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कोरोना रिपोर्ट आने से पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने चोरी-छिपे किया अंतिम संस्कार, जानिए पूरा मामला

संजय गांधी अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां युवक की कोरोना रिपोर्ट आने के पहले ही डॉक्टरों की टीम ने चोरी-छिपे शव का अंतिम संस्कार कर दिया, और जब कोरोना रिपोर्ट आने पर परिजन शव मांगने पहुंचे तो उन्हें ये कह दिया कि एक दिन पहले ही मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. लिहाजा परिजनों ने कमिश्नर से मदद की गुहार लगाई है.

The funeral was done before the corona report came out
कोरोना रिपोर्ट आने के पूर्व किया गया अंतिम संस्कार
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Published : Aug 11, 2020, 3:25 AM IST

रीवा। संजय गांधी अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां युवक की कोरोना रिपोर्ट आने के पहले ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. जिसके बाद परिजनों ने विरोध जाहिर करके युवक की जिंदा या मुर्दा बॉडी की मांग की तो अस्पताल प्रबंधन ने मामले को शांत कराने के एवज में 50 हजार रूपए का ऑफर दे दिया. विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में आए दिन डॉक्टरों की लापरवाही सामने आती है मगर प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा इस पर किसी भी प्रकार का लगाम नहीं लगाया जा रहा है.

ताजा मामला सामने आया है मऊगंज निवासी एक युवक के इलाज पर लापरवाही का जहां पर संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टरों के द्वारा युवक को मृत घोषित कर दिया गया, और परिजनों को कोरोना रिपोर्ट आने का इंतजार करने को कहा गया, और 2 दिन बाद जब कोरोना रिपोर्ट आने के बाद परिजन डेड बॉडी मांगने गए तो उन्हें दूसरे की डेड बॉडी दिखा दी गई.जिसके बाद परिजनों ने आपत्ति जाहिर की तो अस्पताल प्रबंधन ने एक दिन पहले ही अंतिम संस्कार किए जाने की बात को स्वीकार किया. इस पूरे मामले पर परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और युवक को जीवित या फिर उसके शव की मांग पर अड़े हुए हैं.

वहीं सोमवार शाम को गुस्साए परिजनों ने कमिश्नर कार्यालय का घेराव किया, और संभागायुक्त के सामने बैठकर न्याय की गुहार लगाने लगाई है. इधर संभाग आयुक्त ने मामले पर जांच के निर्देश दिए हैं, और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है.

रीवा। संजय गांधी अस्पताल में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां युवक की कोरोना रिपोर्ट आने के पहले ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. जिसके बाद परिजनों ने विरोध जाहिर करके युवक की जिंदा या मुर्दा बॉडी की मांग की तो अस्पताल प्रबंधन ने मामले को शांत कराने के एवज में 50 हजार रूपए का ऑफर दे दिया. विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में आए दिन डॉक्टरों की लापरवाही सामने आती है मगर प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा इस पर किसी भी प्रकार का लगाम नहीं लगाया जा रहा है.

ताजा मामला सामने आया है मऊगंज निवासी एक युवक के इलाज पर लापरवाही का जहां पर संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टरों के द्वारा युवक को मृत घोषित कर दिया गया, और परिजनों को कोरोना रिपोर्ट आने का इंतजार करने को कहा गया, और 2 दिन बाद जब कोरोना रिपोर्ट आने के बाद परिजन डेड बॉडी मांगने गए तो उन्हें दूसरे की डेड बॉडी दिखा दी गई.जिसके बाद परिजनों ने आपत्ति जाहिर की तो अस्पताल प्रबंधन ने एक दिन पहले ही अंतिम संस्कार किए जाने की बात को स्वीकार किया. इस पूरे मामले पर परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और युवक को जीवित या फिर उसके शव की मांग पर अड़े हुए हैं.

वहीं सोमवार शाम को गुस्साए परिजनों ने कमिश्नर कार्यालय का घेराव किया, और संभागायुक्त के सामने बैठकर न्याय की गुहार लगाने लगाई है. इधर संभाग आयुक्त ने मामले पर जांच के निर्देश दिए हैं, और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है.

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