सागर। जिले के सागर उत्तर वन मंडल के खुरई रेंज अंतर्गत वन चौकी जरूवाखेड़ा वन परिक्षेत्र में सागौन की अवैध कटाई का सिलसिल थमने का नाम ले रहा है. इस अवैध कटाई में विभाग के ही अधिकारियों-कर्मचारियों पर मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं. हैरत की बात तो यह है कि, जिन अधिकारियों के बीट में यह कटाई हुई है, वही जांच कर रहे हैं. उत्तर वन मंडल अंतर्गत जरुआखेड़ा परिक्षेत्र में बेशकीमती सागौन के घने जंगल थे. जो अब धीरे-धीरे अवैध कटाई के चलते कम होते जा रहे हैं.
दरअसल, लॉकडाउन के समय भी इन पेड़ों की कटाई का बदस्तूर जारी है. वन माफिया स्थानीय वन अमले की मिलीभगत से इन जंगलों को साफ करने पर आमादा हैं. जंगल कटाई की खबरे जब लोगों की जुबान पर आने लगीं, तो उत्तर वन मंडल के डीएफओ ने कटाई की जांच के लिए एक टीम बनाई है, जो अवैध कटाई की जांच करेगी. लेकिन इस टीम में भी उन्हीं लोगों को रखा गया है जिन पर इस कटाई में मिली भगत का अंदेशा है.
जांच के लिए बनाई गई टीम मुख्य सड़क से लगे अवैध रूप से कटे पेड़ों को छोड़कर अलग दिशा में घूमती रही. जांच टीम सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए जंगलों में घूम रही है. जांच टीम के प्रभारी अर्जुन सिंह कोल ने बताया कि, जंगल में अवैध रूप से कटे मात्र 10 ठूंठ मौके पर मिले हैं. जबकी जांच प्रभारी की खुद जमुनिया बीट में अवैध सागौन की कटाई चल रही है, असलियत मे देखा जाए तो आरएफ 69 और 70 में सैकड़ों की संख्या में सागौन के बेशकीमती पेड़ काटे गये है और इमारती लकड़ी गायब हैं. लेकिन जांच टीम इन्हें पुराने कहकर छुपाने का काम बखूबी कर रही है. वहीं दूसरी टीम के ओम प्रकाश ने बताया कि, हम लोगों को सुबह सात बजे से 11बजे तक 10 पेड़ों के ठूंठ मिले हैं, जिनकी गिनती की गई है, क्षेत्र में बड़े पैमाने की कटाई की गई और जांच टीम को मात्र अवैध रूप से काटे गए 20 पेड़ के ठूंठ ही मिले है. यह जानकारी सागर डीएफओ को मिलने के बाद उन्होंने कहा कि, यदि बड़े पैमाने पर कटाई हुई है, तो दूसरे सर्किल से जांच टीम बनाकर फिर से जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.