सागर। ग्वालियर की एनआरआई काॅलेज के बाद अब सागर के BTIRT कॉलेज पटवारी परीक्षा में चयन के विवादों में फंस गया है. दरअसल पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि इस काॅलेज से एक जाति विशेष के 9 बच्चों का एक साथ चयन हुआ है, जिसमें एक ही परिवार के छह बच्चे हैं. इस मामले में BTIRT काॅलेज द्वारा सफाई पेश कर आरोपों को निराधार बताया गया है और कहा है कि ''वर्तमान में इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा के चलते काॅलेज को बदनाम किया जा रहा है. जिन छात्रों के हमारे काॅलेज से चयनित होने का दावा किया जा रहा है,उनमें से करीब पांच छात्रों का हमारे यहां सेंटर ही नहीं था. सोशल मीडिया पर जो प्रवेश पत्र दिखाए जा रहे हैं, वह गलत है और कॉपी पेस्ट करके बनाए गए हैं.'' कॉलेज प्रबंधन ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के अलावा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह से शिकायत की है. कॉलेज का कहना है कि हम परीक्षा के लिए सिर्फ कम्प्यूटर लैब और पर्यवेक्षक उपलब्ध कराते हैं. हमारा परीक्षा के अन्य कामों से कोई लेना देना नहीं है.
क्या है मामला: पटवारी परीक्षा में ग्वालियर की एनआरआई कालेज में गड़बड़ी सामने आने के बाद अब सागर स्थित BTIRT काॅलेज पर धांधली के आरोप लग रहे हैं. हालांकि ये आरोप सोशल मीडिया पर ही लगाए जा रहे हैं और कुछ प्रवेश पत्र शेयर कर दावा किया जा रहा है कि BTIRT काॅलेज से एक जाति विशेष के 9 बच्चे एक साथ चयनित हुए हैं. ये भी आरोप लगाया जा रहा है कि काॅलेज से एक ही परिवार के 6 बच्चों का चयन पटवारी परीक्षा में हुआ है.
क्या कहना है काॅलेज का: इस मामले में BTIRT काॅलेज द्वारा सफाई पेश की गयी है. काॅलेज का कहना है कि ''कर्मचारी चयन बोर्ड भोपाल रिक्त पदों के लिए आनलाइन परीक्षाएं आयोजित कराता है. जिसके लिए परीक्षार्थियों को संभागीय और जिला मुख्यालय पर संचालित शासकीय,अशासकीय काॅलेज को परीक्षा केंद्र के रूप में आवंटित किया जाता है. इन दिनों सागर के प्रतिस्पर्धी कॉलेजों द्वारा एक सोची समझी साजिश के तहत सोशल मीडिया पर BTIRT कॉलेज का नाम उछाला जा रहा है. वर्तमान में इंजीनियरिंग काॅलेज में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है. कालेज की शैक्षणिक गुणवत्ता, बेहतर कैंपस और उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम के चलते प्रतिस्पर्धी कालेज बेवजह बदनाम करने का षडयंत्र कर रहे हैं.''
BTIRT काॅलेज ने की शिकायत: BTIRT द्वारा दुष्प्रचार की शिकायत साइबर सेल में की गयी है. इसके अलावा जिला कलेक्टर और मुख्यमंत्री से भी शिकायत की गयी है. सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाया जा रहा है कि बोर्ड की संयुक्त चयन परीक्षा में चयनित एक समाज विशेष के परीक्षार्थी संबंधित परीक्षा केंद्र में शामिल हैं. जबकि परीक्षा के संचालन हेतु एंजेसी बोर्ड नियुक्त करता है और संपूर्ण परीक्षा की निगरानी एंजेसी और बोर्ड के नियुक्त पर्यवेक्षक करते हैं. बीटीआईआरटी संस्थान में परीक्षा कराने के लिए परिसर के कम्प्यूटर लैब और कक्ष बोर्ड को उपलब्ध कराए जाते हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से चयनित परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र और केंद्र को लेकर जो सवाल उठाए जा रहे हैं, वो असत्य और भ्रामक है. उनमें से कई परीक्षार्थी का परीक्षा केंद्र बीटीआईआरटी था ही नहीं. ये भ्रामक जानकारी सोशल मीडिया पर संस्था की छवि धूमिल करने के लिए की जा रही है.