ETV Bharat / state

ट्राइसाइकिल के लिए भटक रहा दिव्यांग, इस बार भी मिला सिर्फ कोरा आश्वासन - सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी राजेश पटेरिया

सागर के कलेक्ट्रेट परिसर में दोनों पैरों से चलने में असमर्थ प्रकाश नाम का दिव्यांग साइकिल पाने के लिए सालों से जिला मुख्यालय के दफ्तर के चक्कर काट रहा है.

A disabled troubled for tricycle in sagar district
प्रकाश
author img

By

Published : Dec 26, 2019, 1:07 AM IST

सागर। सरकारी सिस्टम में लालफीताशाही और लेटलतीफी तो जगजाहिर है, कुछ ऐसा ही योजनाओं का भी हाल होता है, जहां सरकार योजनाओं को हितग्राहियों के हितों के लिए बनाती हैं, लेकिन अफसोस की जरूरतमंद तक पहुंचने में ही इन्हे सालों लग जाते हैं और मजबूर दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा सागर के कलेक्ट्रेट परिसर में दिखा, जहां दोनों पैरों से चलने में असमर्थ प्रकाश एक साइकिल पाने के लिए सालों से जिला मुख्यालय के दफ्तर के चक्कर काट रहा है.

ट्राइसाइकिल के लिए भटक रहा दिव्यांग


प्रकाश बंडा विधानसभा क्षेत्र का रहने वाला है, उसके दोनों पैर नहीं हैं और दिव्यांग है. प्रकाश बताता है कि वह पिछले चार सालों से तीन पहिया साइकिल के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. इस बार भी वह अपने भांजे की मदद से बंडा से पहले कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां से उसे सामाजिक न्याय विभाग के दफ्तर जाने को कहा गया और फिर इस बार भी वह कोरा आश्वासन लेकर बंडा लौट गया.


सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी राजेश पटेरिया का कहना है कि जल्द ही प्रकाश को बंडा में ही ट्राईसाइकिल उपलब्ध करा दी जाएगी.

सागर। सरकारी सिस्टम में लालफीताशाही और लेटलतीफी तो जगजाहिर है, कुछ ऐसा ही योजनाओं का भी हाल होता है, जहां सरकार योजनाओं को हितग्राहियों के हितों के लिए बनाती हैं, लेकिन अफसोस की जरूरतमंद तक पहुंचने में ही इन्हे सालों लग जाते हैं और मजबूर दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा सागर के कलेक्ट्रेट परिसर में दिखा, जहां दोनों पैरों से चलने में असमर्थ प्रकाश एक साइकिल पाने के लिए सालों से जिला मुख्यालय के दफ्तर के चक्कर काट रहा है.

ट्राइसाइकिल के लिए भटक रहा दिव्यांग


प्रकाश बंडा विधानसभा क्षेत्र का रहने वाला है, उसके दोनों पैर नहीं हैं और दिव्यांग है. प्रकाश बताता है कि वह पिछले चार सालों से तीन पहिया साइकिल के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. इस बार भी वह अपने भांजे की मदद से बंडा से पहले कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां से उसे सामाजिक न्याय विभाग के दफ्तर जाने को कहा गया और फिर इस बार भी वह कोरा आश्वासन लेकर बंडा लौट गया.


सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी राजेश पटेरिया का कहना है कि जल्द ही प्रकाश को बंडा में ही ट्राईसाइकिल उपलब्ध करा दी जाएगी.

Intro:सागर। सरकारी सिस्टम में लालफीताशाही और लेटलतीफी तो जगजाहिर है कुछ ऐसा ही योजनाओं का भी हाल होता है जहाँ सरकार योजनाओं को हितग्राहियों के हितों के लिए बनाती हैं, लेकिन अफसोस की ज़रूरतमंद तक पहुंचने में ही इन्हे महिनों सालों लग जाते हैं और मजबूर दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं। Body:कुछ ऐसा ही नज़ारा सागर के कलेक्ट्रेट परिसर में दिखा जहाँ दोनों पैरों से पूर्णतः विकलांग बंडा निवासी प्रकाश महज़ एक साइकिल पाने के लिए सालों से ज़िला मुख्यालय के दफ्तर के चक्कर काट रहा है। प्रकाश बंडा विधानसभा क्षेत्र का रहने वाला है उसके दोनों पैर नहीं हैं वह पूर्णतः निःशक्त है और बतौर प्रकाश वह पिछले चार सालों से तीन पहिया साइकिल के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। Conclusion:इस बार भी वह अपने भांजे की मदद से बंडा से पहले कलेक्ट्रेट पहुंचा जहां से उसे सामाजिक न्याय विभाग के दफ्तर जाने को कहा गया, और फिर इस बार भी वह कोरा आश्वासन लेकर बंडा लौट गया। हालांकि सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी राजेश पटेरिया का कहना है कि जल्द ही प्रकाश को बंडा में ही ट्राई साइकिल उपलब्ध करा दी जाएगी।
बाइट- प्रकाश अहिरवार, पीड़ित
बाइट- राजेश पटेरिया, प्रभारी, जन न्याय विभाग, सागर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.