सागर। बर्ड फ्लू ने खतरे की घंटी बजा दी है, मध्यप्रदेश में रोजाना पक्षियों की मौत हो रही है, जिसे लेकर प्रशासन एहतियात बरत रहा है. जिले में बर्ड फ्लू की आशंका के चलते लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. पिछले कुछ महीनों से कड़कनाथ की फार्मिंग जिले में करवाई जा रही है. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 500 कड़कनाथ के चूजे सागर लाए गए थे, जो अब विकसित हो चुके हैं. इनमें करीब 200 अंडे भी मिल चुके हैं, जिससे नए चूजे आने वाले हैं. बर्ड फ्लू की आशंका के चलते कड़कनाथ को क्वारंटीन कर तमाम तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं. डॉक्टर पोल्ट्री फार्म विजिट कर जरूरी दिशा निर्देश दे रहे हैं. फिलहाल कड़कनाथ को पूरी तरह से क्वारंटीन कर दिया गया है. पोल्ट्री फार्म विजिट करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सैनिटाइजर और ग्लव्स अनिवार्य कर दिया गया है.
- मुर्गा-मुर्गियों को दी जा रही दवाइयां
बर्ड फ्लू की आशंका से कड़कनाथ को लेकर प्रशासन सतर्क मोड पर आ गया है. झाबुआ में कड़कनाथ में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद जिले के कड़कनाथ पालन केंद्रों पर एहतियात बरती जा रही है. इन केंद्रों पर नियमित पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टर निरीक्षण करने जा रहे हैं और उनकी सलाह से यहां चूने का छिड़काव किया जा रहा है. मुर्गा-मुर्गियों को खाने पीने में दवाई आदि दी जा रही है.
- अन्य पक्षियों को कर रहे दूर
आसपास के एरिया को भी बैरिकेड कर दिया गया है. कड़कनाथ को दाने डालने और साफ-सफाई करने वाले प्रबंधक भी पूरी तरह से मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं. कड़कनाथ को खुले में विचरण से रोक दिया गया है. वहीं आसपास दूसरे पक्षियों को भी नहीं बैठने दिया जा रहा है ताकि अन्य बाहरी पक्षियों से संक्रमण कड़कनाथ तक न पहुंच सके. वहीं पालन केंद्रों की व्यवस्थाएं भी बंद कर दी गई हैं. यहां देखरेख करने वाले के अलावा अन्य व्यक्तियों का प्रवेश निषेध कर दिया गया है. मुर्गी पालन केंद्र के बाहर वह सभी व्यवस्थाएं की गई हैं जिससे कड़कनाथ किसी भी प्रकार के बाहरी संक्रमण की चपेट में ना आए.
कोरोना काल में जैसे आम जनता को क्वारंटाइन किया गया था. उसी तरह बर्ड फ्लू की आशंका के तहत अब कड़कनाथ जैसे दुर्लभ प्रजाति के मुर्गे मुर्गियों को भी सुरक्षा के लिहाज से क्वारंटाइन कर दिया गया है.
दरअसल कड़कनाथ दुर्लभ प्रजाति के मुर्गें-मुर्गियां हैं जो कि बहुत ज्यादा पौष्टिक होते हैं. इनकी बाजार में बहुत अधिक मांग भी है. यह मूलतः झाबुआ के आदिवासी क्षेत्र में पाए जाते हैं. जोकि धीरे-धीरे विलुप्त हो रहे थे इनके संरक्षण के लिए ही सरकार ने तमाम प्रयास शुरू कर दिए है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी झाबुआ से अपने पोल्ट्री फार्म के लिए कड़कनाथ के चूजे मंगाए थे.