्जी लगाने वाला भक्त सच्ची श्रद्धा से अर्जी लगाता है और गलत नहीं होता है, तो उसको जरूर न्याय मिलता है.
देवी देवताओं की लगती है कचहरी और फिर होता है फैसला: स्थानीय लोगों की मान्यता है कि माता के दरबार में भक्तगण अपनी अर्जी लगाते हैं. अर्जी पर सुनवाई के लिए हर रात 12 बजे के बाद मंदिर में देवी देवताओं की कचहरी लगती है। जो भी व्यक्ति माता के दरबार में अर्जी लगाता है. उसकी समस्या को लेकर देवी देवताओं की कचहरी में जिरह की जाती है और सत्य असत्य पर चर्चा की जाती है. जिस की अर्जी सत्य पर आधारित होती है, उसे देवी देवताओं की कचहरी से न्याय मिलता है.
रात के समय मंदिर प्रांगण में जाने की मनाही: स्थानीय लोग बताते हैं कि कचहरी माता मंदिर में रोज रात को देवी देवताओं की कचहरी लगती है. इसलिए उधर कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश नहीं करता है. स्थानीय लोग रात के समय ना तो मंदिर की तरफ जाते हैं और ना ही कोई मंदिर में रुकता है. किसी ने रोकने का प्रयास भी किया है तो वह मंदिर में रात नहीं रुक पाया. स्थानीय लोगों का कहना है कि लोगों की अर्जी पर फैसला करने के लिए देवी देवता रात में मंदिर में बैठते हैं और ऐसे समय पर कोई पहुंचता है,तो उसे दंड मिलता है.
चल रहा है मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य: कचहरी माता मंदिर के रूप में मशहूर मंदिर की महिमा दूर-दूर तक फैल रही है और न्याय पाने के लिए लोग माता के दरबार में अर्जी भी लगाते हैं. जिन की अर्जी पर न्याय मिल जाता है, वह लोग मंदिर में दान दक्षिणा भी करते हैं. पिछले सात-आठ सालों में मंदिर की महिमा इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि भारी संख्या में लोग मंदिर पहुंचते हैं. स्थानीय लोगों द्वारा भक्तों से मिले दान और जन सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार किया जा रहा है और निर्माण कार्य जारी है. (Sharadiya Navratri 2022) (Jaisinagar Kachari Mata Temple) (Legal disputes filed in Kachari Mata mandir) (anjani mata temple in karaiya)