सागर। सरकारी सिस्टम में लालफीताशाही और लेटलतीफी तो जगजाहिर है, कुछ ऐसा ही योजनाओं का भी हाल होता है, जहां सरकार योजनाओं को हितग्राहियों के हितों के लिए बनाती हैं, लेकिन अफसोस की जरूरतमंद तक पहुंचने में ही इन्हे सालों लग जाते हैं और मजबूर दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा सागर के कलेक्ट्रेट परिसर में दिखा, जहां दोनों पैरों से चलने में असमर्थ प्रकाश एक साइकिल पाने के लिए सालों से जिला मुख्यालय के दफ्तर के चक्कर काट रहा है.
प्रकाश बंडा विधानसभा क्षेत्र का रहने वाला है, उसके दोनों पैर नहीं हैं और दिव्यांग है. प्रकाश बताता है कि वह पिछले चार सालों से तीन पहिया साइकिल के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. इस बार भी वह अपने भांजे की मदद से बंडा से पहले कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां से उसे सामाजिक न्याय विभाग के दफ्तर जाने को कहा गया और फिर इस बार भी वह कोरा आश्वासन लेकर बंडा लौट गया.
सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी राजेश पटेरिया का कहना है कि जल्द ही प्रकाश को बंडा में ही ट्राईसाइकिल उपलब्ध करा दी जाएगी.