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तनाव से मुक्ति के लिए सागर विश्वविद्यालय में हैप्पीनेस सेंटर की शुरुआत, कुलपति ने खुद पिट्ठू खेलकर किया शुभारंभ - कुलपति ने खुद पिट्ठू खेलकर किया शुभारंभ

देखा जाए तो आजकल हर व्यक्ति के जीवन में तनाव है. कुछ लोग stress से विचलित नहीं होते, जबकि कुछ अवसाद ग्रसित हो जाते हैं. इसिलिए इस तनावभरी जिंदगी में खुश रहना बहुत जरूरी है. इसके लिए आप कोई भी तरीका अपना सकते हैं. इसी उद्देश्य के साथ सागर के डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में happiness center की शुरुआत कुलपित प्रो. नीलिमा गुप्ता ने खुद पारंपरिक खेल पिट्ठू खेलकर की है. (Happiness center started to get rid of stress)

happiness center started at sagar university
कुलपति ने खुद पिट्ठू खेलकर किया शुभारंभ
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Published : Nov 16, 2022, 10:24 AM IST

सागर। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में happiness center की शुरुआत बुधवार को कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने पिट्ठू खेलकर शुरुआत की. उन्होंने कहा कि पढ़ाई की दिनचर्या में ‘हैप्पीनेस’ के लिए भी समय देना आवश्यक है. इसी अवसर पर डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर सांस्कृतिक परिषद द्वारा अंतर अध्ययनशाला देशज खेल एवं cultural activities का शुभारंभ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ. इसी के साथ विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग के परिसर में 'हैप्पीनेस सेंटर' का भी शुभारंभ हुआ. (Happiness center started at sagar university)

तनाव से मुक्ति के लिए सागर विश्वविद्यालय में हैप्पीनेस सेंटर की शुरुआत

तनाव भरी जिंदगी में खुश रहना जरूरीः विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि हम पारंपरिक खेलों के माध्यम से भारतीय परंपरा और संस्कृति को पुनर्जीवित करने की दिशा में बढ़ रहे हैं. happiness center का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि आज की stress भरी जिन्दगी में खुश रहना बहुत जरूरी है. हमारी दिनचर्या में खुशी महसूस करने के लिए कई प्रकार की गतिविधियों में शामिल होकर अपने मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखें. खुशी के साथ एक महत्त्वपूर्ण बात ये है कि इसे जितना बांटेंगे उतनी अधिक खुशी मिलती है. एक खुशदिल इंसान अपने आस-पास के लोगों को भी खुश रख सकता है. हमारे विद्यार्थी पढ़ाई-लिखाई और तमाम तरह के तनाव से मुक्त रखकर और अधिक ऊर्जा और परिश्रम से अपना काम कर सकें. इसी उद्देश्य से ये सेंटर शुरू किया जा रहा है. परिसर में ऐसे वातावरण को निर्मित करने में मदद मिलेगी. जहां विद्यार्थी सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाली विभिन्न गतिविधियों में शामिल होकर अपने तनाव को दूर कर पायेंगे. एक मजबूत इरादे के साथ की गई शुरुआत का परिणाम सदैव अच्छा होता है. मुझे विश्वास है कि विद्यार्थी अपने भविष्य को बेहतर बनाने में खुशी के परिसर का उपयोग करेंगे. जहां विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां भी होंगी. उन्होंने कहा कि गौर उत्सव की शृंखला में आयोजन विश्वविद्यालय की गतिविधियों को और वृहद स्तर पर समृद्ध कर रहा है. (It is important to be happy in a stressful life)

तनाव से छुटकारा दिलाएगा सागर सेंट्रल यूनिवर्सिटी, फिल्मी कलाकार बताएंगे स्ट्रेस फ्री और हैप्पी रहने के गुर

पारंपरिक खेलों का शुभारम्भः कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने पिट्टू खेलकर पारंपरिक खेलों का शुभारम्भ किया. उन्होंने कहा कि ऐसे कई traditional games को मैंने भी अपने बचपन में खेला है. ऐसे खेल काफी आनंददायी होते है. विद्यार्थियों द्वारा निर्मित प्रतीकात्मक 'Gaur Utsav TV' से कुलपति महोदय ने संबोधित करते हुए सभी को शुभकामनाएं प्रदान की. सांस्कृतिक परिषद के समन्वयक डॉ. राकेश सोनी ने बताया कि विवि के विभिन्न अध्ययनशालाओं के विद्यार्थी इसमें प्रतिभाग करेंगे. जिसमें भारतीय पारंपरिक खेल जैसे पिट्टू, कुश्ती, लंगड़ी, कबड्डी, काना दुआ आदि प्रतियोगिताएं आयोजित कीं जाएंगी. इसी तरह विभिन्न विधाओं जैसे नृत्य, संगीत, नाटक, प्रहसन, भाषण, प्रश्नमंच सहित अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी. उन्होंने बताया कि अब तक विश्वविद्यालय के लगभग 2200 विद्यार्थी इस आयोजन में सहभागिता के लिए अपना पंजीकरण करा चुके हैं. (launch of traditional games)

सागर। डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में happiness center की शुरुआत बुधवार को कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने पिट्ठू खेलकर शुरुआत की. उन्होंने कहा कि पढ़ाई की दिनचर्या में ‘हैप्पीनेस’ के लिए भी समय देना आवश्यक है. इसी अवसर पर डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर सांस्कृतिक परिषद द्वारा अंतर अध्ययनशाला देशज खेल एवं cultural activities का शुभारंभ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ. इसी के साथ विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स एंड परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग के परिसर में 'हैप्पीनेस सेंटर' का भी शुभारंभ हुआ. (Happiness center started at sagar university)

तनाव से मुक्ति के लिए सागर विश्वविद्यालय में हैप्पीनेस सेंटर की शुरुआत

तनाव भरी जिंदगी में खुश रहना जरूरीः विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि हम पारंपरिक खेलों के माध्यम से भारतीय परंपरा और संस्कृति को पुनर्जीवित करने की दिशा में बढ़ रहे हैं. happiness center का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि आज की stress भरी जिन्दगी में खुश रहना बहुत जरूरी है. हमारी दिनचर्या में खुशी महसूस करने के लिए कई प्रकार की गतिविधियों में शामिल होकर अपने मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखें. खुशी के साथ एक महत्त्वपूर्ण बात ये है कि इसे जितना बांटेंगे उतनी अधिक खुशी मिलती है. एक खुशदिल इंसान अपने आस-पास के लोगों को भी खुश रख सकता है. हमारे विद्यार्थी पढ़ाई-लिखाई और तमाम तरह के तनाव से मुक्त रखकर और अधिक ऊर्जा और परिश्रम से अपना काम कर सकें. इसी उद्देश्य से ये सेंटर शुरू किया जा रहा है. परिसर में ऐसे वातावरण को निर्मित करने में मदद मिलेगी. जहां विद्यार्थी सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाली विभिन्न गतिविधियों में शामिल होकर अपने तनाव को दूर कर पायेंगे. एक मजबूत इरादे के साथ की गई शुरुआत का परिणाम सदैव अच्छा होता है. मुझे विश्वास है कि विद्यार्थी अपने भविष्य को बेहतर बनाने में खुशी के परिसर का उपयोग करेंगे. जहां विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां भी होंगी. उन्होंने कहा कि गौर उत्सव की शृंखला में आयोजन विश्वविद्यालय की गतिविधियों को और वृहद स्तर पर समृद्ध कर रहा है. (It is important to be happy in a stressful life)

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पारंपरिक खेलों का शुभारम्भः कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने पिट्टू खेलकर पारंपरिक खेलों का शुभारम्भ किया. उन्होंने कहा कि ऐसे कई traditional games को मैंने भी अपने बचपन में खेला है. ऐसे खेल काफी आनंददायी होते है. विद्यार्थियों द्वारा निर्मित प्रतीकात्मक 'Gaur Utsav TV' से कुलपति महोदय ने संबोधित करते हुए सभी को शुभकामनाएं प्रदान की. सांस्कृतिक परिषद के समन्वयक डॉ. राकेश सोनी ने बताया कि विवि के विभिन्न अध्ययनशालाओं के विद्यार्थी इसमें प्रतिभाग करेंगे. जिसमें भारतीय पारंपरिक खेल जैसे पिट्टू, कुश्ती, लंगड़ी, कबड्डी, काना दुआ आदि प्रतियोगिताएं आयोजित कीं जाएंगी. इसी तरह विभिन्न विधाओं जैसे नृत्य, संगीत, नाटक, प्रहसन, भाषण, प्रश्नमंच सहित अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी. उन्होंने बताया कि अब तक विश्वविद्यालय के लगभग 2200 विद्यार्थी इस आयोजन में सहभागिता के लिए अपना पंजीकरण करा चुके हैं. (launch of traditional games)

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