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अमृत योजना के तहत सागर में जगह-जगह खुदाई, शहरवासी परेशान - sagar

सीवर लाइन हो या अमृत योजना दोनों ही 300 से 400 करोड़ के बड़े प्रोजेक्ट हैं. इनके सुचारू रूप से पूरे होने कि लोगों को आशा थी. लेकिन इसके उलट यह प्रोजेक्ट खुद ही आम लोगों और शहर भर के लिए परेशानी का सबब बन गया है.

Large pits have been abandoned in the city under the sewer line and Amrit schemes.
अमृत योजना से शहर को लोग परेशान
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Published : Feb 4, 2021, 2:08 PM IST

Updated : Feb 4, 2021, 2:28 PM IST

सागर। जिले में सीवर लाइन और अमृत योजना का काम जारी है. लेकिन एक साल से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी सीवर लाइन का प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका है. जबकि अमृत योजना के तहत शहर में बिछाई जा रही पानी की लाइन का काम भी बेहद धीमी गति से चल रहा है, जिससे शहर की आम जनता खासी परेशान है. इन योजनाओं के तहत शहर में जहां बड़े-बड़े गड्ढे कर छोड़ दिए गए हैं, जिससे शहरवासी और वाहन चालक बेहद परेशान हैं.

अमृत योजना के तहत शहर भर में 24 घंटे पानी सप्लाई के लिए लाइन बिछाई जा रही है, जिसका काम प्रतिष्ठित टाटा कंपनी के पास है. लेकिन कंपनी ने यह काम पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर दिया है. ठेकेदारों की मनमानी और लापरवाही का खामियाजा लगभग डेढ़ साल से शहरवासी भुगत रहे हैं. इन प्रोजेक्ट के तहत शहर भर में नई सड़कें भी खोद दी गई हैं. लेकिन सुस्त गति से पाइप लाइन बिछाने और गड्ढों को समय पर रिस्टोर नहीं किया जा रहा है. ठेकेदार द्वारा लापरवाही करते हुए मनमाने ढंग से काम किया जा रहा है. जिससे आसपास के रहवासी और वहां से गुजरने वाले आम लोग बेहद परेशान हैं. मामले में संज्ञान लेते हुए स्थानीय विधायक शैलेंद्र जैन ने भी बैठक बुलाई और कंपनी के कर्मचारियों को समझाइश दी है. साथ ही खुद स्वीकार किया कि प्रोजेक्ट में सही मॉनिटरिंग नहीं होने से मनमाने ढंग से काम किया जा रहा है.


सीवर लाइन हो या अमृत योजना दोनों ही प्रोजेक्ट 300 से 400 करोड़ रुपए लागत के बड़े प्रोजेक्ट हैं. इनके सुचारू रूप से पूरे होने कि लोगों को आशा थी, लेकिन इसके उलट यह प्रोजेक्ट खुद ही आम लोगों और शहर भर के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इनकी कमांड कंट्रोल भोपाल स्तर सही है, जिसकी वजह से सीधे तौर पर उनका इन प्रोजेक्ट पर कोई हस्तक्षेप नहीं है और यही वजह है कि मनमाने ढंग से इन पर काम किया जा रहा है.

सागर। जिले में सीवर लाइन और अमृत योजना का काम जारी है. लेकिन एक साल से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी सीवर लाइन का प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका है. जबकि अमृत योजना के तहत शहर में बिछाई जा रही पानी की लाइन का काम भी बेहद धीमी गति से चल रहा है, जिससे शहर की आम जनता खासी परेशान है. इन योजनाओं के तहत शहर में जहां बड़े-बड़े गड्ढे कर छोड़ दिए गए हैं, जिससे शहरवासी और वाहन चालक बेहद परेशान हैं.

अमृत योजना के तहत शहर भर में 24 घंटे पानी सप्लाई के लिए लाइन बिछाई जा रही है, जिसका काम प्रतिष्ठित टाटा कंपनी के पास है. लेकिन कंपनी ने यह काम पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर दिया है. ठेकेदारों की मनमानी और लापरवाही का खामियाजा लगभग डेढ़ साल से शहरवासी भुगत रहे हैं. इन प्रोजेक्ट के तहत शहर भर में नई सड़कें भी खोद दी गई हैं. लेकिन सुस्त गति से पाइप लाइन बिछाने और गड्ढों को समय पर रिस्टोर नहीं किया जा रहा है. ठेकेदार द्वारा लापरवाही करते हुए मनमाने ढंग से काम किया जा रहा है. जिससे आसपास के रहवासी और वहां से गुजरने वाले आम लोग बेहद परेशान हैं. मामले में संज्ञान लेते हुए स्थानीय विधायक शैलेंद्र जैन ने भी बैठक बुलाई और कंपनी के कर्मचारियों को समझाइश दी है. साथ ही खुद स्वीकार किया कि प्रोजेक्ट में सही मॉनिटरिंग नहीं होने से मनमाने ढंग से काम किया जा रहा है.


सीवर लाइन हो या अमृत योजना दोनों ही प्रोजेक्ट 300 से 400 करोड़ रुपए लागत के बड़े प्रोजेक्ट हैं. इनके सुचारू रूप से पूरे होने कि लोगों को आशा थी, लेकिन इसके उलट यह प्रोजेक्ट खुद ही आम लोगों और शहर भर के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इनकी कमांड कंट्रोल भोपाल स्तर सही है, जिसकी वजह से सीधे तौर पर उनका इन प्रोजेक्ट पर कोई हस्तक्षेप नहीं है और यही वजह है कि मनमाने ढंग से इन पर काम किया जा रहा है.

Last Updated : Feb 4, 2021, 2:28 PM IST
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