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पहले CORONA मरीजों की जान से खिलवाड़, अब BLACK FUNGUS के रोगियों की जान ले रही सरकार

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Published : Jun 7, 2021, 6:53 AM IST

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 27 ब्लैक फंगस के मरीजों की जान पर बन आई, जब उन्हें एम्फोटेरिसिन-बी के बदले affytericin-B इंजेक्शन लगाई गईं. इस मामले में अब कांग्रेस लगातार प्रदेश सरकार को घेरने का कार्य कर रही हैं.

black fungus
ब्लैक फंगस

सागर। कोरोना की दूसरी लहर में सरकार की बद इंतजामी के कारण हजारों लोगों की जान गई थी. जैसे-तैसे हालात संभले, तो ब्लैक फंगस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया. हालांकि ब्लैक फंगस के मरीज काफी कम संख्या में सामने आ रहे हैं, लेकिन सरकार की लापरवाही और बदइंतजामी के चलते शनिवार रात बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 27 मरीजों की जान पर बन आई. इसकी जांच पड़ताल में सामने आया है कि ब्लैक फंगस के लिए सरकार द्वारा जो इंजेक्शन भेजे जा रहे हैं, वह पहले तो उच्च गुणवत्ता के भेजे जा रहे थे, पर जिन इंजेक्शन से मरीजों की शनिवार को जान पर आफत बन आई, वो निम्न गुणवत्ता और सस्ते इंजेक्शन हैं.

क्या है मामला ?

दरअसल, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में शनिवार शाम को उस समय हड़कंप मच गया, जब ब्लैक फंगस के मरीजों को इंजेक्शन ड्रिप के जरिए देना शुरू किया गया. करीब 27 मरीजों की जान पर बन आई. उनकी हालत बिगड़ने लगी.

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के पीआरओ उमेश पटेल से मिली जानकारी के अनुसार, BMC के म्यूकरमाइकोसिस वार्ड में भर्ती 27 मरीजों को एम्फोटेरिसिन-बी का इंजेक्शन लगाते ही एडवर्स रिएक्शन हुआ. तत्काल प्रभाव से इंजेक्शन को रोका गया. अधीक्षक औरअधिष्ठाता के निर्देशन में विशेषज्ञों के द्वारा मरीजों का सिंप्टोमेटिक ट्रीटमेंट किया गया. विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि डरने या घबराने की आवश्यकता नहीं है. सभी मरीजों की स्थिति स्थिर हैं.

BLACK FUNGUS रोगियों की जान ले रही सरकार



जिस इंजेक्शन से बनी जान पर आफत, वह घटिया क्वालिटी की


इस मामले की तह तक जाएं, तो ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में प्रयोग होने वाले इंजेक्शन की सप्लाई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सरकार द्वारा की जा रही हैं. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की डिमांड पर सरकार यह इंजेक्शन भेज रहा हैं. अब तक सरकार ब्लैक फंगस के लिए amphotericin-B इंजेक्शन भेज रही थी, लेकिन शनिवार को जिस इंजेक्शन के कारण मरीजों की जान पर बन आई, वह इंजेक्शन affytericin-B हैं.

जांच पड़ताल में पता चला कि जिस इंजेक्शन के कारण लोगों की हालत बिगड़ी, वह घटिया क्वालिटी का था. मेडिकल के जानकारों की मानें, तो amphotericin-B इंजेक्शन काफी महंगा आता हैं. इसकी कीमत करीब 5500 रुपये हैं. शनिवार को सरकार द्वारा भेजा गया इंजेक्शन affytericin-B हैं, जो मरीजों को लगाया गया था. उसकी बाजार की कीमत करीब 2200-2300 रुपये हैं.

बीएमसी के डीन ने भी किया स्वीकार


बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन आरएस वर्मा ने बताया कि पहले सरकार की ओर से ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए भेजे जा रहे इंजेक्शन अलग थे, जो इंजेक्शन शनिवार को भेजे गए और जिन से मरीजों की हालत बिगड़ी, उसके फार्मेशन में अंतर हैं. उन्होंने बताया कि इसकी सूचना शासन स्तर पर दी गई हैं.

कांग्रेस ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मांग की है कि सरकार तुरंत इंजेक्शन को जब्त कर जांच कराए. उन्होंने कहा कि डॉक्टर अगर सजग नहीं होते, तो बड़ा हादसा घट सकता था. उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि नकली रेमडेसिविर वाला माफिया ब्लैक फंगस के इंजेक्शन में भी कूद पड़ा हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार इसकी जांच कराकर सप्लायर कंपनियों पर कार्रवाई नहीं करती है, तो कांग्रेस जन प्रदर्शन करेगी.

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार पैसे बचाने के लिए आमजनों की जान जोखिम में डालने से नहीं चूक रही हैं. उन्होंने कहा कि एंटी फंगल इंजेक्शन की सप्लाई सिर्फ सरकार के माध्यम से की जा रही हैं. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के मरीजों को जो इंजेक्शन लगाए गए, उसकी कीमत लगभग 324 रुपये हैं. इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि शासन स्तर पर सस्ते इंजेक्शन की खरीदी कर मरीजों की जान जोखिम में डालने का काम किया जा रहा हैं. चौधरी ने कहा कि सभी इंजेक्शन की सप्लाई की उच्च स्तरीय जांच की जाएं. दोषियों पर कार्रवाई की जाएं.

BMC के ब्लैक फंगस के 27 मरीजों की हालत स्थिर, Amphotericin-B इंजेक्शन लगाने से हुआ था रिएक्शन

इंजेक्शन बदलने के बाद दिखे रिएक्शन

बीएमसी में 42 मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हैं, जिनमें से 27 मरीजों को शनिवार को अम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन लगाए गए थे. यह इंजेक्शन सरकारी की तरफ से सप्लाई किए गए थे. इन इंजेक्शन की कीमत करबी 345 रुपए बताई जा रही है, जबकि इससे पहले मरीजों को लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन दिए जा रहे थे, जिसकी कीमत 7000 रुपए तक थी. नए इंजेक्शन लगाए जाने के बाद मरीजों में इसका रिएक्शन देखा गया. घबराहट, ठंड लगना और उल्टियां जैसे लक्षण सामने आने लगे. जिसके बाद आनन-फानन में अन्य मरीजों को इंजेक्शन देने से रोका गया.

बाद में उच्च अधिकारियों को मामले की सूचना दी गई. रविवार को दिनभर मरीजों को सीनियर डॉक्टरों की टीम ने ऑब्जर्वेशन में रखा. इसके बाद रविवार रात सभी मरीजों की हालत स्थिर होने के बाद बीएमसी प्रबंधन द्वारा जानकारी साझा की गई. वहीं मरीजों को दिए जाने वाले सस्ते इंजेक्शन को पूरी तरह रोक दिया गया है. वहीं सरकार द्वारा पूर्व में भेजे जा रहे इंजेक्शन मंगवाए गए हैं.

सागर। कोरोना की दूसरी लहर में सरकार की बद इंतजामी के कारण हजारों लोगों की जान गई थी. जैसे-तैसे हालात संभले, तो ब्लैक फंगस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया. हालांकि ब्लैक फंगस के मरीज काफी कम संख्या में सामने आ रहे हैं, लेकिन सरकार की लापरवाही और बदइंतजामी के चलते शनिवार रात बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 27 मरीजों की जान पर बन आई. इसकी जांच पड़ताल में सामने आया है कि ब्लैक फंगस के लिए सरकार द्वारा जो इंजेक्शन भेजे जा रहे हैं, वह पहले तो उच्च गुणवत्ता के भेजे जा रहे थे, पर जिन इंजेक्शन से मरीजों की शनिवार को जान पर आफत बन आई, वो निम्न गुणवत्ता और सस्ते इंजेक्शन हैं.

क्या है मामला ?

दरअसल, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में शनिवार शाम को उस समय हड़कंप मच गया, जब ब्लैक फंगस के मरीजों को इंजेक्शन ड्रिप के जरिए देना शुरू किया गया. करीब 27 मरीजों की जान पर बन आई. उनकी हालत बिगड़ने लगी.

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के पीआरओ उमेश पटेल से मिली जानकारी के अनुसार, BMC के म्यूकरमाइकोसिस वार्ड में भर्ती 27 मरीजों को एम्फोटेरिसिन-बी का इंजेक्शन लगाते ही एडवर्स रिएक्शन हुआ. तत्काल प्रभाव से इंजेक्शन को रोका गया. अधीक्षक औरअधिष्ठाता के निर्देशन में विशेषज्ञों के द्वारा मरीजों का सिंप्टोमेटिक ट्रीटमेंट किया गया. विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि डरने या घबराने की आवश्यकता नहीं है. सभी मरीजों की स्थिति स्थिर हैं.

BLACK FUNGUS रोगियों की जान ले रही सरकार



जिस इंजेक्शन से बनी जान पर आफत, वह घटिया क्वालिटी की


इस मामले की तह तक जाएं, तो ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में प्रयोग होने वाले इंजेक्शन की सप्लाई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सरकार द्वारा की जा रही हैं. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की डिमांड पर सरकार यह इंजेक्शन भेज रहा हैं. अब तक सरकार ब्लैक फंगस के लिए amphotericin-B इंजेक्शन भेज रही थी, लेकिन शनिवार को जिस इंजेक्शन के कारण मरीजों की जान पर बन आई, वह इंजेक्शन affytericin-B हैं.

जांच पड़ताल में पता चला कि जिस इंजेक्शन के कारण लोगों की हालत बिगड़ी, वह घटिया क्वालिटी का था. मेडिकल के जानकारों की मानें, तो amphotericin-B इंजेक्शन काफी महंगा आता हैं. इसकी कीमत करीब 5500 रुपये हैं. शनिवार को सरकार द्वारा भेजा गया इंजेक्शन affytericin-B हैं, जो मरीजों को लगाया गया था. उसकी बाजार की कीमत करीब 2200-2300 रुपये हैं.

बीएमसी के डीन ने भी किया स्वीकार


बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन आरएस वर्मा ने बताया कि पहले सरकार की ओर से ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए भेजे जा रहे इंजेक्शन अलग थे, जो इंजेक्शन शनिवार को भेजे गए और जिन से मरीजों की हालत बिगड़ी, उसके फार्मेशन में अंतर हैं. उन्होंने बताया कि इसकी सूचना शासन स्तर पर दी गई हैं.

कांग्रेस ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मांग की है कि सरकार तुरंत इंजेक्शन को जब्त कर जांच कराए. उन्होंने कहा कि डॉक्टर अगर सजग नहीं होते, तो बड़ा हादसा घट सकता था. उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि नकली रेमडेसिविर वाला माफिया ब्लैक फंगस के इंजेक्शन में भी कूद पड़ा हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार इसकी जांच कराकर सप्लायर कंपनियों पर कार्रवाई नहीं करती है, तो कांग्रेस जन प्रदर्शन करेगी.

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार पैसे बचाने के लिए आमजनों की जान जोखिम में डालने से नहीं चूक रही हैं. उन्होंने कहा कि एंटी फंगल इंजेक्शन की सप्लाई सिर्फ सरकार के माध्यम से की जा रही हैं. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के मरीजों को जो इंजेक्शन लगाए गए, उसकी कीमत लगभग 324 रुपये हैं. इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि शासन स्तर पर सस्ते इंजेक्शन की खरीदी कर मरीजों की जान जोखिम में डालने का काम किया जा रहा हैं. चौधरी ने कहा कि सभी इंजेक्शन की सप्लाई की उच्च स्तरीय जांच की जाएं. दोषियों पर कार्रवाई की जाएं.

BMC के ब्लैक फंगस के 27 मरीजों की हालत स्थिर, Amphotericin-B इंजेक्शन लगाने से हुआ था रिएक्शन

इंजेक्शन बदलने के बाद दिखे रिएक्शन

बीएमसी में 42 मरीज ब्लैक फंगस के भर्ती हैं, जिनमें से 27 मरीजों को शनिवार को अम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन लगाए गए थे. यह इंजेक्शन सरकारी की तरफ से सप्लाई किए गए थे. इन इंजेक्शन की कीमत करबी 345 रुपए बताई जा रही है, जबकि इससे पहले मरीजों को लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन दिए जा रहे थे, जिसकी कीमत 7000 रुपए तक थी. नए इंजेक्शन लगाए जाने के बाद मरीजों में इसका रिएक्शन देखा गया. घबराहट, ठंड लगना और उल्टियां जैसे लक्षण सामने आने लगे. जिसके बाद आनन-फानन में अन्य मरीजों को इंजेक्शन देने से रोका गया.

बाद में उच्च अधिकारियों को मामले की सूचना दी गई. रविवार को दिनभर मरीजों को सीनियर डॉक्टरों की टीम ने ऑब्जर्वेशन में रखा. इसके बाद रविवार रात सभी मरीजों की हालत स्थिर होने के बाद बीएमसी प्रबंधन द्वारा जानकारी साझा की गई. वहीं मरीजों को दिए जाने वाले सस्ते इंजेक्शन को पूरी तरह रोक दिया गया है. वहीं सरकार द्वारा पूर्व में भेजे जा रहे इंजेक्शन मंगवाए गए हैं.

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