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MP Seat Scan Sagar: बुंदेलखंड की इस सीट पर 38 साल से जैन समाज का कब्जा, पढ़िए इंडेप्थ स्टोरी... - एमपी पॉलिटिकल न्यूज

चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको मध्यप्रदेश की एक-एक सीट का विश्लेषण लेकर आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे बुंदेलखंड की सागर सीट के बारे में जहां 38 सालों से जैन समाज का विधायक चुना जा रहा है. इस सीट की खास बात यह है कि यहां जैन मतदाताओं की अपेक्षा अनुसूचित जाति और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. आइए जानते हैं सागर सीट का राजनीतिक विश्लेषण

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Published : May 10, 2023, 6:16 AM IST

Updated : Nov 15, 2023, 8:27 AM IST

सागर। सागर शहर बुंदेलखंड का एकमात्र संभागीय मुख्यालय है. विधानसभा क्रमांक 41 सागर विधानसभा पूरी तरह से शहरी विधानसभा है. सीमावर्ती कुछ गांव विधानसभा का हिस्सा जरूर है. सागर एक मैदानी इलाका है. जिसमे निचले इलाके में जंगल और पहाड़ है. यहां बेबस नदी पर बने राजघाट बांध के माध्यम से पेयजल आपूर्ति होती है. गेहूं, सोयाबीन और तिलहन इस क्षेत्र की प्रमुख फसलें हैं. सब्जी उत्पादन और पशुपालन भी यहां का प्रमुख व्यावसाय है. बलुआ पत्थर, चूना पत्थर, लौह अयस्क और अभ्रक यहां पाए जाने वाले प्रमुख खनिज है.

characteristics of the sagar
सागर की खासियत

सागर का इतिहास और खूबियां: शहर और सागर जिला मुख्य रूप से अनुसूचित जाति वर्ग का जिला है. ऐतिहासिक रूप से ये इलाका काफी समृद्ध माना जाता है. एरन के पास के पुरातात्विक स्थल से गुप्त काल के कई शिलालेख का पता चलता है. शहर के बीचों बीच विशाल लाखा बंजारा झील है. कहा जाता है कि इसी वजह से शहर का नाम सागर पड़ा है. सागर 1660 में उड़ान सिह द्वारा स्थापित किया गया. ब्रिटिश काल में 1867 में सागर नगर पालिका में गठन किया गया. सागर शहर की पहचान डाॅ हरीसिंह गौर द्वारा 1946 में स्थापित सागर विश्वविद्यालय के कारण पूरे देश में है. इस विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया है. बुंदेला विद्रोह और 1857 की क्रांति के कारण सागर में विशाल सैन्य छावनी स्थापित की गयी थी, जो अभी भी मौजूद है. यहां का प्रमुख व्यावसाय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण है. इसके अलावा बीड़ी निर्माण और रेलवे इंजीनियरिंग उद्योग के लिए सागर की पहचान है. सागर में जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी, स्टेट फोरेंसिक लैब और डीएनए लैब स्थापित है.

पिछले तीन विधानसभा से बीजेपी के शैलेन्द्र जैन का कब्जा:

विधानसभा चुनाव 2008: विधानसभा चुनाव 2008 में बीजेपी ने अपने तत्कालीन जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र जैन को सागर तीन बार से विधायक सुधा जैन का टिकट काटकर टिकट दिया. कांग्रेस ने भी जैन रूझान वाली सीट पर अपने पूर्व विधायक प्रकाश जैन को उम्मीदवार बनाया. भाजपा के शैलेन्द्र जैन 46 हजार 53 मत हासिल किये, जो कुल मतदान का 34 प्रतिशत था. वहीं कांग्रेस के प्रकाश जैन को 25 हजार 149 वोट हासिल हुए. इस तरह करीब 21 हजार मतों से शैलेन्द्र जैन ने जीत हासिल की.

Year 2018 Result
साल 2018 का रिजल्ट

विधानसभा चुनाव 2013: विधानसभा चुनाव 2013 में सागर सीट पर भाजपा ने फिर शैलेन्द्र जैन पर भरोसा जताया. वहीं कांग्रेस ने इस बार ब्राह्मण उम्मीदवार पर भरोसा जताते हुए सुशील तिवारी को टिकट दिया. शैलेन्द्र जैन 64 हजार 351 वोट हासिल कर जीत दर्ज की. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सुशील तिवारी ने 56 हजार 128 वोट हासिल हुए. इस तरह शैलेन्द्र जैन ने अपने प्रतिद्वंदी को 8223 मतों के अंतर से हराकर लगातार दूसरी बार जीत हासिल की.

sagar seat report card
सागर सीट का रिपोर्ट कार्ड

विधानसभा चुनाव 2018: विधानसभा चुनाव 2018 में जब कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला था. तब तीसरी बार भाजपा ने अपने दो बार के विधायक शैलेन्द्र जैन पर भरोसा जताया. पूरे प्रदेश में जहां भाजपा को कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा. वहीं कांग्रेस द्वारा जैन उम्मीदवार उतारे जाने के बाद भी तीसरी बार बड़े अंतर से जीत हासिल की. शैलेन्द्र जैन को 67 हजार 227 मत मिले. जो कुल मतदान का 50.96% था. वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी नैवी जैन के लिए 49 हजार 861 मत मिले. जो कुल मतदान का 37.79% प्रतिशत था. इस तरह करीब 18 हजार वोट से शैलेन्द्र जैन ने तीसरी बार जीत हासिल की.

Year 2018 Result
साल 2018 का रिजल्ट

सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति वाले मतदाता की सीट पर जैनों का कब्जा: सागर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो पिछले 38 साल से सागर विधानसभा के मतदाता जैन समाज के नेता को अपना विधायक बनाते आ रहे हैं. अब तक सागर की जनता ने 8 बार जैन नेता को अपना विधायक चुना है. दो बार कांग्रेस और 6 बार भाजपा के जैन उम्मीदवार चुनाव जीते है. जबकि सागर में जैन मतदाताओं की अपेक्षा अनुसूचित जाति और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. सागर विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 40 हजार से ऊपर है, तो वहीं ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या करीब 30 हजार है, लेकिन करीब 20 हजार मतदाता संख्या वाला जैन समुदाय पिछले 38 सालों से इस सीट पर कब्जा बनाए हुए है. जानकार मानते हैं कि बुंदेलखंड के व्यापार व्यावसाय पर पकड़ के अलावा जैन समाज की एकजुटता चुनाव जीत का बड़ा कारण है.

सागर विधानसभा के प्रमुख मुद्दे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी मिशन में सागर का नाम 100 शहरों में शामिल था. जिन शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा. स्मार्ट सिटी के तहत किए गए कार्यों को भाजपा जहां अपनी उपलब्धि बता रही है, तो इन कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. वहीं सागर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जाने के बाद सागर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा के बाद भी विश्वविद्यालय स्थापित नहीं किया गया है. औद्योगिकीकरण के मामले में सागर शहर काफी पिछड़ा हुआ है, बेरोजगारी बड़ी समस्या है.

Shailendra Jain BJP MLA
शैलेंद्र जैन बीजेपी विधायक
  • कुछ खबरें यहां पढ़ें
  1. MP Seat Scan Dabra: ग्वालियर की हाईप्रोफाइल सीट है डबरा, जानिए इस सीट पर सिंधिया और इमरती देवी का कनेक्शन
  2. MP Seat Scan Amarwara: अमरवाड़ा विधानसभा में बनेंगे नए समीकरण, जानिए यहां किसका दबदबा
  3. MP Seat Scan Biaora: इस सीट पर दिग्विजय सिंह का दबदबा, बीजेपी भी कमजोर नहीं, जानें क्या है ब्यावरा का सियासी समीकरण
  4. MP Seat Scan Jabalpur East: जबलपुर पूर्व में कांग्रेस का दबदबा, जानें क्या है सियासी समीकरण

सागर के 2023 के दावेदार: सागर विधानसभा चुनाव 2023 के लिए शैलेन्द्र जैन जहां अपने कराए विकास कार्यों पर चौथी बार टिकट हासिल करने के लिए दावेदारी कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ जैन समुदाय के अन्य नेता टिकट की दौड़ में शामिल है. दूसरी तरफ सागर से ब्राह्मण दावेदारों में सुशील तिवारी, जिनकी पत्नी संगीता तिवारी सागर से महापौर चुनी गयी है. इसके अलावा स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के संस्थापक अनिल तिवारी के अलावा युवा नेता श्याम तिवारी और अर्पित पांडे प्रमुख दावेदार है. इसके अलावा जैन समुदाय से नैवी जैन,कपिल मलैया, मुकेश जैन ढाना, अनिल जैन नैनधरा और महिला मोर्चा की नेता नेहा जैन के नाम प्रमुख दावेदारों में है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से सुनील जैन, निधि जैन, चक्रेश सिंघई के अलावा ब्राह्मणों में अमित दुबे, पुरूषोत्तम चौबे, मुकुल पुरोहित, अशोक श्रीवास्तव के अलावा कई दावेदार दावेदारी कर रहे हैं.

सागर। सागर शहर बुंदेलखंड का एकमात्र संभागीय मुख्यालय है. विधानसभा क्रमांक 41 सागर विधानसभा पूरी तरह से शहरी विधानसभा है. सीमावर्ती कुछ गांव विधानसभा का हिस्सा जरूर है. सागर एक मैदानी इलाका है. जिसमे निचले इलाके में जंगल और पहाड़ है. यहां बेबस नदी पर बने राजघाट बांध के माध्यम से पेयजल आपूर्ति होती है. गेहूं, सोयाबीन और तिलहन इस क्षेत्र की प्रमुख फसलें हैं. सब्जी उत्पादन और पशुपालन भी यहां का प्रमुख व्यावसाय है. बलुआ पत्थर, चूना पत्थर, लौह अयस्क और अभ्रक यहां पाए जाने वाले प्रमुख खनिज है.

characteristics of the sagar
सागर की खासियत

सागर का इतिहास और खूबियां: शहर और सागर जिला मुख्य रूप से अनुसूचित जाति वर्ग का जिला है. ऐतिहासिक रूप से ये इलाका काफी समृद्ध माना जाता है. एरन के पास के पुरातात्विक स्थल से गुप्त काल के कई शिलालेख का पता चलता है. शहर के बीचों बीच विशाल लाखा बंजारा झील है. कहा जाता है कि इसी वजह से शहर का नाम सागर पड़ा है. सागर 1660 में उड़ान सिह द्वारा स्थापित किया गया. ब्रिटिश काल में 1867 में सागर नगर पालिका में गठन किया गया. सागर शहर की पहचान डाॅ हरीसिंह गौर द्वारा 1946 में स्थापित सागर विश्वविद्यालय के कारण पूरे देश में है. इस विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया है. बुंदेला विद्रोह और 1857 की क्रांति के कारण सागर में विशाल सैन्य छावनी स्थापित की गयी थी, जो अभी भी मौजूद है. यहां का प्रमुख व्यावसाय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण है. इसके अलावा बीड़ी निर्माण और रेलवे इंजीनियरिंग उद्योग के लिए सागर की पहचान है. सागर में जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी, स्टेट फोरेंसिक लैब और डीएनए लैब स्थापित है.

पिछले तीन विधानसभा से बीजेपी के शैलेन्द्र जैन का कब्जा:

विधानसभा चुनाव 2008: विधानसभा चुनाव 2008 में बीजेपी ने अपने तत्कालीन जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र जैन को सागर तीन बार से विधायक सुधा जैन का टिकट काटकर टिकट दिया. कांग्रेस ने भी जैन रूझान वाली सीट पर अपने पूर्व विधायक प्रकाश जैन को उम्मीदवार बनाया. भाजपा के शैलेन्द्र जैन 46 हजार 53 मत हासिल किये, जो कुल मतदान का 34 प्रतिशत था. वहीं कांग्रेस के प्रकाश जैन को 25 हजार 149 वोट हासिल हुए. इस तरह करीब 21 हजार मतों से शैलेन्द्र जैन ने जीत हासिल की.

Year 2018 Result
साल 2018 का रिजल्ट

विधानसभा चुनाव 2013: विधानसभा चुनाव 2013 में सागर सीट पर भाजपा ने फिर शैलेन्द्र जैन पर भरोसा जताया. वहीं कांग्रेस ने इस बार ब्राह्मण उम्मीदवार पर भरोसा जताते हुए सुशील तिवारी को टिकट दिया. शैलेन्द्र जैन 64 हजार 351 वोट हासिल कर जीत दर्ज की. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सुशील तिवारी ने 56 हजार 128 वोट हासिल हुए. इस तरह शैलेन्द्र जैन ने अपने प्रतिद्वंदी को 8223 मतों के अंतर से हराकर लगातार दूसरी बार जीत हासिल की.

sagar seat report card
सागर सीट का रिपोर्ट कार्ड

विधानसभा चुनाव 2018: विधानसभा चुनाव 2018 में जब कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला था. तब तीसरी बार भाजपा ने अपने दो बार के विधायक शैलेन्द्र जैन पर भरोसा जताया. पूरे प्रदेश में जहां भाजपा को कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा. वहीं कांग्रेस द्वारा जैन उम्मीदवार उतारे जाने के बाद भी तीसरी बार बड़े अंतर से जीत हासिल की. शैलेन्द्र जैन को 67 हजार 227 मत मिले. जो कुल मतदान का 50.96% था. वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी नैवी जैन के लिए 49 हजार 861 मत मिले. जो कुल मतदान का 37.79% प्रतिशत था. इस तरह करीब 18 हजार वोट से शैलेन्द्र जैन ने तीसरी बार जीत हासिल की.

Year 2018 Result
साल 2018 का रिजल्ट

सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति वाले मतदाता की सीट पर जैनों का कब्जा: सागर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो पिछले 38 साल से सागर विधानसभा के मतदाता जैन समाज के नेता को अपना विधायक बनाते आ रहे हैं. अब तक सागर की जनता ने 8 बार जैन नेता को अपना विधायक चुना है. दो बार कांग्रेस और 6 बार भाजपा के जैन उम्मीदवार चुनाव जीते है. जबकि सागर में जैन मतदाताओं की अपेक्षा अनुसूचित जाति और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. सागर विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 40 हजार से ऊपर है, तो वहीं ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या करीब 30 हजार है, लेकिन करीब 20 हजार मतदाता संख्या वाला जैन समुदाय पिछले 38 सालों से इस सीट पर कब्जा बनाए हुए है. जानकार मानते हैं कि बुंदेलखंड के व्यापार व्यावसाय पर पकड़ के अलावा जैन समाज की एकजुटता चुनाव जीत का बड़ा कारण है.

सागर विधानसभा के प्रमुख मुद्दे: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी मिशन में सागर का नाम 100 शहरों में शामिल था. जिन शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा. स्मार्ट सिटी के तहत किए गए कार्यों को भाजपा जहां अपनी उपलब्धि बता रही है, तो इन कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. वहीं सागर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जाने के बाद सागर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा के बाद भी विश्वविद्यालय स्थापित नहीं किया गया है. औद्योगिकीकरण के मामले में सागर शहर काफी पिछड़ा हुआ है, बेरोजगारी बड़ी समस्या है.

Shailendra Jain BJP MLA
शैलेंद्र जैन बीजेपी विधायक
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  1. MP Seat Scan Dabra: ग्वालियर की हाईप्रोफाइल सीट है डबरा, जानिए इस सीट पर सिंधिया और इमरती देवी का कनेक्शन
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सागर के 2023 के दावेदार: सागर विधानसभा चुनाव 2023 के लिए शैलेन्द्र जैन जहां अपने कराए विकास कार्यों पर चौथी बार टिकट हासिल करने के लिए दावेदारी कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ जैन समुदाय के अन्य नेता टिकट की दौड़ में शामिल है. दूसरी तरफ सागर से ब्राह्मण दावेदारों में सुशील तिवारी, जिनकी पत्नी संगीता तिवारी सागर से महापौर चुनी गयी है. इसके अलावा स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के संस्थापक अनिल तिवारी के अलावा युवा नेता श्याम तिवारी और अर्पित पांडे प्रमुख दावेदार है. इसके अलावा जैन समुदाय से नैवी जैन,कपिल मलैया, मुकेश जैन ढाना, अनिल जैन नैनधरा और महिला मोर्चा की नेता नेहा जैन के नाम प्रमुख दावेदारों में है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से सुनील जैन, निधि जैन, चक्रेश सिंघई के अलावा ब्राह्मणों में अमित दुबे, पुरूषोत्तम चौबे, मुकुल पुरोहित, अशोक श्रीवास्तव के अलावा कई दावेदार दावेदारी कर रहे हैं.

Last Updated : Nov 15, 2023, 8:27 AM IST
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