सागर। एक तरफ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री सुशासन का दावा करते हैं और प्रशासनिक शिकायतों के निराकरण के लिए हेल्पलाइन भी बना कर रखी है. लेकिन आलम ये है कि सीएम हेल्पलाइन में होने वाली शिकायतों का निराकरण समय पर नहीं हो रहा है. सागर स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की सीएम हेल्पलाइन में सबसे ज्यादा शिकायतें हैं. वहीं, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इस बात से इंकार कर रहा है. प्रबंधन का कहना है कि करीब 60 शिकायतों के निराकरण के बाद भी उन्हें निराकृत नहीं माना गया है,इसलिए ये हालात बने हैं.
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों की स्थिति : बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज प्रदेश का ऐसा मेडिकल कॉलेज है, जिसने सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के मामले में प्रदेश की सभी मेडिकल कॉलेजों को पछाड़ दिया है. जबकि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में इंदौर, भोपाल,जबलपुर और ग्वालियर मेडिकल कॉलेज की अपेक्षा कम मरीज आते हैं. हालात ये हैं कि पिछले कई महीनों से शिकायतें लंबित पड़ी हुई हैं. लेकिन उनका निराकरण नहीं किया गया. मौजूदा स्थिति में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में सीएम हेल्पलाइन की 236 शिकायतें लंबित हैं. ये शिकायतें कॉलेज के डीन से लेकर सफाई कर्मचारियों तक की हैं.
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन कर रहा लीपापोती : बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के मीडिया ऑफिसर डॉ. उमेश पटेल का कहना है कि 22 मार्च तक की स्थिति में मेडिकल कॉलेज की 236 शिकायतों में से करीब 100 शिकायतें निराकृत कर ली गई हैं. जिनमें से करीब 60 शिकायतें ऐसी हैं, जो जननी सुरक्षा योजना और दूसरी योजनाओं से जुड़ी हुई हैं. इनका निराकरण करने के बाद भी उन्हें सीएम हेल्पलाइन के पोर्टल में निराकृत नहीं बताया जा रहा है.अधिकांश शिकायतें ऐसी हैं कि शिकायतकर्ता लगातार संपर्क करने पर भी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज नहीं आना चाह रहे हैं और शिकायत वापस लेने की बात कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये दावा गलत है कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की सबसे ज्यादा शिकायतें लंबित हैं.