सागर। टीकमगढ़ के जतारा में चुनावी सभा को संबोधित करने आए उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि कांग्रेस बड़ी चालाक पार्टी है, इससे बचकर रहना. अखिलेश यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा बेटी और महिलाएं असुरक्षित है. मीडिया से बातचीत के दौरान जब अखिलेश यादव से पूछा गया कि यदि उनकी पार्टी मध्यप्रदेश में किंग मेकर बनती है, तो वह किस के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे, तो अखिलेश का जबाब था कि किंगमेकर बनना जरूरी नहीं है. हमारी पहली प्राथमिकता ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण और जातिगत जनगणना कराना है. इंडिया गठबंधन के भविष्य के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये गठबंधन सिर्फ केंद्र में चलेगा, प्रदेश में नहीं. वहीं उन्होंने जातिगत जनगणना को लेकर बीजेपी को आड़े हाथों लिया और कहा कि बीजेपी भी पिछड़ों के खिलाफ है, इसलिए बीजेपी और कांग्रेस पार्टी से बचकर रहें.
क्या कहा अखिलेश यादव ने: टीकमगढ़ के जतारा में सपा प्रत्याशी के समर्थन में सभा करने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी जो पिछड़ों और आरक्षण के खिलाफ थी, वह भी आज जाति जनगणना की बात कर रही है. इसलिए मैं जनता से कह रहा हूं कि इन दोनों दलों से सावधान रहें, चुनाव आ गया है. PDA की ताकत को वह समझ रहे हैं, क्योंकि वह जानते हैं कि अगर उन्होंने आबादी के हिसाब से हक और सम्मान मांगा, तो यह कहीं की नहीं रहेंगे.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 80 करोड़ लोगों को अगले 5 साल तक मुफ्त राशन देने की बात पर अखिलेश यादव ने कहा कि "एक तरफ कह रहे हैं कि गरीबी कम हो रही है और दूसरी तरफ कह रहे हैं कि अभी 5 साल और राशन मिलेगा. पीएम मोदी और बीजेपी को सोचना चाहिए यह लोगों को गुलाम बनाना चाहते हैं कि लोग पढ़े लिखे नहीं, नौकरी रोजगार देना पड़ेगा, राशन के नाम पर वोट ले लो." वहीं मध्य प्रदेश चुनाव में अगर समाजवादी पार्टी किंग मेकर की स्थिति में आती है, तो अखिलेश यादव किसका साथ देंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि "हमें एक किंग मेकर बनना जरूरी नहीं है, उससे ज्यादा जरूरी है कि ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जाए और जातिगत जनगणना हो." इंडिया गठबंधन का भविष्य क्या होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी तो पीडीए की बात से सब घबराए हुए हैं.
अखिलेश के निशाने पर कांग्रेस बीजेपी दोनों: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में अखिलेश यादव कि कांग्रेस से गठबंधन की बातचीत विफल होने के बाद लगातार अखिलेश यादव आक्रामक रवैया अपनाए हुए हैं, वह पिछड़ा दलित और आदिवासी वर्ग को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं और कांग्रेस और भाजपा दोनों उनके निशाने पर हैं. कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधे मुकाबले में अखिलेश यादव की कोशिश है कि वह किंग मेकर की स्थिति में आ जाएं.