सागर। कोरोना महामारी के बीच इलाज को लेकर कई तरह की लापरवाही सामने आ रही है. सरकारी अस्पतालों की बदइंतजामी, दवाईयों की कमी और ऑक्सीजन न मिलने से ज्यादातर मरीज निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ निजी अस्पतालों का खर्च वहन नहीं कर पाने वाले गरीब तबके के लोग झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने के लिए मजबूर हैं.
- झोलाछाप डॉक्टर का क्लीनिक सील
सागर जिले में प्रशासन को लगातार झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों का इलाज करने संबंधी शिकायतें मिल रही थी, लिहाजा जिला प्रशासन ने इन पर छापामार कार्रवाई शुरू कर दी है. इसी कड़ी में मंगलवार को सागर शहर के बड़ा बाजार इलाके में एक आयुर्वेद डॉक्टर के यहां प्रशासन ने छापा मारकर अस्पताल को सील कर दिया है. आयुर्वेद डिग्री धारक डॉक्टर अपने निजी क्लीनिक में कोरोना मरीजों का इलाज एलोपैथिक तरीके से कर रहा था. जानकारी के मुताबिक, आयुर्वेद डॉक्टर ने अपने निजी क्लीनिक में करीब 10 लोगों को भर्ती करके भी रखा था. जिसके बाद जिला कलेक्टर के निर्देश पर सागर सिटी मजिस्ट्रेट ने अस्पताल पर छापा मारकर अस्पताल को सील कर दिया है.
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इस कार्रवाई को लेकर सागर सिटी मजिस्ट्रेट सीएल वर्मा ने बताया है, "हमें लगातार शिकायतें मिल रही थी कि कई डॉक्टर डिग्री न होने के बावजूद कोरोना के मरीजों का इलाज एलोपैथी तरीके से कर रहे हैं. इस तरह का इलाज करने के कारण सरकारी अस्पतालों में ज्यादातर मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं. शुरुआती दौर में जब मरीजों को उचित इलाज मिलना चाहिए, तब यह झोलाछाप डॉक्टर मनमाने तरीके से इलाज करके उनकी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. खास बात यह है कि आयुर्वेद की डिग्री होने के बावजूद एलोपैथी तरीके से इलाज किया जा रहा है. इसकी शिकायत पर आज हमने कार्रवाई की है और अस्पताल को सील कर दिया है. यहां करीब 8 से 10 मरीज भर्ती भी मिले थे, जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है."