रीवा। शासकीय ठाकुर रणमत सिंह कॉलेज (टीआरएस) में साढ़े चार करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की टीम दस्तावेजों को खंगालने सहित जब्त करने देर शाम कॉलेज पहुंची. इस घोटाले के आरोप में ईओडब्ल्यू ने तीन पूर्व प्राचार्यों सहित 19 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है.
इस बहुचर्चित घोटाले में अब तक 14 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हो चुका है, जिसमें EOW के अधिकारियों ने 14 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के घोटाला होने की आशंका जताई है.
करोड़ों का हुआ था बंदरबांट
EOW में इस प्रकरण की एफआईआर बीते माह दर्ज हुई थी, जिसके बाद ईओडब्ल्यू द्वारा विवेचना शुरू कर दी गई थी. इसी कड़ी में अब घोटाले से संबंधित दस्तावेजों को तलाशने महाविद्यालय में EOW की टीम ने देर शाम दबिश दी.
गौरतलब है कि, तत्कालीन प्राचार्य रामलला शुक्ल, एसयू खान, सतेन्द्र शर्मा सहित परीक्षा नियंत्रक अजय शंकर पाण्डेय पर आर्थिक अनियमितता किए जाने के आरोप हैं. इनके द्वारा जनभागीदारी निधि से अपने एकाउंट में राशि डाली गई थी. इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के साथ-साथ कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
बीते माह दर्ज हुई थी एफआईआर
शासकीय ठाकुर रणमत सिंह कॉलेज में साढ़े चार करोड़ रुपये के घोटाले पर एफआईआर दर्ज होने के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की टीम संबंधित दस्तावेजों को जब्त करने पहुंची. विंध्य क्षेत्र के सबसे पुराने कॉलेज में सामने आए इस घोटाले के आरोप में तीन पूर्व प्राचार्यों सहित 19 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू की गई. फिलहाल EOW की टीम आवश्यक दस्तावेजों की छानबीन और जब्ती की कार्रवाई में लगी हुई है. निरीक्षक प्रवीण चतुर्वेदी, एसआई आशीष मिश्रा, एएसआई संतोष पाण्डेय सहित अन्य स्टॉफ द्वारा प्रकरण से जुड़े रिकार्ड खंगाले जा रहे है.
19 लोगों के खिलाफ दर्ज हैं मामला
इस घोटाले में 19 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया हैं, जिसमें तत्कालीन प्राचार्य रामलला शुक्ल, तत्कालीन प्राचार्य डॉ. एसयू खान, तत्कालीन प्राचार्य डॉ. सतेन्द्र शर्मा सहित परीक्षा नियंत्रक अजय शंकर पाण्डेय, डॉ. कल्पना अग्रवाल, डॉ. संजय सिंह, डॉ. संजय शंकर मिश्रा, डॉ. अवध प्रताप शुक्ला, डॉ. एसएन पाण्डेय, डॉ. आरएन तिवारी, डॉ. आरपी चतुर्वेदी, डॉ. सुशील कुमार, आरके धुर्वे, डॉ. एचडी गुप्ता, प्रियंका मिश्रा, प्रभात प्रजापति, भृत्य रामप्रकाश चतुर्वेदी सहित तत्कालीन लेखापाल का नाम शामिल है.
कॉलेज में हुए आर्थिक अनियमितता के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद विवेचना शुरू की जा चुकी है, जिसके बाद टीम को प्रकरण से संबंधित दस्तवेजों की जब्ती के लिए भेजा गया है.
पूर्व कलेक्टर ने भी कराई थी जांच
टीआरएस प्राचार्य सहित अन्य लोगों द्वारा आर्थिक गड़बड़ी किए जाने का मामला काफी पहले से उठा था, जिस पर पूर्व कलेक्टर द्वारा टीम बनाकर जांच करवाई गई थी. इस जांच दल द्वारा भी पता लगाया गया कि महाविद्यालय में आर्थिक अनियमितताएं हुई हैं. सिर्फ इतना ही नहीं मानदेय, यात्रा भत्ता सहित पारिश्रमिक में भी गड़बड़ी कर करोड़ों की राशि निकालकर कर खुद के खाते में ट्रांसफर की गई है.