सागर। चुनावी साल में मतदाताओं को रिझाने के लिए नेता और मंत्री धार्मिक आयोजनों का सहारा ले रहे हैं. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र खुरई में कमल किशोर नागर की श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. कथा में भीड़ जुटाने के लिए खुरई एसडीएम द्वारा विकास खंड शिक्षा अधिकारी को स्कूल संचालन में समय परिवर्तन करने के लिए कहा गया, जिससे विद्यार्थी और उनके परिजन कथा में शामिल हो सकें. एसडीएम के आदेश के बाद विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूल का समय भी परिवर्तित कर दिया. मामला तूल पकड़ने के बाद मानव अधिकार आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
कथा के कारण सिर्फ 11:30 बजे तक लगते हैं स्कूल: संत कमल किशोर नागर की भागवत कथा के आयोजन को देखते हुए खुरई एसडीएम ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को आदेश जारी करते हुए लिखा कि 9 से 15 दिसंबर तक खुरई में कथा का आयोजन किया जा रहा है. ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थी और उनके परिजन कथा में शामिल होंगे. इसलिए सुविधा अनुसार समय परिवर्तन किया जाए. एसडीएम के आदेश के बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने सुबह 11:30 बजे तक स्कूल लगाए जाने का आदेश दिया. वहीं दूसरी तरफ सर्दी के कारण कलेक्टर पहले ही सुबह 8:30 बजे से स्कूल संचालित करने का आदेश जारी करते हैं, इस आदेश के बाद खुरई में सिर्फ 3 घंटे सुबह 8:30 से 11:30 तक स्कूल लगते हैं.
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क्या कहना है जिम्मेदार अधिकारियों का: इस मामले में खुरई एसडीएम मनोज चौरसिया का कहना है कि कथा के कारण समय परिवर्तित किया गया है. शिक्षण कार्य के लिए यह समय पर्याप्त है. जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि कथा के आयोजन के कारण पूरे कस्बे में लाउड स्पीकर लगे हैं और पढ़ाई प्रभावित होती है. इसलिए समय को परिवर्तित किया गया है.
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एसडीएम या ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को नहीं अधिकार: जहां तक की स्कूलों के संचालन के समय परिवर्तन के अधिकार की बात करें, तो ये अधिकार जिले में सिर्फ जिला कलेक्टर को होता है. जिला कलेक्टर जिला शिक्षा अधिकारी की अनुशंसा पर इस तरह के फैसले लेता है. आमतौर पर ऐसे फैसले भारी बारिश तेज गर्मी और ठंड के मौसम को देख कर लिए जाते हैं. एसडीएम और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के लिए ये अधिकार नहीं है.
मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर से मांगा जवाब: मप्र मानव अधिकार आयोग ने सागर जिले के खुरई में एसडीएम के आदेश पर सुबह 11.30 बजे से स्कूल बंद होने की घटना पर संज्ञान लिया है. दरअसल खुरई के एसडीएम मनोज चैरसिया ने खुरई ब्लाॅक के 210 सरकारी और 41 निजी स्कूल सुबह 11.30 बजे बंद कर देने के आदेश दिये हैं, क्योंकि यहां दोपहर 12 बजे से धार्मिक आयोजन हो रहा है, जो 15 दिसम्बर तक चलेगा. एसडीएम के आदेश से ब्लाॅक के 251 स्कूलों के हजारों बच्चों की पढ़ाई लगातार सात दिन तीन घण्टे के लिये ठप्प कर दी गई है. मामले में आयोग ने संचालक, स्कूल शिक्षा संचालनालय, भोपाल व कलेक्टर सागर से प्रकरण की जांच कराकर 15 दिन में तथ्यात्मक जवाब (प्रतिवेदन) मांगा है. आयोग ने अधिकारियों से पूछा है कि क्या इस प्रकार के कार्यक्रम की अनुमति बच्चों को प्राप्त शिक्षा पाने के मौलिक अधिकार के उपयोग पर अधिभावी/अधिमान्यता प्रभाव रखती है या इसके लिए कोई वैधानिक बाध्यता है. ऐसे कार्यक्रम में कोलाहल निवारण अधिनियम के अंतर्गत अनुमति की क्या बाध्यतायें एवं सीमायें है ? क्या इन सभी का पालन सुनिश्चित किया गया है ?