सागर। दीपावली का त्योहार धनतेरस से शुरू होता है और भाईदूज तक चलता है. 5 दिन के त्योहार में 5 दिनों का अलग अलग महत्व है. दीपावली के पहले दिन को धनतेरस कहा जाता है. इस दिन धन्वंतरी जयंती भी होती है. धनतेरस का त्योहार धन संपदा और रोगमुक्ति के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. धनतेरस के दिन खरीदारी का भी विशेष महत्व होता है. आमतौर पर धनतेरस के दिन लोग बर्तन और दूसरी चीजें खरीदते हैं, लेकिन शास्त्रों के अनुसार दीपावली के दिन सोने और चांदी क्यों खरीदने का विशेष महत्व होता है. जबकि आजकल लोग प्लास्टिक के बर्तन भी खरीदते हैं, लेकिन विद्वानों का मानना है कि धनतेरस के दिन स्टील और प्लास्टिक के बर्तन नहीं खरीदना चाहिए. अगर सोना और चांदी नहीं खरीद सकते हैं, तो तांबे का बर्तन खरीदना चाहिए. धनतेरस के दिन अगर चांदी की कटोरी खरीद कर उसमें पानी या खीर ग्रहण करते हैं तो रोगों से मुक्ति मिलती है.
धनतेरस पर नहीं खरीदें स्टील और प्लास्टिक: ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ. श्याम मनोहर चतुर्वेदी बताते हैं कि, धनतेरस से दीपावली का त्योहार शुरू होता है, जो भाईदूज तक चलता है. 5 दिन की यम पंचक होती है उसी के अनुसार 5 दिन की दीपावली होती है. दीपावली के त्योहार में धनतेरस के दिन लोग खरीददारी जरूर करते हैं. अगर खरीददारी की बात करें, तो शास्त्रों के अनुसार धनतेरस पर सोना चांदी खरीदना चाहिए. लक्ष्मी ऐश्वर्य और धन संपत्ति की देवी होती है, इसलिए उनके स्वरूप सोना चांदी को ही खरीदना चाहिए. धनतेरस पर लोग बर्तन भी खरीदते हैं, तो पीतल या कांसे का बर्तन या फिर चांदी की कटोरी खरीदनी चाहिए, लेकिन आजकल परंपरा बदल गई है. लोग स्टील के बर्तन और प्लास्टिक के बर्तन खरीदते हैं, लेकिन कुछ लोग तांबे के बर्तन खरीदते है. मैं सलाह दूंगा कि धनतेरस के दिन प्लास्टिक की जगह तांबे के बर्तन खरीदें.
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चांदी की कटोरी में खाएं खीर: पंडित डॉ.श्याम मनोहर चतुर्वेदी कहते हैं कि, धनतेरस के दिन धन्वंतरी जयंती भी होती है. इसमें पात्र का विशेष महत्व होता है. चांदी तमाम तरह के रोगों का निराकरण करती है, इसलिए धनतेरस के दिन चांदी के बर्तन खरीदने और उसमें पानी ही आखिर ग्रहण करने से तमाम रोगों से छुटकारा मिलता है. चांदी के बर्तन को महत्व देना चाहिए और धनतेरस के दिन सोना चांदी खरीदना ही बेहतर होता है. dhanteras 2022, dhanteras shubh muhurat, religious importance of dhanteras