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World's Best Scientists: विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची में सागर यूनिवर्सटी के 4 प्रोफेसर शामिल - सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची

Best Scientists in the World: विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची में सागर यूनिवर्सटी के चार प्रोफेसर शामिल है, आइए जानते हैं इन वैज्ञानिकों ने किन विषयों में महारथ हासिल की है.

Best Scientists in the World
विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों की सूची में सागर यूनिवर्सटी के 4 प्रोफेसर
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 8, 2023, 12:48 PM IST

सागर। सेंट्रल यूनिवर्सटी डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा और शोध से सारी दुनिया में यूनिवर्सटी का नाम रोशन किया है. सागर यूनिवर्सटी के चार शिक्षकों को स्टेनफोर्ड यूनिवर्सटी अमेरिका और एल्सिवियर पब्लिशर्स द्वारा 2023 के लिए जारी विश्व के सर्वेश्रेष्ठ 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया है. वैश्वविक स्तर पर जगह पाने वाले वैज्ञानिकों में फार्मेसी विभाग के प्रो. एस पी व्यास, प्रो संजय कुमार जैन, माइक्रोबायोलोजी विभाग के प्रो. नवीन कानगो और क्रिमिनोलॉजी एवं फोरेंसिंक साइंस विभाग की डॉ. वंदना विनायक शामिल हैं.

कैसे तैयार होती है विश्व के सर्वश्रेष्ठ 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची: स्टेनफोर्ड यूनिवर्सटी अमेरिका और एल्सिवियर पब्लिशर्स हर साल विश्व के सर्वश्रेष्ठ 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची जारी करता है, ये सूची तैयार करने के लिए विज्ञान के 22 क्षेत्र और 174 उपक्षेत्रों के वैज्ञानिकों की रिसर्च और स्टडी का डाटाबेस तैयार किया जाता है. साल भर में कम से कम पांच रिसर्च पेपर प्रकाशित करने वाले वैज्ञानिकों को जगह दी जाती है, रिसर्च में साइटेशन की स्टैण्डर्डडाईज्ड इन्फोर्मेशन एवं इंडेक्स को ऑथरशिप को ध्यान रखकर सूची तैयार होती है. एल्सिवियर पब्लिकेशन एंड स्कोपस विश्व स्तर के साईंटेशन डेटाबेस का रख रखाव करते हैं, यह शोध की गुणवत्ता को प्रमाणित करने वाली विश्व स्तर की मानक संस्था है.

डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के 4 शिक्षक शामिल: विश्व स्तर की सूची में सागर यूनिवर्सटी के रिटायर प्रोफेसर और पूर्व छात्र शामिल हैं, विश्वविद्यालय के शिक्षकों की उपलब्धि पर कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बधाई दी है. फार्मेसी विभाग के रिटायर प्रोफेसर प्रो. सुरेशचंद्र व्यास को लगातार चौथे साल सूची में स्थान मिला है, वहीं फार्मेसी विभाग के ही प्रो. संजय जैन को तीसरी बार सूची में स्थान मिला है.

प्रो. सुरेश चंद्र व्यास: उच्च स्तर के शोध के लिए प्रोफेसर व्यास को चौथी बार सूची में स्थान दिया गया है.उन्होंने लाइपोसोम बाॅयोटैक्नालाॅजी, ओरल वैक्सीनेशन, टीबी के इलाज के नाॅवेल ड्रग डिलेवरी पर शोध किया है, इनके 400 रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं.

प्रो. संजय के जैन: फार्मेसी विभाग में सीनियर प्रोफेसर संजय कुमार जैन को तीसरी बार उच्चस्तरीय शोध के लिए सूची में शामिल किया गया है, उन्होंने बड़ी आंत और मस्तिष्क की बीमारियों के लिए टारगेट थैरेपी का विकास किया है. उन्हें 2018 में भारत के राष्ट्रपति ने विजिटर अवार्ड से सम्मानित किया है, इनके 200 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं. इन्हे 3 अंतराष्ट्रीय व 1 राष्ट्रीय पेटेंट हासिल हैं.

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प्रो. नवीन कानूनगो: लगातार दूसरी बार सूची में सागर यूनिवर्सटी के माइक्रोबायोलोजी के विभागाध्यक्ष प्रो नवीन कानगो की रिसर्च सूक्ष्मजैवीय एन्जाइम्स का स्वास्थ्यवर्धक प्री-बायोटिक, बायो-एथेनोल, मुर्गी के पंखों के अपघटन एवं बहुउपयोगी नैनोपार्टिकल्स बनाने पर आधारित है, इनकी रिसर्च 80 रिसर्च मैग्जीन में प्रकाशित हो चुकी है.

डॉ. वंदना विनायक: सागर यूनिवर्सटी की क्रिमिनोलॉजी एवं फोरेंसिंक साइंस की असिस्टेंट प्रोफेसर की रिसर्च डायटम्स और माइक्रोअलगी से जैव ईधन एवं पिगमेंट्स उत्पादन की नैनोटेक्नोलाजी पर केंद्रित हैं, उन्होंने डीएसटी की ननोमिशन एवं सेपिफेरा परियोजना का संचालन किया हैं. इनका शोध कार्य 60 शोध पत्रों के रूप में प्रकाशित है.

सागर। सेंट्रल यूनिवर्सटी डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा और शोध से सारी दुनिया में यूनिवर्सटी का नाम रोशन किया है. सागर यूनिवर्सटी के चार शिक्षकों को स्टेनफोर्ड यूनिवर्सटी अमेरिका और एल्सिवियर पब्लिशर्स द्वारा 2023 के लिए जारी विश्व के सर्वेश्रेष्ठ 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया है. वैश्वविक स्तर पर जगह पाने वाले वैज्ञानिकों में फार्मेसी विभाग के प्रो. एस पी व्यास, प्रो संजय कुमार जैन, माइक्रोबायोलोजी विभाग के प्रो. नवीन कानगो और क्रिमिनोलॉजी एवं फोरेंसिंक साइंस विभाग की डॉ. वंदना विनायक शामिल हैं.

कैसे तैयार होती है विश्व के सर्वश्रेष्ठ 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची: स्टेनफोर्ड यूनिवर्सटी अमेरिका और एल्सिवियर पब्लिशर्स हर साल विश्व के सर्वश्रेष्ठ 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची जारी करता है, ये सूची तैयार करने के लिए विज्ञान के 22 क्षेत्र और 174 उपक्षेत्रों के वैज्ञानिकों की रिसर्च और स्टडी का डाटाबेस तैयार किया जाता है. साल भर में कम से कम पांच रिसर्च पेपर प्रकाशित करने वाले वैज्ञानिकों को जगह दी जाती है, रिसर्च में साइटेशन की स्टैण्डर्डडाईज्ड इन्फोर्मेशन एवं इंडेक्स को ऑथरशिप को ध्यान रखकर सूची तैयार होती है. एल्सिवियर पब्लिकेशन एंड स्कोपस विश्व स्तर के साईंटेशन डेटाबेस का रख रखाव करते हैं, यह शोध की गुणवत्ता को प्रमाणित करने वाली विश्व स्तर की मानक संस्था है.

डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के 4 शिक्षक शामिल: विश्व स्तर की सूची में सागर यूनिवर्सटी के रिटायर प्रोफेसर और पूर्व छात्र शामिल हैं, विश्वविद्यालय के शिक्षकों की उपलब्धि पर कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बधाई दी है. फार्मेसी विभाग के रिटायर प्रोफेसर प्रो. सुरेशचंद्र व्यास को लगातार चौथे साल सूची में स्थान मिला है, वहीं फार्मेसी विभाग के ही प्रो. संजय जैन को तीसरी बार सूची में स्थान मिला है.

प्रो. सुरेश चंद्र व्यास: उच्च स्तर के शोध के लिए प्रोफेसर व्यास को चौथी बार सूची में स्थान दिया गया है.उन्होंने लाइपोसोम बाॅयोटैक्नालाॅजी, ओरल वैक्सीनेशन, टीबी के इलाज के नाॅवेल ड्रग डिलेवरी पर शोध किया है, इनके 400 रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं.

प्रो. संजय के जैन: फार्मेसी विभाग में सीनियर प्रोफेसर संजय कुमार जैन को तीसरी बार उच्चस्तरीय शोध के लिए सूची में शामिल किया गया है, उन्होंने बड़ी आंत और मस्तिष्क की बीमारियों के लिए टारगेट थैरेपी का विकास किया है. उन्हें 2018 में भारत के राष्ट्रपति ने विजिटर अवार्ड से सम्मानित किया है, इनके 200 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं. इन्हे 3 अंतराष्ट्रीय व 1 राष्ट्रीय पेटेंट हासिल हैं.

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डॉ. वंदना विनायक: सागर यूनिवर्सटी की क्रिमिनोलॉजी एवं फोरेंसिंक साइंस की असिस्टेंट प्रोफेसर की रिसर्च डायटम्स और माइक्रोअलगी से जैव ईधन एवं पिगमेंट्स उत्पादन की नैनोटेक्नोलाजी पर केंद्रित हैं, उन्होंने डीएसटी की ननोमिशन एवं सेपिफेरा परियोजना का संचालन किया हैं. इनका शोध कार्य 60 शोध पत्रों के रूप में प्रकाशित है.

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