सागर। तकनीकी विषयों में प्रशासनिक अफसरों की दखलअंदाजी और डीएसीपी लागू करने जैसी मांगों को लेकर मध्यप्रदेश के सभी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. सरकार और प्रशासन द्वारा हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी ना हो, इसके लिए इंतजाम करने की कोशिश की गई है. सुबह से ही सागर कमिश्नर और जिला कलेक्टर जिला चिकित्सालय और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. हड़ताल पर गए डॉक्टरों का कहना है कि "सरकार और प्रशासन हड़ताल को असफल बनाने के लिए जितनी कोशिश कर रही है, उनसे कम कोशिशों में डॉक्टरों की बात मानी जा सकती है." वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि "चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के सभी नियमित डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने से जो समस्या उत्पन्न हुई है, उसके निराकरण के लिए संविदा डॉक्टर और बांड वाले डॉक्टरों से मरीजों का इलाज कराया जा रहा है."
बुंदेलखंड मेडिकल कालेज में जुटे हड़ताली डॉक्टर: मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने आज से काम बंद हड़ताल का ऐलान कर दिया था. मंगलवार शाम को मुख्यमंत्री और प्रशासन द्वारा हड़ताल को स्थगित कराने के कई प्रयास किए. लेकिन डॉक्टर अपने एलान के अनुसार, आज सुबह बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में इकट्ठा हुए. उन्होंने अपनी प्रमुख मांग डीएसीपी और तकनीकी विषयों में प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी को लेकर नाराजगी व्यक्त की और नारेबाजी की.
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉक्टर सर्वेश जैन का कहना है कि "प्रशासन जितनी ताकत हड़ताल समाप्त कराने में लगा रहा है. उससे कम ताकत लगाने पर डॉक्टरों की मांग मानी जा सकती हैं. डॉक्टरों की मांग को लेकर सरकार पर कोई बड़ा भार पड़ने वाला नहीं है. लेकिन सरकार का रवैया समझ के परे है. हम जनता से जुड़े हुए लोग हैं और हमारा ऐसा कदम उठाने पर हमें भी कई बार सोचना पड़ता है. क्योंकि इसका खामियाजा गरीब जनता को भोगना पड़ता है. बड़े-बड़े नेता और बड़े-बड़े अफसर तो आलीशान अस्पतालों में अपना इलाज कराते हैं."
मध्य प्रदेश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. श्याम मनोहर सिरोठिया ने हड़ताल का समर्थन करने पहुंचे. उन्होंने कहा कि "हड़ताल पर गए डॉक्टरों की मांग जायज है और यह उनका हक है. इस तरह का निर्णय लेने के लिए डॉक्टर को 10 बार सोचना पड़ता है. क्योंकि डॉक्टर सीधा जनता से जुड़ा होता है और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है."
प्रशासन अधिकारी पहुंचे जिला चिकित्सालय और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज: एक तरफ जहां मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी डॉक्टर एकजुट होकर हड़ताल पर थे तो दूसरी तरफ जिला कलेक्टर और सागर कमिश्नर पहले जिला चिकित्सालय पहुंचे. वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उसके बाद दोनों अधिकारी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पहुंचे. कॉलेज की व्यवस्थाओं का जायजा लेकर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नियमित डॉक्टर की हड़ताल के चलते जो स्थिति बनी है. उसको ध्यान रखते हुए संविदा और बांड डॉक्टर की मदद से मरीजों का इलाज किया जा रहा है. हड़ताल कर रहे डॉक्टर से लगातार बातचीत का सिलसिला जारी है. हड़ताल के कारण अस्पताल में व्यवस्था चरमरा गई है.