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डूब क्षेत्र में आई जमीनों का नहीं मिला मुआवजा, भुखमरी की कगार पर किसान

सागर जिले के देवरी विधानसभा के निवारी कला गांव के किसानों की भूमि जलाशय डूब क्षेत्र में आने के बाद भी उन्हें ढाई साल से इसका मुआवजा नहीं मिला है.

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भुखमरी की कगार पर पहुंचे किसान
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Published : May 11, 2020, 1:37 AM IST

सागर। देवरी विधानसभा क्षेत्र के निवारी कला गांव में करीब 17 करोड़ 80 लाख की लागत से स्वीकृत, निवारी जलाशय डूब क्षेत्र में आने वाली करीब 300 से अधिक किसानों की कृषि भूमि का मुआवजा ढाई साल बाद भी नहीं मिल सका है. जिससे क्षेत्र के किसानों में सरकार के प्रति आक्रोश पनप रहा है.

2018 में निवारी कला के किसानों की भूमि डूब क्षेत्र में आने के बाद, जिला प्रशासन द्वारा डूब क्षेत्र में आने वाले किसानों की करीब 700 एकड़ भूमि के एवज में मुआवाजा राशि के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू की गई थी. जिसमें निवारी कला, ग्राम अमोदा, ग्राम मुहली, ग्राम कुसमी, ग्राम केकरा एवं सहसपुर क्षेत्र के किसानों का सर्वे किया गया था और जल संसाधन विभाग सागर द्वारा इसका ठेका रीवा के मैसर्स कौशल प्रसाद पटेल को दिया गया. पिछले करीब डेढ़ साल से ठेकेदार द्वारा किसानों की डूब क्षेत्र की अधिकृत कृषि भूमि पर कब्जा करके निर्माण कार्य भी शुरु कर दिया गया, लेकिन अभी तक एक भी किसान को उसकी कृषि भूमि के बदले मुआवजा राशि नहीं दी गई. जबकि किसानों द्वारा इस संबंध में सागर कलेक्टर, देवरी एसडीएम को कई बार लिखित एवं मौखिक शिकायतें की गई हैं.

जमीन छिन जाने और मुआवजा भी नहीं मिलने से करीब 300 किसानों के परिवारों का जीवन यापन का जरिया खत्म हो गया और अब वे भुखमरी की कगार पर आ गए हैं. इस स्थिति से नाराज किसान अब जल्द सुनवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. यहां के स्थानीय विधायक पूर्व मंत्री हर्ष यादव ने भी किसानों की आवाज उठाने की कोशिश की, लेकिन हुआ कुछ नहीं. जबकि स्थानीय प्रशासन कार्रवाई जारी होने का कोरा आश्वासन ही देता नजर आ रहा है.

सागर। देवरी विधानसभा क्षेत्र के निवारी कला गांव में करीब 17 करोड़ 80 लाख की लागत से स्वीकृत, निवारी जलाशय डूब क्षेत्र में आने वाली करीब 300 से अधिक किसानों की कृषि भूमि का मुआवजा ढाई साल बाद भी नहीं मिल सका है. जिससे क्षेत्र के किसानों में सरकार के प्रति आक्रोश पनप रहा है.

2018 में निवारी कला के किसानों की भूमि डूब क्षेत्र में आने के बाद, जिला प्रशासन द्वारा डूब क्षेत्र में आने वाले किसानों की करीब 700 एकड़ भूमि के एवज में मुआवाजा राशि के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू की गई थी. जिसमें निवारी कला, ग्राम अमोदा, ग्राम मुहली, ग्राम कुसमी, ग्राम केकरा एवं सहसपुर क्षेत्र के किसानों का सर्वे किया गया था और जल संसाधन विभाग सागर द्वारा इसका ठेका रीवा के मैसर्स कौशल प्रसाद पटेल को दिया गया. पिछले करीब डेढ़ साल से ठेकेदार द्वारा किसानों की डूब क्षेत्र की अधिकृत कृषि भूमि पर कब्जा करके निर्माण कार्य भी शुरु कर दिया गया, लेकिन अभी तक एक भी किसान को उसकी कृषि भूमि के बदले मुआवजा राशि नहीं दी गई. जबकि किसानों द्वारा इस संबंध में सागर कलेक्टर, देवरी एसडीएम को कई बार लिखित एवं मौखिक शिकायतें की गई हैं.

जमीन छिन जाने और मुआवजा भी नहीं मिलने से करीब 300 किसानों के परिवारों का जीवन यापन का जरिया खत्म हो गया और अब वे भुखमरी की कगार पर आ गए हैं. इस स्थिति से नाराज किसान अब जल्द सुनवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. यहां के स्थानीय विधायक पूर्व मंत्री हर्ष यादव ने भी किसानों की आवाज उठाने की कोशिश की, लेकिन हुआ कुछ नहीं. जबकि स्थानीय प्रशासन कार्रवाई जारी होने का कोरा आश्वासन ही देता नजर आ रहा है.

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