सागर। जिले के देवरी थाना के सिंगपुर गंजन गांव में जमीनी विवाद की रंजिश का शिकार एक महिला के पेट में पल रहे मासूम को होना पड़ा. मां के गर्भ में पल रहे सात माह के बच्चे की जमीनी विवाद के चलते मां के साथ हुई मारपीट में मौत हो गई. इस मामले में पीड़ित परिवार मृत बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराना चाहता था, लेकिन पुलिस की लापरवाही और दबाव के चलते 20 घंटे तक मृत बच्चे का शव मां के पलंग पर ही पड़ा रहा. जब इसकी जानकारी स्थानीय लोगों को लगी, तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक और अस्पताल प्रबंधन से बात की. तब जाकर मृत बच्चे का पोस्टमार्टम हो सका. फिलहाल इस मामले में तीन आरोपियोंं को गिरफ्तार कर लिया गया है. और बच्चे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आरोपियोंं के खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
क्या है घटनाक्रम
देवरी थाना क्षेत्र के सिंगपुर गंजन गांव में जमीनी विवाद के चलते 3 जून को आरोपी सबजानी पारदी ने लीलाधर पटेल की पत्नी विनीता के साथ छेड़छाड़ की थी. पुलिस में शिकायत पर आरोपी के खिलाफ छेड़खानी और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने का कोई प्रयास नहीं किया. ऐसे में 5 जून को छेडख़ानी के आरोपी अपने साथियों सहित पीड़ित महिला के पति लीलाधर पटेल के खेत पर पहुंचा और जुताई करने से रोक दिया. झगड़े की स्थिति देख पीड़ित खेत से घर वापस आ गया. शाम करीब 7 बजे जब लीलाधर की गर्भवती पत्नी और भाभी अकेली थीं, तो आरोपी सबजानी अपने साथियों के साथ लाठियां लेकर पहुंचा और गंदी- गंदी गालियां देने लगा. महिला ने विरोध किया, तो आरोपियों ने गर्भवती महिला के साथ लाठियों से जमकर मारपीट कर दी. मारपीट में गर्भवती महिला को गंभीर चोटें पहुंचीं. घटना की सूचना डायल 100 को दी गई. डायल 100 ने गर्भवती महिला को बेहोशी की हालत में देवरी अस्पताल पहुंचाया. जहां से 6 जून को गंभीर हालत में महिला को सागर के डफरिन अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां सोनोग्राफी जांच में विनीता के गर्भ में 7 माह का बच्चा मृत पाया गया. उसके बाद 8 जून रात 9 बजे डॉक्टरों ने भारी मशक्कत के बाद महिला की जान बचाई और मृत बच्चे को गर्भ से बाहर निकाला.
20 घंटे बाद हो पाया मृत बच्चे का पोस्टमार्टम
डफरिन अस्पताल में 8 जून को रात 9 बजे ऑपरेशन कर महिला के बच्चे को गर्भ से निकाला गया. लेकिन मृत बच्चे के पोस्टमार्टम के लिए परिजनों को 20 घंटे इंतजार करना पड़ा. इस दौरान महिला का मृत बच्चा उसके बेड पर ही पड़ा रहा, लगातार महिला और उनके परिजनों से अस्पताल छोड़ने के लिए दबाव बनाया गया. अस्पताल प्रबंधन और पुलिस की लापरवाही और अमानवीयता की जानकारी जब देवरी के समाजसेवी और स्थानीय लोगों को हुई. तो सभी ने सागर पहुंचकर पुलिस अधीक्षक और स्थानीय डाक्टरों से बात की, तब जाकर संवेदनशीलता दिखाते हुए मृत नवजात बच्चे का पोस्टमार्टम हो सका.
अब तक तीन आरोपी गिरफ्तार
इस मामले में देवरी एएसपी विक्रम सिंह का कहना है कि मामले में मुख्य आरोपी सबजानी और दो साथियों को गिरफ्तार किया गया है. अस्पताल में महिला के पेट में पल रहे 7 माह के गर्भ में नवजात बच्चे की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.