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MP Urban Body Election: आरक्षण में रोटेशन वाली सभी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

MP Urban Body Election:नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण में रोटेशन वाली सभी याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में एकसाथ सुनवाई होगी.

supreme court on MP Panchayat Election
आरक्षण में रोटेशन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
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Published : Dec 6, 2021, 6:41 PM IST

Updated : Dec 10, 2021, 6:25 AM IST

सागर। (MP Urban Body Election) मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा भले ही पंचायत चुनावों का एलान कर दिया गया है,लेकिन आरक्षण में रोटेशन की प्रक्रिया को लेकर बरकरार संशय के बीच चुनाव पर सस्पेंस है. हालांकि ताजा मामला मध्य प्रदेश निकाय चुनाव में आरक्षण के रोटेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट (supreme court Latest News) में दायर विशेष अनुमति याचिका में सामने आया है, जिसमें याचिकाकर्ता डॉ. जया ठाकुर की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. उच्चतम न्यायालय ने सभी याचिकाओं को एक साथ टैग करते हुए 10 दिसंबर यानी आज अगली सुनवाई की तारीख नियत की है.

क्या है मामला ? (MP Local body Election)

याचिकाकर्ता के वकील वरूण सिंह ठाकुर ने बताया कि मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव में देरी को लेकर डॉ. जया ठाकुर ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 243-डी और 243-यू का हवाला देते हुए जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने की मांग की थी. लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने हमेशा से चुनाव टालने का प्रयास किया और कोई-न-कोई बहाना बनाती रही. संवैधानिक त्रुटियां जान बूझकर की गई, ताकि चुनावों को टाला जा सके. जबकि मध्य प्रदेश चुनाव आयोग ने इस याचिका का समर्थन करते हुए जल्द चुनाव कराए जाने की प्रार्थना की थी,साथ ही समस्त ब्योरा हाई कोर्ट में प्रस्तुत किया था. लेकिन शिवराज सरकार ने संविधान के प्रावधानों का खुला उल्लंघन किया, जिसमें 243-डी एवं 343- टी के तहत संविधान में प्रदत्त व्यवस्था के अनुसार रोटेशन लागू करना था. मध्य प्रदेश सरकार (MP government on Urban Body Election) ने जानबूझकर इसका पालन नहीं किया. इस मामले में कुछ याचिकाकर्ताओं ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रोटेशन की मांग की, तब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया, जहां मध्य प्रदेश सरकार ने रोटेशन लागू नहीं किया था, यह आदेश हाईकोर्ट ने फरवरी-मार्च 2021 में दिए थे, इसके बाद भी मध्यप्रदेश सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की.

आरक्षण में रोटेशन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

एमपी में गद्दारी पर गदर! बीजेपी ने जारी किया दिग्विजय सिंह के पिता का पत्र, 1939 में राजा बलभद्र ने अंग्रेजों को लिखा था

आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (supreme court on MP Urban Body Election)
सुप्रीम कोर्ट के वकील वरूण सिंह ठाकुर ने बताया कि जब याचिकाकर्ता जया ठाकुर की जल्द चुनाव कराने की याचिका पर सुनवाई होती, तब मध्य प्रदेश सरकार कोई ना कोई बहाना बना देती थी, इसलिए याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी और सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की. जिसकी सुनवाई सोमवार को नियत की गई थी. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर एवं सीटी रवि कुमार के सामने याचिका की सुनवाई होनी तय थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी याचिका को एक साथ टैग करते हुए अगली सुनवाई 10 दिसंबर यानी आज रखी है, जिसमें रोटेशन से जुड़े सारे मामले सुने जाएंगे. खास बात ये है कि यही स्थिति राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित किए गए पंचायत चुनाव में भी बन रही है. ऐसी स्थिति में 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर सबकी निगाहें रहेगी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कोई आदेश जारी करती है,तो उसका असर पंचायत चुनाव पर पड़ने की संभावना है.

सागर। (MP Urban Body Election) मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा भले ही पंचायत चुनावों का एलान कर दिया गया है,लेकिन आरक्षण में रोटेशन की प्रक्रिया को लेकर बरकरार संशय के बीच चुनाव पर सस्पेंस है. हालांकि ताजा मामला मध्य प्रदेश निकाय चुनाव में आरक्षण के रोटेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट (supreme court Latest News) में दायर विशेष अनुमति याचिका में सामने आया है, जिसमें याचिकाकर्ता डॉ. जया ठाकुर की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. उच्चतम न्यायालय ने सभी याचिकाओं को एक साथ टैग करते हुए 10 दिसंबर यानी आज अगली सुनवाई की तारीख नियत की है.

क्या है मामला ? (MP Local body Election)

याचिकाकर्ता के वकील वरूण सिंह ठाकुर ने बताया कि मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव में देरी को लेकर डॉ. जया ठाकुर ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 243-डी और 243-यू का हवाला देते हुए जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने की मांग की थी. लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने हमेशा से चुनाव टालने का प्रयास किया और कोई-न-कोई बहाना बनाती रही. संवैधानिक त्रुटियां जान बूझकर की गई, ताकि चुनावों को टाला जा सके. जबकि मध्य प्रदेश चुनाव आयोग ने इस याचिका का समर्थन करते हुए जल्द चुनाव कराए जाने की प्रार्थना की थी,साथ ही समस्त ब्योरा हाई कोर्ट में प्रस्तुत किया था. लेकिन शिवराज सरकार ने संविधान के प्रावधानों का खुला उल्लंघन किया, जिसमें 243-डी एवं 343- टी के तहत संविधान में प्रदत्त व्यवस्था के अनुसार रोटेशन लागू करना था. मध्य प्रदेश सरकार (MP government on Urban Body Election) ने जानबूझकर इसका पालन नहीं किया. इस मामले में कुछ याचिकाकर्ताओं ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रोटेशन की मांग की, तब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया, जहां मध्य प्रदेश सरकार ने रोटेशन लागू नहीं किया था, यह आदेश हाईकोर्ट ने फरवरी-मार्च 2021 में दिए थे, इसके बाद भी मध्यप्रदेश सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की.

आरक्षण में रोटेशन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

एमपी में गद्दारी पर गदर! बीजेपी ने जारी किया दिग्विजय सिंह के पिता का पत्र, 1939 में राजा बलभद्र ने अंग्रेजों को लिखा था

आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (supreme court on MP Urban Body Election)
सुप्रीम कोर्ट के वकील वरूण सिंह ठाकुर ने बताया कि जब याचिकाकर्ता जया ठाकुर की जल्द चुनाव कराने की याचिका पर सुनवाई होती, तब मध्य प्रदेश सरकार कोई ना कोई बहाना बना देती थी, इसलिए याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी और सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की. जिसकी सुनवाई सोमवार को नियत की गई थी. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर एवं सीटी रवि कुमार के सामने याचिका की सुनवाई होनी तय थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी याचिका को एक साथ टैग करते हुए अगली सुनवाई 10 दिसंबर यानी आज रखी है, जिसमें रोटेशन से जुड़े सारे मामले सुने जाएंगे. खास बात ये है कि यही स्थिति राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित किए गए पंचायत चुनाव में भी बन रही है. ऐसी स्थिति में 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर सबकी निगाहें रहेगी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कोई आदेश जारी करती है,तो उसका असर पंचायत चुनाव पर पड़ने की संभावना है.

Last Updated : Dec 10, 2021, 6:25 AM IST
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