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1971 के रणबांकुरों का सम्मान! भारत ने हमेशा के लिए तोड़ दी थी पाकिस्तान की एक टांग - तोड़ दी थी पाकिस्तान की एक टांग

1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान की एक टांग हमेशा के लिए तोड़ दी, विजय दिवस पर 1971 के रणबांकुरों का सम्मान किया गया, उन्होंने बताया कि कैसे युद्ध के दौर में उनकी रणनीति ने पाकिस्तान को हमेशा के लिए शक्तिहीन कर दिया, यानि आधी शक्ति उसकी हमेशा के लिए छीन ली.

Honor of soldiers involved in Indo-Pak war 1971
भारत-पाक युद्ध में शामिल सैनिकों का सम्मान
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Published : Oct 18, 2021, 9:19 AM IST

सागर। दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश का निर्माण और पाकिस्तान से सन 1971 में हुए युद्ध में विजय प्राप्त करने के 50 साल पूरे होने पर सेवादल ने विजय दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें सागर में रह रहे सन 1971 के युद्ध में शामिल हुए 11 जवानों का सम्मान किया गया. 1971 के युद्ध में शामिल रहे कर्नल राम सिंह, मेजर एससी शर्मा सहित अन्य वीर सैनिकों ने युद्ध में अपनी भूमिका और तत्कालीन परिस्थितियों की यादों को साझा किया. उन्होंने इसे एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानते हुए कहा कि सन 1971 में भारत ने पाकिस्तान की एक टांग हमेशा के लिए तोड़ दी थी और अपने दुश्मन मुल्क की ताकत को आधा कर दिया था.

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मेजर एससी शर्मा ने बताया कि किस तरह वह भेष बदलकर बांग्लादेश यानि तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की सीमा में घुस जाते और वहां बगावत कर रहे लोगों तक सैन्य प्रशिक्षण और हथियार पहुंचाते थे. युद्ध के दौरान उनकी पलटन ने सरप्राइज अटैक के तौर पर 23 नवंबर को ही हिली सेक्टर में हमला कर दिया था, जबकि आधिकारिक तौर पर युद्ध 3 दिसंबर से शुरू होकर 16 दिसंबर को समाप्त हुआ था. युद्ध की यादों को साझा करते हुए मेजर एससी शर्मा ने कहा कि युद्ध चाहे परिवार की हो या देश की हमेशा विनाशकारी ही होती है, युद्ध से जनहानि धनहानि के साथ बहुत कुछ बर्बाद हो जाता है.

वहीं कांग्रेस ने भी इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नेतृत्व क्षमता और कूटनीति की जीत बताया. कांग्रेस जिलाध्यक्ष रेखा चौधरी ने 1971 के युद्ध में मिली जीत और बांग्लादेश के निर्माण को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की दूरदर्शिता कूटनीति और नेतृत्व क्षमता का उदाहरण बताया, उन्होंने कहा कि देश के वीर सैनिकों और इंदिरा गांधी ने न सिर्फ पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था, बल्कि पाकिस्तान की ताकत को आधा करते हुए बांग्लादेश में हो रहे अन्याय को समाप्त किया था.

सागर। दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश का निर्माण और पाकिस्तान से सन 1971 में हुए युद्ध में विजय प्राप्त करने के 50 साल पूरे होने पर सेवादल ने विजय दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें सागर में रह रहे सन 1971 के युद्ध में शामिल हुए 11 जवानों का सम्मान किया गया. 1971 के युद्ध में शामिल रहे कर्नल राम सिंह, मेजर एससी शर्मा सहित अन्य वीर सैनिकों ने युद्ध में अपनी भूमिका और तत्कालीन परिस्थितियों की यादों को साझा किया. उन्होंने इसे एक बहुत बड़ी उपलब्धि मानते हुए कहा कि सन 1971 में भारत ने पाकिस्तान की एक टांग हमेशा के लिए तोड़ दी थी और अपने दुश्मन मुल्क की ताकत को आधा कर दिया था.

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मेजर एससी शर्मा ने बताया कि किस तरह वह भेष बदलकर बांग्लादेश यानि तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की सीमा में घुस जाते और वहां बगावत कर रहे लोगों तक सैन्य प्रशिक्षण और हथियार पहुंचाते थे. युद्ध के दौरान उनकी पलटन ने सरप्राइज अटैक के तौर पर 23 नवंबर को ही हिली सेक्टर में हमला कर दिया था, जबकि आधिकारिक तौर पर युद्ध 3 दिसंबर से शुरू होकर 16 दिसंबर को समाप्त हुआ था. युद्ध की यादों को साझा करते हुए मेजर एससी शर्मा ने कहा कि युद्ध चाहे परिवार की हो या देश की हमेशा विनाशकारी ही होती है, युद्ध से जनहानि धनहानि के साथ बहुत कुछ बर्बाद हो जाता है.

वहीं कांग्रेस ने भी इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नेतृत्व क्षमता और कूटनीति की जीत बताया. कांग्रेस जिलाध्यक्ष रेखा चौधरी ने 1971 के युद्ध में मिली जीत और बांग्लादेश के निर्माण को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की दूरदर्शिता कूटनीति और नेतृत्व क्षमता का उदाहरण बताया, उन्होंने कहा कि देश के वीर सैनिकों और इंदिरा गांधी ने न सिर्फ पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था, बल्कि पाकिस्तान की ताकत को आधा करते हुए बांग्लादेश में हो रहे अन्याय को समाप्त किया था.

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