सागर। 31 दिसंबर की सर्दी भरी रात एक आदिवासी युवक के लिए दुख और मुसीबत का पहाड़ लेकर आई. छतरपुर के रहने वाले आदिवासी युवक सागर रेलवे स्टेशन (sagar railway station) पर लगी लिफ्ट में अचानक खराब होने से फंस गया. इसे करीब 6 घंटे की मशक्कत के बाद भोपाल से आए इंजीनियरों ने सकुशल बाहर निकाला. युवक अपनी डेढ़ साल की बेटी की मौत की खबर पर दिल्ली जाने के लिए निकला था. युवक का हेल्थ चेकअप के बाद उसे घर भेज दिया गया है.
लिफ्ट में रातभर फंसा रहा युवक
जीआरपी थाना सागर से मिली जानकारी के अनुसार, सागर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर लगी लिफ्ट में अचानक खराबी आने से एक युवक फंंस (man struck in lift of sagar railway station) गया. युवक रात करीब 11 बजे से सुबह 5 बजे तक लिफ्ट में युवक फंसा रहा. युवक ने लिफ्ट के अंदर से ही डायल 100 को सूचना दी. सूचना पर स्टेशन प्रबंधन और जीआरपी पुलिस रात ने स्थानीय मैकेनिकों को बुलाया, लेकिन कोई भी लिफ्ट को ठीक नहीं कर सका. बाद में घटना की सूचना भोपाल रेलवे के आला अधिकारियों को दी गई. भोपाल के इंजीनियरों की टीम 170 किलोमीटर की दूरी तय कर करीब तीन घंटे में सागर पहुंची और लिफ्ट में सुधार कर युवक को सकुशल बाहर निकाला.
बिजली सप्लाई बाधित होने से फंसा युवक
इस पूरे घटनाक्रम में रेलवे की बड़ी चूक सामने आई है. दरअसल पॉवर कट की स्थिति में लिफ्ट चालू रखने के लिए बैटरी बैकअप डाउन पड़ा था. लिफ्टमैन नहीं होने के कारण काफी देर तक तो रेलवे को ही पता नहीं चला कि लिफ्ट फंस गई है. मजदूर ने डायल-100 को फोन किया. तब जाकर रेलवे स्टेशन प्रंबधन को जानकारी मिली.
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छतरपुर जिले का रहने वाला सत्यम आदिवासी है, जो गुरुवार सुबह ही दिल्ली से लौटा था. लेकिन दो घंटे बाद ही दिल्ली से पत्नी का फोन आ गया कि उसकी डेढ़ साल की बेटी बीमार थी, वो अब इस दुनिया में नहीं रही. खबर मिलते ही युवक आनन-फानन में फिर रेलवे स्टेशन पर लौट आया. रात करीब 10:30 बजे दिल्ली की ट्रेन में बैठने 2 नंबर प्लेटफार्म की लिफ्ट में चढ़ा और फंस गया.
अनिल झा, थाना प्रभारी जीआरपी