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एमपी पुलिस को डिजिटल कर रहा ई-इन्वेस्टिगेशन एप! 15 थानों की पुलिस एक भी मामले की नहीं की ऑनलाइन जांच

सागर के 15 थानों की पुलिस को अपराध की जांच के लिए भले ही ई-विवेचना एप (E-investigation app digitizing MP Police) वाले 45 टैबलेट दिए गए थे और ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया गया था, लेकिन सागर पुलिस अब तक एक भी घटना की जांच ई-विवेचना एप से नहीं की है.

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Published : Jan 19, 2022, 7:10 PM IST

E-investigation app digitizing MP Police
एमपी पुलिस को डिजिटल कर रहा ई-इन्वेस्टिगेशन एप!

सागर। मध्यप्रदेश देश का तीसरा राज्य है, जहां क्राइम इन्वेस्टिगेशन के लिए ई-विवेचना एप व्यवस्था लागू की गई है. इस व्यवस्था के तहत ऑन द स्पॉट क्राइम इन्वेस्टिगेशन किया जाएगा. इससे इन्वेस्टिगेशन में तेजी आएगी और इन्वेस्टिगेशन से संबंधित साक्ष्य से छेड़छाड़ की संभावना खत्म हो जाएगी. 26 नवंबर 2021 से ये व्यवस्था प्रदेश के चुनिंदा स्थानों पर लागू की गई थी. सागर जिले के 15 थाने भी इस व्यवस्था में शामिल थे, लेकिन 2 माह तक विवेचना ऐप के जरिए एक भी मामले की जांच नहीं की गई है. अभी ये व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू नहीं हुई है. पुलिस सूत्रों की मानें तो मैदानी अमला विवेचना ऐप के प्रशिक्षण के अभाव से जूझ रहा है.

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क्या है ई विवेचना एप

पुलिस इन्वेस्टिगेशन को पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (SCRB) और मैप आईटी ने ई-इन्वेस्टिगेशन एप (E-investigation app digitizing MP Police) तैयार किया था, इसके तहत एक टेबलेट में ई-विवेचना एप, एमपी ई कॉप एप और सीसीटीएनएस अपलोड कर पुलिस थानों को मुहैया कराए गए थे, प्रदेश के 1800 पुलिस थानों में ट्रायल के तौर पर ये व्यवस्था लागू की गई थी, जिनमें सागर जिले के 15 थाने शामिल थे, पर यहां तो नई व्यवस्था सफेद हाथी साबित हुई है.

कैसे काम करेगा ई-विवेचना एप

ई-विवेचना एप के जरिए घटनास्थल से ही इन्वेस्टिगेशन की शुरुआत हो सकेगी, ई-विवेचना एप के माध्यम से पुलिस को घटनास्थल की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के अलावा घटना से संबंधित जरूरी साक्ष्य संरक्षित करने में मदद मिलेगी. एप के माध्यम से ये सारा रिकॉर्ड सीसीटीएनएस सिस्टम में स्टोर हो जाएगा. इस एप का उपयोग करने वाले पुलिसकर्मी को लिखने की भी जरूरत नहीं होगी और वह स्पीच टू टेक्स्ट के माध्यम से केस डायरी लिख सकेगा. क्राइम इन्वेस्टिगेशन से संबंधित महत्वपूर्ण घटनाक्रम और साक्ष्य की जियो स्टांपिंग के जरिए जल्दी हो सकेगी. इसका फायदा ये होगा कि विवेचना में पारदर्शिता होगी. घटनास्थल के साक्ष्य और गवाहों के कथन से किसी तरह की छेड़छाड़ की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.

सागर के 15 थानों में नई व्यवस्था

ई-विवेचना एप सागर जिले के 15 थानों को दिया (15 police station did not investigate a single case online) गया था, जिसके तहत 6 शहरी और 9 ग्रामीण थानों में 3-3 टैबलेट उपलब्ध कराए गए थे. ई विवेचना एप का उपयोग करने के लिए 7 और 8 जनवरी को संबंधित थानों के स्टाफ को ऑनलाइन ट्रेनिंग भी दी गई थी. इसी व्यवस्था के तहत कुल 45 टेबलेट इन 15 थानों को मुहैया कराए गए थे. ये व्यवस्था ट्रायल के तौर पर लागू की गई थी.

दो माह में एप से कोई विवेचना नहीं

सागर जिले के 15 थानों में भले ही ये व्यवस्था लागू हो चुकी है, इसके माध्यम से अभी तक एक भी अपराध का इन्वेस्टिगेशन नहीं किया गया है. सागर एएसपी विक्रम सिंह का कहना है कि क्राइम इन्वेस्टिगेशन को सुगम और सटीक बनाने के लिए ये व्यवस्था लागू की गई है. जिले के 15 थानों में ई-विवेचना एप इंस्टॉल कर 3-3 टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं. पुलिसकर्मियों को ई-इन्वेस्टीगेशन और एप के उपयोग के लिए दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया था, अब आफलाइन प्रशिक्षण देकर व्यवस्था सुचारू रूप से लागू की जाएगी.

सागर। मध्यप्रदेश देश का तीसरा राज्य है, जहां क्राइम इन्वेस्टिगेशन के लिए ई-विवेचना एप व्यवस्था लागू की गई है. इस व्यवस्था के तहत ऑन द स्पॉट क्राइम इन्वेस्टिगेशन किया जाएगा. इससे इन्वेस्टिगेशन में तेजी आएगी और इन्वेस्टिगेशन से संबंधित साक्ष्य से छेड़छाड़ की संभावना खत्म हो जाएगी. 26 नवंबर 2021 से ये व्यवस्था प्रदेश के चुनिंदा स्थानों पर लागू की गई थी. सागर जिले के 15 थाने भी इस व्यवस्था में शामिल थे, लेकिन 2 माह तक विवेचना ऐप के जरिए एक भी मामले की जांच नहीं की गई है. अभी ये व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू नहीं हुई है. पुलिस सूत्रों की मानें तो मैदानी अमला विवेचना ऐप के प्रशिक्षण के अभाव से जूझ रहा है.

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क्या है ई विवेचना एप

पुलिस इन्वेस्टिगेशन को पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (SCRB) और मैप आईटी ने ई-इन्वेस्टिगेशन एप (E-investigation app digitizing MP Police) तैयार किया था, इसके तहत एक टेबलेट में ई-विवेचना एप, एमपी ई कॉप एप और सीसीटीएनएस अपलोड कर पुलिस थानों को मुहैया कराए गए थे, प्रदेश के 1800 पुलिस थानों में ट्रायल के तौर पर ये व्यवस्था लागू की गई थी, जिनमें सागर जिले के 15 थाने शामिल थे, पर यहां तो नई व्यवस्था सफेद हाथी साबित हुई है.

कैसे काम करेगा ई-विवेचना एप

ई-विवेचना एप के जरिए घटनास्थल से ही इन्वेस्टिगेशन की शुरुआत हो सकेगी, ई-विवेचना एप के माध्यम से पुलिस को घटनास्थल की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के अलावा घटना से संबंधित जरूरी साक्ष्य संरक्षित करने में मदद मिलेगी. एप के माध्यम से ये सारा रिकॉर्ड सीसीटीएनएस सिस्टम में स्टोर हो जाएगा. इस एप का उपयोग करने वाले पुलिसकर्मी को लिखने की भी जरूरत नहीं होगी और वह स्पीच टू टेक्स्ट के माध्यम से केस डायरी लिख सकेगा. क्राइम इन्वेस्टिगेशन से संबंधित महत्वपूर्ण घटनाक्रम और साक्ष्य की जियो स्टांपिंग के जरिए जल्दी हो सकेगी. इसका फायदा ये होगा कि विवेचना में पारदर्शिता होगी. घटनास्थल के साक्ष्य और गवाहों के कथन से किसी तरह की छेड़छाड़ की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जाएगी.

सागर के 15 थानों में नई व्यवस्था

ई-विवेचना एप सागर जिले के 15 थानों को दिया (15 police station did not investigate a single case online) गया था, जिसके तहत 6 शहरी और 9 ग्रामीण थानों में 3-3 टैबलेट उपलब्ध कराए गए थे. ई विवेचना एप का उपयोग करने के लिए 7 और 8 जनवरी को संबंधित थानों के स्टाफ को ऑनलाइन ट्रेनिंग भी दी गई थी. इसी व्यवस्था के तहत कुल 45 टेबलेट इन 15 थानों को मुहैया कराए गए थे. ये व्यवस्था ट्रायल के तौर पर लागू की गई थी.

दो माह में एप से कोई विवेचना नहीं

सागर जिले के 15 थानों में भले ही ये व्यवस्था लागू हो चुकी है, इसके माध्यम से अभी तक एक भी अपराध का इन्वेस्टिगेशन नहीं किया गया है. सागर एएसपी विक्रम सिंह का कहना है कि क्राइम इन्वेस्टिगेशन को सुगम और सटीक बनाने के लिए ये व्यवस्था लागू की गई है. जिले के 15 थानों में ई-विवेचना एप इंस्टॉल कर 3-3 टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं. पुलिसकर्मियों को ई-इन्वेस्टीगेशन और एप के उपयोग के लिए दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया था, अब आफलाइन प्रशिक्षण देकर व्यवस्था सुचारू रूप से लागू की जाएगी.

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