सागर। सागर जिले में जहां प्रति माह 4 लाख लीटर केरोसिन की खपत होती थी, वह अब सिर्फ 12 हजार प्रति माह मीटर रह गई है. दरअसल, केंद्र सरकार ने पिछले साल केरोसिन पर सब्सिडी खत्म कर दी थी. इसीलिए केरोसिन के भाव पेट्रोल- डीजल की तरह आसमान छू रहे हैं. किसी भी राशन दुकान पर सरकारी योजना के अंतर्गत आपको गेहूं- चावल तो एक रुपए किलोग्राम के हिसाब से मिल जाएंगे, लेकिन इन्हीं राशन दुकानों से बिकने वाला केरोसिन अगर खरीदना है तो 87 रुपए लीटर कीमत अदा करनी होगी. केरोसिन के दाम 87 रुपए लीटर पहुंचने के कारण गरीब अब भारी जरूरत पड़ने पर ही खरीद रहे हैं और वह भी 100 या 200 मिलीलीटर मांग रहे हैं. वहीं, राशन दुकान संचालक परेशान हैं. राशन दुकान संचालकों ने धीरे-धीरे केरोसिन बांटना ही बंद कर दिया है. जबकि गरीब लोगों का कहना है कि केरोसिन की अभी भी उतनी ही जरूरत है, जितनी पहले थी. लेकिन महंगा होने के कारण हम खरीद नहीं पा रहे हैं.
उज्जवला योजना के कारण बंद कर दी सब्सिडी : केरोसिन राशन दुकानों के माध्यम से वितरित किया जाता है. अप्रैल 2021 में सरकार ने इस आधार पर केरोसिन की सब्सिडी समाप्त कर दी थी कि केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी उज्जवला योजना के कारण लोगों ने इसका उपयोग बंद कर दिया है. केंद्र सरकार द्वारा जब सब्सिडी खत्म की गई थी, तब केरोसिन की कीमत 22 रुपए प्रति लीटर के आसपास थी. लेकिन सब्सिडी खत्म होने के बाद ये कीमत धीरे-धीरे करके 87 रुपएलीटर तक पहुंच गई है. केरोसिन के सिर्फ 1 साल में 4 गुना दाम बढ़ जाने के कारण गरीब को अपना चूल्हा जलाने में परेशानी हो रही है. लोगों का कहना है कि हर व्यक्ति के पास उज्जवला योजना का सिलेंडर नहीं है और है भी तो हर व्यक्ति भरवा नहीं पा रहा है.
कैसे पहुंचा 87 रुपए लीटर तक केरोसिन : मार्च 2021 तक केरोसिन के दाम 20 से 25 रुपए प्रति लीटर तक थे. लेकिन केंद्र सरकार ने अप्रैल 2021 में केरोसिन से सब्सिडी घटाने का फैसला किया और सरकार के इस फैसले के चलते धीरे-धीरे केरोसिन पेट्रोल और डीजल से कीमतों का मुकाबला करने लगा. अक्टूबर 2021 में केरोसिन के भाव 44 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए थे. नवंबर में भाव 51.23 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए. फरवरी में केरोसिन के दाम 55.27 रुपए प्रति लीटर पहुंच गए और मार्च में केरोसिन की कीमत 62.23 पैसे लीटर हो गई. जून माह में केरोसिन की कीमत 87 रुपए लीटर पहुंच गई है.
उज्जवला योजना के सिलेंडर भी रिफिल नहीं करा पा रहे : सरकार भले ही उज्ज्वला योजना को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है. लेकिन 40 से 50 फ़ीसदी लोग सागर जिले में उज्जवला योजना का गैस सिलेंडर रिफिल नहीं करा रहे हैं और इन लोगों को केरोसिन भी नहीं मिल रहा है. ऐसी स्थिति में साफ है कि अभी भी लोग लकड़ी का उपयोग खाना पकाने के लिए कर रहे हैं. इतना महंगा केरोसिन मिलने से परेशान उपभोक्ता हल्के भाई, राम अहिरवार, पूनम का कहना है कि केरोसिन खरीदना अब बस के बाहर हो गया है. वहीं, इस बारे में जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक राजेंद्र बायकर कहते हैं कि जून माह में सागर जिले के लिए 4 लाख लीटर केरोसिन का आवंटन हुआ था, लेकिन कई राशन दुकान संचालकों ने केरोसिन उठाया ही नहीं. जून माह में 4 लाख लीटर केरोसिन में से सिर्फ 12 हजार लीटर केरोसिन बंटा है. (Kerosene rate 87 per liter) (Kerosene rate near to petrol diesel) (Ration shops stopped Kerosene)