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कटने जा रहा 1.63 लाख लाड़ली बहनाओं का नाम, मोहन सरकार का है ये प्लान - LADLI BEHNA NAMES REMOVED

मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना की लिस्ट से 1 लाख 63 हजार लाड़लियों के नाम हटाए जा रहे हैं. सरकार ने बताया कारण.

LADLI BEHNA LIST NAME REMOVED
लाड़ली बहना की सूची से 1 लाख 63 हजार लाभार्थियों का नाम कटेगा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 10 hours ago

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में 1 लाख 63 हजार महिलाओं का नाम सूची से हटाया जा रहा है. इन महिलाओं को अब सरकार द्वारा 1250 रुपए की किस्त का लाभ नहीं मिलेगा. बल्कि इन्हें इसके स्थान पर 600 रुपए महीना ही मिल सकेगा. दरअसल, लाड़ली बहना योजना का लाभ ले रही इन महिलाओं की उम्र 60 साल से ज्यादा हो चुकी है. इसके चलते महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन्हें लाड़ली बहना योजना के लिए अपात्र घोषित कर दिया है.

नाम काटे जाने पर सरकार ने दिया ये तर्क

लाड़ली बहना योजना की शुरुआत 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले हुई थी और इस योजना के तहत लाड़ली बहनों के खाते में पहली किस्त 10 जून 2023 को आई थी. इस योजना के लाभार्थियों के लिए शर्त रखी गई थी कि लाड़ली बहनों का जन्म 1 जनवरी 1963 के पहले और 1 जनवरी 2000 से बाद नहीं होना चाहिए. इसके पीछे तर्क दिया गया था कि राज्य सरकार द्वारा वृद्धावस्था पेंशन के तहत 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को 6 सौ रुपए हर माह देती है. ऐसी में लाड़ली बहना का लाभ उन्हें नहीं दिया जा सकता.

विधानसभा में सरकार रख चुकी अपना मत

हाल में ही सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में साफ कर दिया था कि लाड़ली बहना योजना के तहत उम्र का दायरा बढ़ाने यानी 60 साल से अधिक की महिलाओं को इस योजना का लाभ दिए जाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. यानी सरकार अभी इस योजना में नए नाम जोड़ने या 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के नाम जोड़ने की तैयारी में नहीं है.

लगातार कम हो रही लाड़ली बहनों की संख्या

लाड़ली बहना योजना में अबतक करीबन 3 लाख नाम कम हो चुके हैं. योजना शुरू होने के समय 1 करोड़ 31 लाख 35 हजार 985 आवेदन आए थे, इसमें से 2 लाख 18 हजार आवेदनों को कई तरह की आपत्तियों के चलते हटा दिया गया था. इसके बाद लाभार्थियों की संख्या 1 करोड़ 29 लाख 5 हजार 457 थी, जो अब घटकर करीबन 1 करोड़ 26 लाख हो गई है. यानी योजना शुरू होने के बाद से अभी तक 3 लाख लाभार्थी कम हो चुके हैं.

12 जनवरी को आ सकती है इस साल की पहली किस्त

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक 60 साल की उम्र पूरी करने वाली महिलाएं इस योजना के लिए अपात्र हो जाती है, इसलिए उनके नाम हटा दिए जाते हैं. इसी तरह महिलाओं की मृत्यु हो जाने पर भी उनके नाम हटाए जाते हैं. राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत लाड़ली बहनों के खातों में हर माह 1250 रुपए की राशि ट्रांसफर की जाती है. अभी तक 19 किस्त जारी की जा चुकी है. इस साल की पहली और टोटल 20वीं किस्त लाड़ली बहनों के खातों में 12 जनवरी को ट्रांसफर की जा सकती है.

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में 1 लाख 63 हजार महिलाओं का नाम सूची से हटाया जा रहा है. इन महिलाओं को अब सरकार द्वारा 1250 रुपए की किस्त का लाभ नहीं मिलेगा. बल्कि इन्हें इसके स्थान पर 600 रुपए महीना ही मिल सकेगा. दरअसल, लाड़ली बहना योजना का लाभ ले रही इन महिलाओं की उम्र 60 साल से ज्यादा हो चुकी है. इसके चलते महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन्हें लाड़ली बहना योजना के लिए अपात्र घोषित कर दिया है.

नाम काटे जाने पर सरकार ने दिया ये तर्क

लाड़ली बहना योजना की शुरुआत 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले हुई थी और इस योजना के तहत लाड़ली बहनों के खाते में पहली किस्त 10 जून 2023 को आई थी. इस योजना के लाभार्थियों के लिए शर्त रखी गई थी कि लाड़ली बहनों का जन्म 1 जनवरी 1963 के पहले और 1 जनवरी 2000 से बाद नहीं होना चाहिए. इसके पीछे तर्क दिया गया था कि राज्य सरकार द्वारा वृद्धावस्था पेंशन के तहत 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को 6 सौ रुपए हर माह देती है. ऐसी में लाड़ली बहना का लाभ उन्हें नहीं दिया जा सकता.

विधानसभा में सरकार रख चुकी अपना मत

हाल में ही सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में साफ कर दिया था कि लाड़ली बहना योजना के तहत उम्र का दायरा बढ़ाने यानी 60 साल से अधिक की महिलाओं को इस योजना का लाभ दिए जाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है. यानी सरकार अभी इस योजना में नए नाम जोड़ने या 60 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के नाम जोड़ने की तैयारी में नहीं है.

लगातार कम हो रही लाड़ली बहनों की संख्या

लाड़ली बहना योजना में अबतक करीबन 3 लाख नाम कम हो चुके हैं. योजना शुरू होने के समय 1 करोड़ 31 लाख 35 हजार 985 आवेदन आए थे, इसमें से 2 लाख 18 हजार आवेदनों को कई तरह की आपत्तियों के चलते हटा दिया गया था. इसके बाद लाभार्थियों की संख्या 1 करोड़ 29 लाख 5 हजार 457 थी, जो अब घटकर करीबन 1 करोड़ 26 लाख हो गई है. यानी योजना शुरू होने के बाद से अभी तक 3 लाख लाभार्थी कम हो चुके हैं.

12 जनवरी को आ सकती है इस साल की पहली किस्त

मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक 60 साल की उम्र पूरी करने वाली महिलाएं इस योजना के लिए अपात्र हो जाती है, इसलिए उनके नाम हटा दिए जाते हैं. इसी तरह महिलाओं की मृत्यु हो जाने पर भी उनके नाम हटाए जाते हैं. राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत लाड़ली बहनों के खातों में हर माह 1250 रुपए की राशि ट्रांसफर की जाती है. अभी तक 19 किस्त जारी की जा चुकी है. इस साल की पहली और टोटल 20वीं किस्त लाड़ली बहनों के खातों में 12 जनवरी को ट्रांसफर की जा सकती है.

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