सागर। मध्य प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों में अब जनता नहीं, बल्कि पार्षद ही महापौर और अध्यक्ष को चुनेंगे. यानी निकाय प्रमुख का चुनाव अब अप्रत्यक्ष रूप से होगा. इस फैसले के खिलाफ सागर में विभिन्न स्थानों पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया.
बीजेपी ने ज्ञापन में कहा है कि यह संशोधन कांग्रेस की सरकार ने किया है, जिसका भारतीय जनता पार्टी विरोध करती है. नए नियम के विरोध में आम जनता भी है. इस नई प्रणाली से शहर के विकास कार्यों पर असर पड़ेगा.
सागर नगर निगम के वर्तमान महापौर अभय दरे ने कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि प्रत्यक्ष प्रणाली से चयनित अध्यक्ष या महापौर, वार्ड पार्षद के कार्यों से असंतुष्ट जनता सीधे इन प्रतिनिधियों से सवाल कर सकती है, जबकि पार्षद के बनाये गए प्रतिनिधि पर आम जनता का कोई दबाव नहीं रह जाएगा.
बीजेपी का कहना है कि हर मुद्दों पर असफल कांग्रेस सरकार को अब आम नागरिक आगे किसी भी सीधे चुनावों में जीत का जनादेश नहीं देगा, नगरीय चुनावों में स्पष्ट दिख रही हार से घबराई कांग्रेस की सरकार ने जानबूझकर यह अनैतिक निर्णय जनता पर थोपा है, जिसका बीजेपी विरोध करती है.