सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. उमेश पटेल ने बताया कि मॉक ड्रिल किया गया, जिसमें डीन डॉ.आरएस वर्मा और अधीक्षक डॉ.एसके पिपल सहित संबंधित चिकित्सक अधिकारी कर्मचारी सम्मिलित हुए. इनमें नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ को भी शामिल किया गया. हमारे यहां वायरोलॉजी लैब में पर्याप्त मात्रा में कोरोना की जांच के लिए मशीनें उपलब्ध हैं. इसके अलावा rt-pcr किट और रपिड एंटीजन किट उपलब्ध हैं. साथ ही n95 मास्क पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं.
ऑक्सीजन की भी पर्याप्त उपलब्धता : हमारे यहां ऑक्सीजन की भी पर्याप्त उपलब्धता है. बीएमसी में 13 केएल के दो बड़े टैंक हैं. इसके अलावा 270 जंबो आक्सीजन सिलेंडर 112 छोटे सिलेंडर उपलब्ध हैं. जिसके जरिए 400 से 450 पलंग पर ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था है. पर्याप्त मात्रा में हमारे पास आईसीयू बेड उपलब्ध हैं,जिनकी संख्या 70 से 80 है. मेडिकल कॉलेज में सभी महत्वपूर्ण दवाइयां उपलब्ध हैं और संबंधित इलाज के लिए सभी चिकित्सक, 180 पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ है. बीएमसी प्रबंधन ने सभी चिकित्सकों को दिशा निर्देश जारी किए हैं कि मरीज के आने पर तत्काल आइसोलेट कर उपचार शुरू करें और सभी से अपील है कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें.
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पर 6 जिलों की निर्भरता : दरअसल, सागर स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर संभाग का एकमात्र मेडिकल कॉलेज है. सागर संभाग के 6 जिलों सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना और निवाड़ी के मरीज रेफर किए जाते हैं. इन सभी जिलों में जिला चिकित्सालय के अलावा सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्र जैसी व्यवस्थाएं हैं. लेकिन कोरोना जैसी महामारी में सारा भार बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पर आ जाता है. सभी जिलों की जांच के अलावा गंभीर मरीजों के इलाज की व्यवस्था जिम्मेदारी भी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की होती है. बीएमसी प्रबंधन के अनुसार संभावित कोरोना की लहर को देखते हुए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं मुस्तैद और पर्याप्त हैं.