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MP Milk Demand: बुंदेलखंड के दूध की महाराष्ट्र और बिहार में भारी डिमांड, डेयरी प्लांट की क्षमता होगी डेढ़ गुनी - सहकारी दुग्ध संघ क्षमता बढ़ाएगा

बुंदेलखंड विकास पैकेज के अंतर्गत सागर में स्थापित बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ ने कम वक्त में नई पहचान बना ली है. बुंदेलखंड के डेयरी प्लांट के दूध और उत्पाद की गुणवत्ता के चलते देशभर तेजी से मांग बढ़ रही है. इसका नतीजा है कि डेयरी प्लांट अपनी क्षमता डेढ गुनी करने जा रहा है. यहां के दूध की महाराष्ट्र और बिहार में भारी डिमांड है.

MP Milk Demand
बुंदेलखंड के दूध की महाराष्ट्र और बिहार में भारी डिमांड
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Published : Jul 1, 2023, 3:30 PM IST

बुंदेलखंड के दूध की महाराष्ट्र और बिहार में भारी डिमांड

सागर। जिले के सिरोंजा में बुंदेलखंड विकास पैकेज के तहत स्थापित किया गया डेयरी प्लांट सागर संभाग के सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, निवाड़ी दमोह जिले से रोजाना करीब एक लाख लीटर दूध खरीदता है. सहकारी व्यवस्था के अंतर्गत ये दूध सीधे पशुपालकों से ना खरीदकर सहकारी समितियों के माध्यम से खरीदा जा रहा है. स्थानीय पशुपालकों को बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ में समितियों के माध्यम से दूध देने में अच्छा मुनाफा हो रहा है और लगातार पशुपालक बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ से समितियों के माध्यम से जुड़ रहे हैं. फिलहाल स्थिति ये है कि रोजाना 1 लाख 25 हजार से 1 लाख 30 हजार लीटर बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ समितियों के माध्यम से दूध खरीद रहा है.

बुंदेलखंड के दूध की भारी डिमांड : बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ ने बहुत कम समय में बड़ी सफलता अर्जित की है. दरअसल, बुंदेलखंड इलाके के buffalo milk की गुणवत्ता से इसकी मांग चारों तरफ बढ़ रही है. महाराष्ट्र की गोकुल डेयरी buffalo milk की गुणवत्ता के चलते रोजाना 25 से 30 हजार लीटर दूध बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ के प्लांट से ले रही है. वहीं गोकुल डेयरी ने अपनी मांग बढाने के लिए कहा है और भविष्य में रोजाना 40 हजार लीटर दूध की मांग गोकुल डेयरी से मिलने के आसार हैं. इसके अलावा बिहार अपनी मांग के हिसाब से दूध की पूर्ति नहीं कर पा रहा है. इसलिए बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ से रोजाना 25 हजार से 30 हजार लीटर दूध और उनके उत्पाद खरीद रहा है.

अन्य राज्यों से भी संपर्क : बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ के दूध की महाराष्ट्र और बिहार में बढ़ती मांग को देखते हुए दुग्ध संघ उन इलाकों पर फोकस कर रहा है. जहां buffalo milk की मांग बहुत ज्यादा है और मांग के लिहाज से पूर्ति नहीं हो पाती है. बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध महासंघ की नजर दक्षिण भारत के प्रदेशों पर है. जहां buffalo milk की मांग के लिहाज से उपलब्धता काफी कम है. इसके साथ ही बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध महासंघ उन इलाकों पर भी अपनी बिक्री पर फोकस कर रहा है. जहां के स्थानीय उत्पाद गुणवत्ता के मामले में कमजोर है और लोगों को शुद्ध दूध नहीं मिल रहा है.

प्लांट की क्षमता में डेढ़ गुना विस्तार : बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ के सदस्य पशुपालकों की लगातार बढती संख्या और दूसरे प्रदेशों में buffalo milk की गुणवत्ता के चलते बढ़ रही मांग को लेकर दुग्ध संघ को अपनी क्षमता का विस्तार करना पड़ रहा है. फिलहाल बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ की रोजाना खपत की क्षमता एक लाख लीटर है, लेकिन लगातार बढ़ रहे milk collection के चलते क्षमता का विस्तार करना पड़ रहा है. milk collection और लगातार बढ़ती मांग के आधार पर क्षमता को दोगुना किया जा सकता है. लेकिन फिलहाल क्षमता डेढ़ गुनी की जा रही है. क्योंकि एकदम से दोगुनी क्षमता करना आसान नहीं होगा.

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महाराष्ट्र व बिहार में डिमांड : प्लांट मैनेजर जितेन्द्र सिंह गहलोत बताते हैं कि बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ बुंदेलखंड के पशुपालक किसानो की आर्थिक उन्नति के उद्देश्य से खोला गया था और दुग्ध संघ अपने उद्देश्य में काफी हद तक सफल हुआ है. बुंदेलखंड के पशुपालक किसान तेजी से हमारे साथ जुड़ रहे हैं और हमारा milk collection अपनी क्षमता से ज्यादा होने लगा है. महाराष्ट्र और बिहार के सहकारी दुग्ध संघ लगातार हम से दूध और उनके उत्पाद ले रहे हैं और उनकी मांग बढती जा रही है. इसलिए हम अपनी क्षमता डेढ़ गुनी करने जा रहे हैं.

बुंदेलखंड के दूध की महाराष्ट्र और बिहार में भारी डिमांड

सागर। जिले के सिरोंजा में बुंदेलखंड विकास पैकेज के तहत स्थापित किया गया डेयरी प्लांट सागर संभाग के सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, निवाड़ी दमोह जिले से रोजाना करीब एक लाख लीटर दूध खरीदता है. सहकारी व्यवस्था के अंतर्गत ये दूध सीधे पशुपालकों से ना खरीदकर सहकारी समितियों के माध्यम से खरीदा जा रहा है. स्थानीय पशुपालकों को बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ में समितियों के माध्यम से दूध देने में अच्छा मुनाफा हो रहा है और लगातार पशुपालक बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ से समितियों के माध्यम से जुड़ रहे हैं. फिलहाल स्थिति ये है कि रोजाना 1 लाख 25 हजार से 1 लाख 30 हजार लीटर बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ समितियों के माध्यम से दूध खरीद रहा है.

बुंदेलखंड के दूध की भारी डिमांड : बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ ने बहुत कम समय में बड़ी सफलता अर्जित की है. दरअसल, बुंदेलखंड इलाके के buffalo milk की गुणवत्ता से इसकी मांग चारों तरफ बढ़ रही है. महाराष्ट्र की गोकुल डेयरी buffalo milk की गुणवत्ता के चलते रोजाना 25 से 30 हजार लीटर दूध बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ के प्लांट से ले रही है. वहीं गोकुल डेयरी ने अपनी मांग बढाने के लिए कहा है और भविष्य में रोजाना 40 हजार लीटर दूध की मांग गोकुल डेयरी से मिलने के आसार हैं. इसके अलावा बिहार अपनी मांग के हिसाब से दूध की पूर्ति नहीं कर पा रहा है. इसलिए बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ से रोजाना 25 हजार से 30 हजार लीटर दूध और उनके उत्पाद खरीद रहा है.

अन्य राज्यों से भी संपर्क : बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ के दूध की महाराष्ट्र और बिहार में बढ़ती मांग को देखते हुए दुग्ध संघ उन इलाकों पर फोकस कर रहा है. जहां buffalo milk की मांग बहुत ज्यादा है और मांग के लिहाज से पूर्ति नहीं हो पाती है. बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध महासंघ की नजर दक्षिण भारत के प्रदेशों पर है. जहां buffalo milk की मांग के लिहाज से उपलब्धता काफी कम है. इसके साथ ही बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध महासंघ उन इलाकों पर भी अपनी बिक्री पर फोकस कर रहा है. जहां के स्थानीय उत्पाद गुणवत्ता के मामले में कमजोर है और लोगों को शुद्ध दूध नहीं मिल रहा है.

प्लांट की क्षमता में डेढ़ गुना विस्तार : बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ के सदस्य पशुपालकों की लगातार बढती संख्या और दूसरे प्रदेशों में buffalo milk की गुणवत्ता के चलते बढ़ रही मांग को लेकर दुग्ध संघ को अपनी क्षमता का विस्तार करना पड़ रहा है. फिलहाल बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ की रोजाना खपत की क्षमता एक लाख लीटर है, लेकिन लगातार बढ़ रहे milk collection के चलते क्षमता का विस्तार करना पड़ रहा है. milk collection और लगातार बढ़ती मांग के आधार पर क्षमता को दोगुना किया जा सकता है. लेकिन फिलहाल क्षमता डेढ़ गुनी की जा रही है. क्योंकि एकदम से दोगुनी क्षमता करना आसान नहीं होगा.

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