रीवा। एक शिक्षक ने नीद की गोली खाकर सुसाइड कर लेने का मामला सामने आया है. घटना रीवा के मनगवां थाना क्षेत्र के देवगांव के रहने वाले एक शिक्षक की है. शिक्षक की सुसाइट के पीछे का कारण तीन महीने से वेतन न मिला बताया जा रहा है. वहीं रीवा अस्पताल प्रबंधन की भी इस मामले घोर लापरवाही सामने आई है. अस्पताल प्रबंधन ने शव का पंचनामा किए बगैर ही बॉडी परिजनों को सौंप दी, जिसके बाद परिजन ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
रीवा के गंगेव विकासखंड में शिक्षकों का तीन माह का वेतन नहीं दिया गया है, जिसके चलते अब उन्हें आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या का रास्ता अपनाना पड़ रहा है. गंगेव विकासखंड के गोदरी स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक ने तीन माह की वेतन नहीं मिलने के कारण आत्महत्या कर ली. दरअसल वेतनमान पे की ग्रेडिंग में तकनीकी समस्या होने के चलते तीन माह का वेतन गंगेव विकासखंड के किसी भी शिक्षक को नहीं दिया गया है. इस बात से आहत शिक्षिक संजीव शुक्ला मानसिक रूप से परेशान रहने लगे और एक नींद की गोलियां खा लीं, जिसके कारण अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई और आनन-फानन में उन्हें संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां पर इलाज के दौरान आज उनकी मौत हो गई.
बिना पंचनामा के अंतिम संस्कार
इधर शिक्षक की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन भी लापरवाही करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और उनकी डेड बॉडी को बिना पीएम कराए ही परिजनों को सौंप दिया गया. बताया जा रहा है कि शिक्षक के शव को अस्पताल से घर ले जाने तक के लिए परिजन के पास पैसे नहीं थे, जिसके बाद सहयोगियों की सहायता से शव को अस्पताल से रवाना कराया गया. जिसके बाद परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया और अब बिना पीएम कराए परिजन को शव सौंपे जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कलेक्टर ने तुरंत ही संबंधित अधिकारियों को शव का पंचनामा कराने की जिम्मेदारी सौंपी लेकिन, जब तक काफी देर हो चुकी थी. शिक्षक का अंतिम संस्कार हो चुका था.