ETV Bharat / state

नई सुबह! पुलिस के लिए कैदी बुन रहे खादी की 'खाकी' - Khaki uniform of police

सागर की केंद्रीय जेल में सजा काट रहे कैदी खाकी वर्दी का कपड़ा बनाने का काम भी शुरू होने जा रहा है. खास बात यह है कि इस वर्दी का कपड़ा इसी जेल में तैयार होगा.

Sagar Central Jail
सागर की केंद्रीय जेल
author img

By

Published : Feb 5, 2021, 4:03 PM IST

Updated : Feb 5, 2021, 8:08 PM IST

सागर। जिले की केंद्रीय जेल में सजा काट रहे कैदियों को हुनरमंद बनाने के लिए केंद्रीय जेल लगातार नवाचार करता रहा है. इसी कड़ी में अब केंद्रीय जेल में ही पुलिस की खाकी वर्दी का कपड़ा बनाने का काम भी शुरू होने जा रहा है. खास बात यह है कि इस वर्दी का कपड़ा इसी जेल में तैयार होगा. जिसमें 50 फीसदी खादी मिलाई जाएगी. जेल में यह कैदी इसके अलावा शर्ट, पैंट से लेकर शॉल, दुपट्टा और जरी वर्क का काम भी बखूबी कर रहे हैं. इनके द्वारा की गई उत्कृष्ट बुनकारी की सराहना, जेल की हथकरघा कारीगरी देखकर लगाई जा सकती है. वहीं इसकी सहारना तकनीकी एवं शिक्षा कौशल विकास मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी कर चुकी है.

कपड़े बनाने में 50 फीसदी खादी

खादी का काम शुरू होने के बाद वर्दी के लिए इसे किफायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. जेल परिसर में 24 हैंडलूम सरकारी और 54 हैंडलूम सक्रिय सम्यक दर्शन सहकारी संघ द्वारा संचालित है. पुलिस की वर्दी का कपड़ा बाजार में टेरीकॉट का आता है, यहां जो खाकी तैयार होगी. उसमें 50 फीसदी का उपयोग खादी का होगा. जो अच्छी गुणवत्ता के होंगे.

केंद्रीय जेल के कैदी बुन रहे खादी की खाकी

अब नहीं होते कैदियों में झगड़े

हैंडलूम में सजायाफ्ता कैदियों को प्रशिक्षित के बाद काम दिया जा रहा है. वर्तमान में 95 कैदियों को यहां से रोजगार मिल रहा है. पिछले एक साल में 16 लाख रुपए का भुगतान भी इन्हें किया गया है. खादी से कमाए पैसे वह अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए घरों के लिए भेज रहे हैं. इस काम को करते रहने से कैदियों में टकराव व अन्य विवाद की घटनाएं भी कम हो गई है. जेल परिसर में ही खादी के वस्त्र विक्रय के लिए शोरूम भी खोला गया है. यहां से साड़ी, शर्ट व अन्य वस्त्र की ऑनलाइन शॉपिंग भी की जा रही है. इस मामले में जेल में सजा काट रहे कैदियों का कहना है कि यहां से जो रोजगार मिला है. वह अच्छी बात है, जेल से छूटने के बाद भी वह बाहर इस हुनर का उपयोग कर सकेंगे.

मॉडल है हथकरघा केंद्र

इस मामले में जेल के अधिकारियों का कहना है कि हथकरघा केंद्र की स्थापना एक मॉडल है. यह खादी की साड़ियां बंदियों के कपड़े के बाद कपड़ा तैयार कर रही है. इस काम को कैदी बड़े लगन से सीख रहे हैं. यहां की बनी हुई साड़ियां बाहर भी भेजी जा रही है. जेल में इन कैदियों को मदद के साथ ही शिष्टाचार, संस्कार और संयम के लिए दिनचर्या में प्रार्थना और मेडिटेशन भी कराया जाता है, ताकि उनके भीतर एक सकारात्मक सोच मजबूत हो सके. निश्चित ही सागर की केंद्रीय जेल में कैदियों की सजा पूरी होने के बाद उन्हें रोजगार मिलने और स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाएंगे.

सागर। जिले की केंद्रीय जेल में सजा काट रहे कैदियों को हुनरमंद बनाने के लिए केंद्रीय जेल लगातार नवाचार करता रहा है. इसी कड़ी में अब केंद्रीय जेल में ही पुलिस की खाकी वर्दी का कपड़ा बनाने का काम भी शुरू होने जा रहा है. खास बात यह है कि इस वर्दी का कपड़ा इसी जेल में तैयार होगा. जिसमें 50 फीसदी खादी मिलाई जाएगी. जेल में यह कैदी इसके अलावा शर्ट, पैंट से लेकर शॉल, दुपट्टा और जरी वर्क का काम भी बखूबी कर रहे हैं. इनके द्वारा की गई उत्कृष्ट बुनकारी की सराहना, जेल की हथकरघा कारीगरी देखकर लगाई जा सकती है. वहीं इसकी सहारना तकनीकी एवं शिक्षा कौशल विकास मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया भी कर चुकी है.

कपड़े बनाने में 50 फीसदी खादी

खादी का काम शुरू होने के बाद वर्दी के लिए इसे किफायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. जेल परिसर में 24 हैंडलूम सरकारी और 54 हैंडलूम सक्रिय सम्यक दर्शन सहकारी संघ द्वारा संचालित है. पुलिस की वर्दी का कपड़ा बाजार में टेरीकॉट का आता है, यहां जो खाकी तैयार होगी. उसमें 50 फीसदी का उपयोग खादी का होगा. जो अच्छी गुणवत्ता के होंगे.

केंद्रीय जेल के कैदी बुन रहे खादी की खाकी

अब नहीं होते कैदियों में झगड़े

हैंडलूम में सजायाफ्ता कैदियों को प्रशिक्षित के बाद काम दिया जा रहा है. वर्तमान में 95 कैदियों को यहां से रोजगार मिल रहा है. पिछले एक साल में 16 लाख रुपए का भुगतान भी इन्हें किया गया है. खादी से कमाए पैसे वह अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए घरों के लिए भेज रहे हैं. इस काम को करते रहने से कैदियों में टकराव व अन्य विवाद की घटनाएं भी कम हो गई है. जेल परिसर में ही खादी के वस्त्र विक्रय के लिए शोरूम भी खोला गया है. यहां से साड़ी, शर्ट व अन्य वस्त्र की ऑनलाइन शॉपिंग भी की जा रही है. इस मामले में जेल में सजा काट रहे कैदियों का कहना है कि यहां से जो रोजगार मिला है. वह अच्छी बात है, जेल से छूटने के बाद भी वह बाहर इस हुनर का उपयोग कर सकेंगे.

मॉडल है हथकरघा केंद्र

इस मामले में जेल के अधिकारियों का कहना है कि हथकरघा केंद्र की स्थापना एक मॉडल है. यह खादी की साड़ियां बंदियों के कपड़े के बाद कपड़ा तैयार कर रही है. इस काम को कैदी बड़े लगन से सीख रहे हैं. यहां की बनी हुई साड़ियां बाहर भी भेजी जा रही है. जेल में इन कैदियों को मदद के साथ ही शिष्टाचार, संस्कार और संयम के लिए दिनचर्या में प्रार्थना और मेडिटेशन भी कराया जाता है, ताकि उनके भीतर एक सकारात्मक सोच मजबूत हो सके. निश्चित ही सागर की केंद्रीय जेल में कैदियों की सजा पूरी होने के बाद उन्हें रोजगार मिलने और स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाएंगे.

Last Updated : Feb 5, 2021, 8:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.