सागर। स्नेक कैचर अकील बाबा और करीब 7 फीट लंबे कोबरा का पिछले कई महीनों से लुकाछिपी का खेल चल रहा था. शहर के उपनगर मकरोनिया इलाके में कोबरा होने की सूचना मिलती और हर बार की तरह अकील बाबा कोबरा को पकड़ने के लिए मौके पर पहुंचते, लेकिन शातिर कोबरा अकील बाबा को चकमा दे जाता. कभी बेसमेंट में तो कभी किसी घर में कोबरा ऐसे गुम हो जाता कि घंटे की मेहनत के बाद भी अकील बाबा उसे तलाश नहीं पाते. इसी कोबरा के बारे में इतवार को अकील बाबा को सूचना मिली कि एक निर्माणाधीन मकान में काफी बड़ा कोबरा मलबे में बैठा हुआ है, जैसे ही अखिल बाबा उसको पकड़ने पहुंचे, वह फिर गायब हो गया, लेकिन इस बार अकील बाबा ने हार नहीं मानी और मौत का दूसरा नाम कहे जाने वाले कोबरा को धर दबोचा.
क्या है मामला: शहर के जाने-माने स्नेक कैचर अकील बाबा को रविवार दोपहर सूचना मिली थी कि मकरोनिया में एक निर्माणाधीन मकान के मलबे में विशालकाय कोबरा बैठा हुआ है. सूचना पर तत्काल अकील बाबा मौके पर पहुंचे और कोबरा को पकड़ने की कोशिश करने लगे, लेकिन कोबरा चकमा देकर जमीन के अंदर घुस गया. काफी तलाश करने के बाद कोबरा नजर नहीं आया, तो स्नैककैचर अकील बाबा ने मौके पर मौजूद मजदूरों से खुदाई कराई. करीब आधे घंटे खुदाई के बाद जमीन के अंदर कोबरा मिल गया. कोबरा मिल तो गया, लेकिन उसको काबू करना इतना आसान नहीं था. स्नैक कैचर अकील बाबा ने करीब आधे घंटे की मेहनत मशक्कत के बाद कोबरा को पकड़ा और सुरक्षित अपने साथ ले गए.
छठी कोशिश में हत्थे चढ़ा कोबरा: स्नैक कैचर अकील बाबा ने बताया कि "ये कोबरा इस इलाके में पिछले कई दिनों से डेरा जमाए हुआ था. पहले इस कोबरा की एक मकान के बेसमेंट में होने की सूचना मिली थी, मैं तब भी पकड़ने आया था, लेकिन वो गायब हो गया था. फिर इसकी एक मकान में होने की सूचना मिली, लेकिन फिर भी यह हाथ नहीं आया. इस तरह करीब पांच बार इस कोबरा को पकड़ने यहां आ चुका हूं. इस कोबरा की निर्माणाधीन मकान में होने की सूचना मिली, लेकिन हमेशा की तरह यह जमीन के अंदर घुस गया. मजदूरों से खुदाई करने के बाद उसकी थोड़ी झलक नजर आई और फिर आधे घंटे की मेहनत के बाद इस पर काबू पाया जा सका. यह काफी खतरनाक होता है और काफी उम्र दराज कोबरा है, जिसका वजन करीब 8 किलो है. यह अगर किसी को डस ले तो तत्काल मौत हो जाती है.