सागर। बंडा विशेष न्यायालय ने मार्च 2019 में नाबालिग के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने नाबालिग से रेप व हत्या के दोषी चाचा-भतीजे को फांसी की सजा सुनाई है, जबकी आरोपी बनाई गई चाची को अदालत ने बरी कर दिया है, वहीं एक अन्य आरोपी का नाबालिग होने के कारण उसकी मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है.
मामला मार्च 2019 का है, जब 14 मार्च 2019 नाबालिग के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद बच्ची का शव खेत मे सिर और धड़ के रूप अलग-अलग मिला था. पुलिस ने इस मामले में लड़की के दो सगे भाईयों और चचा-चाची के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था.
यह ऐतिहासिक फैसला प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश उमाशंकर अग्रवाल ने दिया. उन्होंने चाचा बंशी लाल और उसके भतीजे यानी लड़की के भाई राम प्रसाद को इस जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा सुनाई. अब यह फैसला वैरिफिकेश के लिए हाईकोर्ट जाएगा, उसके बाद सजा की तारीख तय होगी.