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आदिवासी युवाओं को साक्षर बनाने के लिए जुटे शिक्षित युवा

सागर जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर की दूरी पर बसे केसली विकासखंड को आदिवासी विकासखंड का दर्जा हासिल है. जिले के इस एकमात्र विकासखंड में आदिवासी जनसंख्या का बाहुल्य है. एक तो जिला मुख्यालय से दूरी और दूसरी तरफ सुविधाओं के अभाव के चलते यहां के युवा पढ़ाई के बाद सरकारी नौकरियों में जाने का सपना तो संजोते हैं, लेकिन साकार नहीं कर पाते हैं. इन सपनों को साकार करने के लिए आदिवासी युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं.

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Published : Mar 9, 2021, 11:01 PM IST

Educated youth engaged to make tribal youth literate
आदिवासी युवाओं को साक्षर बनाने के लिए जुटे शिक्षित युवा

सागर। बुंदेलखंड में पिछड़ेपन के कारण वैसे भी इलाके में बेरोजगारी बड़ी समस्या है. दूसरी तरफ सागर जिले के आदिवासी विकासखंड केसली में सुविधाओं के अभाव और जिला मुख्यालय से दूरी के कारण स्थानीय युवा सरकारी नौकरी का सपना तो संजो रहे है, लेकिन साकार नहीं कर पा रहे हैं. इन परिस्थितियों को देखते हुए केसली विकासखंड के कुछ प्रतिभाशाली युवाओं ने स्थानीय युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं तरफ आकर्षित करने के लिए निशुल्क कोचिंग व्यवस्था की है. इस व्यवस्था के बाद स्थानीय आदिवासी युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और सरकारी नौकरियों की तैयारियों में जुट गए हैं.

आदिवासी युवाओं को साक्षर बनाने के लिए जुटे शिक्षित युवा
  • 20 साल से नहीं पाई किसी युवा ने परीक्षाओं में सफलता

विकासखंड केसली के स्थानीय आदिवासी बताते हैं कि 20 साल पहले इस इलाके में एक युवक का एसआई परीक्षा में चयन हुआ था. उसके बाद इस इलाके से किसी भी युवा का कोई बड़ी प्रतियोगी परीक्षा में चयन नहीं हुआ है. स्थानीय लोगों का मानना है कि सुविधाओं का अभाव और मार्गदर्शन की कमी के कारण यह स्थिति बनी है. इस समस्या को दूर करने के लिए स्थानीय आदिवासी युवा शिक्षित तो हो रहे है साथ ही प्रतियोगी परीक्षा के लिए निशुल्क प्रशिक्षण दे रहे है.

  • सुविधाओं का अभाव देख कर आया विचार

स्थानीय युवाओं की लगन और मेहनत को देखते हुए केसली के रहने वाले युवा अनिरुद्ध सिंह ने यह पहल की है. वैसे तो अनिरुद्ध सिंह इंदौर में प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग का संचालन करते हैं. लेकिन अपने ही इलाके की समस्याओं को देखकर उनके मन में विचार आया और उन्होंने उन तमाम स्थानीय युवकों को इकट्ठा किया, जो दिल्ली और इंदौर और दूसरे शहरों में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं या सफल हो चुके हैं. अब यह सब युवा मिलकर अपने यहां के आदिवासियों और स्थानीय युवाओं के लिए निशुल्क कोचिंग दे रहे हैं.

MP की जेलों में शिक्षित युवा कैदियों की संख्या ज्यादा, कैद में रहकर ले रहे शिक्षा

  • स्थानीय युवाओं ने किया सामूहिक प्रयास

इन परिस्थितियों में केसली के कुछ स्थानीय युवा जिन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बाहर रहकर तैयारी की है और सफलता भी अर्जित की है. इन युवाओं ने मिलजुल कर स्थानीय आदिवासी युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित करने के लिए कोचिंग संस्थान खोला है. इस कोचिंग में स्थानीय आदिवासी और अन्य वर्ग के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

  • सुदूर अंचल के युवा भी दे रहे कोचिंग

जिला मुख्यालय सागर से 65 किलोमीटर दूर केसली विकासखंड मुख्यालय में कई गांव ऐसे भी हैं, जो केसली से भी 20-20 किलोमीटर दूर हैं. ऐसी स्थिति में ग्रामीण अंचल के युवा साइकिल और पैदल चलकर भी कोचिंग पढ़ने के लिए पहुंचते हैं. कोई युवा थानेदार बनने का सपना सच हो रहा है, तो कोई प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहता है.

  • स्थानीय लोग कर रहे हैं बढ़-चढ़कर सहयोग

युवाओं की लगन को देखकर स्थानीय स्कूल संचालक और प्रगतिशील किसान शिवराज सिंह ने स्कूल को कोचिंग संचालन के लिए फ्री दिया है. कोचिंग के सफल संचालन के लिए जरूरी तमाम सुविधाएं भी उन्हें मुफ्त में मुहैया कराई हैं.

सागर। बुंदेलखंड में पिछड़ेपन के कारण वैसे भी इलाके में बेरोजगारी बड़ी समस्या है. दूसरी तरफ सागर जिले के आदिवासी विकासखंड केसली में सुविधाओं के अभाव और जिला मुख्यालय से दूरी के कारण स्थानीय युवा सरकारी नौकरी का सपना तो संजो रहे है, लेकिन साकार नहीं कर पा रहे हैं. इन परिस्थितियों को देखते हुए केसली विकासखंड के कुछ प्रतिभाशाली युवाओं ने स्थानीय युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं तरफ आकर्षित करने के लिए निशुल्क कोचिंग व्यवस्था की है. इस व्यवस्था के बाद स्थानीय आदिवासी युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और सरकारी नौकरियों की तैयारियों में जुट गए हैं.

आदिवासी युवाओं को साक्षर बनाने के लिए जुटे शिक्षित युवा
  • 20 साल से नहीं पाई किसी युवा ने परीक्षाओं में सफलता

विकासखंड केसली के स्थानीय आदिवासी बताते हैं कि 20 साल पहले इस इलाके में एक युवक का एसआई परीक्षा में चयन हुआ था. उसके बाद इस इलाके से किसी भी युवा का कोई बड़ी प्रतियोगी परीक्षा में चयन नहीं हुआ है. स्थानीय लोगों का मानना है कि सुविधाओं का अभाव और मार्गदर्शन की कमी के कारण यह स्थिति बनी है. इस समस्या को दूर करने के लिए स्थानीय आदिवासी युवा शिक्षित तो हो रहे है साथ ही प्रतियोगी परीक्षा के लिए निशुल्क प्रशिक्षण दे रहे है.

  • सुविधाओं का अभाव देख कर आया विचार

स्थानीय युवाओं की लगन और मेहनत को देखते हुए केसली के रहने वाले युवा अनिरुद्ध सिंह ने यह पहल की है. वैसे तो अनिरुद्ध सिंह इंदौर में प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग का संचालन करते हैं. लेकिन अपने ही इलाके की समस्याओं को देखकर उनके मन में विचार आया और उन्होंने उन तमाम स्थानीय युवकों को इकट्ठा किया, जो दिल्ली और इंदौर और दूसरे शहरों में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं या सफल हो चुके हैं. अब यह सब युवा मिलकर अपने यहां के आदिवासियों और स्थानीय युवाओं के लिए निशुल्क कोचिंग दे रहे हैं.

MP की जेलों में शिक्षित युवा कैदियों की संख्या ज्यादा, कैद में रहकर ले रहे शिक्षा

  • स्थानीय युवाओं ने किया सामूहिक प्रयास

इन परिस्थितियों में केसली के कुछ स्थानीय युवा जिन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बाहर रहकर तैयारी की है और सफलता भी अर्जित की है. इन युवाओं ने मिलजुल कर स्थानीय आदिवासी युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित करने के लिए कोचिंग संस्थान खोला है. इस कोचिंग में स्थानीय आदिवासी और अन्य वर्ग के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

  • सुदूर अंचल के युवा भी दे रहे कोचिंग

जिला मुख्यालय सागर से 65 किलोमीटर दूर केसली विकासखंड मुख्यालय में कई गांव ऐसे भी हैं, जो केसली से भी 20-20 किलोमीटर दूर हैं. ऐसी स्थिति में ग्रामीण अंचल के युवा साइकिल और पैदल चलकर भी कोचिंग पढ़ने के लिए पहुंचते हैं. कोई युवा थानेदार बनने का सपना सच हो रहा है, तो कोई प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहता है.

  • स्थानीय लोग कर रहे हैं बढ़-चढ़कर सहयोग

युवाओं की लगन को देखकर स्थानीय स्कूल संचालक और प्रगतिशील किसान शिवराज सिंह ने स्कूल को कोचिंग संचालन के लिए फ्री दिया है. कोचिंग के सफल संचालन के लिए जरूरी तमाम सुविधाएं भी उन्हें मुफ्त में मुहैया कराई हैं.

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