ETV Bharat / state

मौलाना का फरमान, अगर शादी में बजा डीजे तो नहीं पढ़ेंगे निकाह

सागर जिले की जामा मस्जिद के इमाम ने शादियों में होने वाले फिजूलखर्च को खत्म करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. फैसले में डीजे और आतिशबाजी होने पर मौलाना द्वारा निकाह नहीं पढ़ने की बात कही गई है.

Fireworks will not be able to be held from now on.
अब से नहीं हो पाएगी शादियों में आतिशबाजी.
author img

By

Published : Mar 10, 2021, 10:30 AM IST

सागर। शहर की जामा मस्जिद के इमाम ने बड़ा ऐलान कर मुस्लिम समुदाय की शादियों में होने वाले फिजूलखर्च पर रोक लगाने की बात कही है. जामा मस्जिद के इमाम ने सख्ती बरतते हुए यह भी कहा है कि अगर मुस्लिम समुदाय की शादियों में आतिशबाजी और डीजे पर फिजूलखर्च किया गया तो मौलाना शादी में निकाह पढ़ने नहीं जाएंगे. इमाम का कहना है कि यह फैसला फिजूलखर्ची रोकने और सादगी से शादियां कराने के लिए लिया गया है.

अब से नहीं हो पाएगी शादियों में आतिशबाजी.
जामा मस्जिद के इमाम ने लिया फैसला शहर के कटरा बाजार में स्थित जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मुतीउर रहमान ने बताया है कि मुस्लिम समुदाय में कई कुरीतियां बढ़ती जा रही हैं. ऐसी कुरीतियों पर रोक लगाने के लिए धर्मगुरुओं द्वारा समय-समय पर समुदाय को दिशा दी जाती है और फैसले लिए जाते हैं. मुस्लिम समुदाय की शादियों में फिजूलखर्ची बढ़ रही है. डीजे आतिशबाजी और बैंड बाजे जैसी चीजों के नाम पर पैसा बहाया जा रहा है, जबकि धर्म यह कहता है कि निकाह में फिजूलखर्ची नहीं होना चाहिए और सादगी से यह काम होना चाहिए. इन परिस्थितियों को देखते हुए समुदाय के धर्मगुरुओं ने मिलकर यह फैसला लिया है.फैसले के बाद समुदाय के लोग ले रहे हैं सलाह इमाम ने कहा है कि इन परिस्थितियों में समुदाय के लोग हमारे पास आ रहे हैं और वह जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं कि मुस्लिम समुदाय में सादगी से निकाह कैसे किए जाते हैं. हम लोगों को बता रहे हैं कि शादी सादगी से कैसे होना चाहिए और फिजूलखर्ची बिल्कुल नहीं होना चाहिए. इमाम को भरोसा है कि इससे मुस्लिम समुदाय में कुरीतियां खत्म होंगी.

सागर। शहर की जामा मस्जिद के इमाम ने बड़ा ऐलान कर मुस्लिम समुदाय की शादियों में होने वाले फिजूलखर्च पर रोक लगाने की बात कही है. जामा मस्जिद के इमाम ने सख्ती बरतते हुए यह भी कहा है कि अगर मुस्लिम समुदाय की शादियों में आतिशबाजी और डीजे पर फिजूलखर्च किया गया तो मौलाना शादी में निकाह पढ़ने नहीं जाएंगे. इमाम का कहना है कि यह फैसला फिजूलखर्ची रोकने और सादगी से शादियां कराने के लिए लिया गया है.

अब से नहीं हो पाएगी शादियों में आतिशबाजी.
जामा मस्जिद के इमाम ने लिया फैसला शहर के कटरा बाजार में स्थित जामा मस्जिद के इमाम मौलाना मुतीउर रहमान ने बताया है कि मुस्लिम समुदाय में कई कुरीतियां बढ़ती जा रही हैं. ऐसी कुरीतियों पर रोक लगाने के लिए धर्मगुरुओं द्वारा समय-समय पर समुदाय को दिशा दी जाती है और फैसले लिए जाते हैं. मुस्लिम समुदाय की शादियों में फिजूलखर्ची बढ़ रही है. डीजे आतिशबाजी और बैंड बाजे जैसी चीजों के नाम पर पैसा बहाया जा रहा है, जबकि धर्म यह कहता है कि निकाह में फिजूलखर्ची नहीं होना चाहिए और सादगी से यह काम होना चाहिए. इन परिस्थितियों को देखते हुए समुदाय के धर्मगुरुओं ने मिलकर यह फैसला लिया है.फैसले के बाद समुदाय के लोग ले रहे हैं सलाह इमाम ने कहा है कि इन परिस्थितियों में समुदाय के लोग हमारे पास आ रहे हैं और वह जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं कि मुस्लिम समुदाय में सादगी से निकाह कैसे किए जाते हैं. हम लोगों को बता रहे हैं कि शादी सादगी से कैसे होना चाहिए और फिजूलखर्ची बिल्कुल नहीं होना चाहिए. इमाम को भरोसा है कि इससे मुस्लिम समुदाय में कुरीतियां खत्म होंगी.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.