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रीवा के सरकारी स्कूलों का बुरा हाल, कॉपी-किताब छोड़ स्कूलों में झाड़ू लगा रहे छात्र - कॉपी-किताब छोड़ स्कूलों में झाड़ू लगा रहे छात्र

रीवा के सरकारी स्कूल में बच्चे स्कूल में पहुंचते ही पहले झाडू लगाते हैं. क्योंकि स्कूलों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं है. इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

रीवा के सरकारी स्कूलों का बुरा हाल
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Published : Sep 23, 2019, 6:12 PM IST

Updated : Sep 23, 2019, 7:54 PM IST

रीवा। एक तरफ सरकारें स्कूल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन रीवा शहर के सरकारी स्कूलों में इन दावो की हकीकत कुछ और ही नजर आती है. शहर के सरकारी स्कूल में बच्चें किताब छोड़ हाथ में झाड़ू लिये स्कूल की साफ-सफाई करते दिखाई दिए है. जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले पर जांच करने की बात करते हुए सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

रीवा के सरकारी स्कूलों का बुरा हाल

सर्व शिक्षा अभियान को ग्रहण लगाती एक तस्वीर रीवा शहर के शासकीय सामान हाई स्कूल से सामने आई है. जहां पर बच्चे पढ़ाई करने के बजाय स्कूल की साफ सफाई करते देखे गए. हालांकि रीवा जिले के तमाम स्कूलों में बच्चे सुबह स्कूल पहुंचते ही झाड़ू लेकर साफ सफाई में जुट जाते है.

छात्रों का कहना है कि झाड़ू लगाने का काम उनको रोज करना पड़ता है. विद्यालय को साफ और स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी केवल उनकी ही है. शिक्षक और चपरासी तो केवल रौब झाड़ने के लिए ही होते हैं. जब इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी राम नरेश पटेल से बात की तो. उन्होंने मामले से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. यह बात शिक्षा विभाग और शिक्षा देने वाले लोग उनके लिए बड़ी शर्म की बात है.

रीवा। एक तरफ सरकारें स्कूल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन रीवा शहर के सरकारी स्कूलों में इन दावो की हकीकत कुछ और ही नजर आती है. शहर के सरकारी स्कूल में बच्चें किताब छोड़ हाथ में झाड़ू लिये स्कूल की साफ-सफाई करते दिखाई दिए है. जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले पर जांच करने की बात करते हुए सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

रीवा के सरकारी स्कूलों का बुरा हाल

सर्व शिक्षा अभियान को ग्रहण लगाती एक तस्वीर रीवा शहर के शासकीय सामान हाई स्कूल से सामने आई है. जहां पर बच्चे पढ़ाई करने के बजाय स्कूल की साफ सफाई करते देखे गए. हालांकि रीवा जिले के तमाम स्कूलों में बच्चे सुबह स्कूल पहुंचते ही झाड़ू लेकर साफ सफाई में जुट जाते है.

छात्रों का कहना है कि झाड़ू लगाने का काम उनको रोज करना पड़ता है. विद्यालय को साफ और स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी केवल उनकी ही है. शिक्षक और चपरासी तो केवल रौब झाड़ने के लिए ही होते हैं. जब इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी राम नरेश पटेल से बात की तो. उन्होंने मामले से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. यह बात शिक्षा विभाग और शिक्षा देने वाले लोग उनके लिए बड़ी शर्म की बात है.

Intro:एंकर- रीवा शहर में संचालित शासकीय शाला सामान में बच्चों से विद्यालय की साफ-सफाई कराने का मामला उजागर हुआ है... तथा बच्चे झाड़ू लगाते दिखाई दिए है जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले पर जांच की बात करते हुए सख्त कार्यवाही का निर्देश दिया...

Body: मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा एक ओर जहां शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं.. वही रीवा जिले में सरकार की सर्व शिक्षा अभियान तथा स्कूल चले हम जैसी सरकारी योजनाओं पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है तथा प्रशासनिक अमले को रीवा जिले के शिक्षा स्तर को सुधारने में कोई रुचि ही नहीं है...


दरअसल सर्व शिक्षा अभियान को ग्रहण लगाती एक तस्वीर रीवा शहर के शासकीय सामान हाई स्कूल से सामने आई है जहां पर बच्चे पढ़ाई करने के बजाय विद्यालय की साफ सफाई करते देखे गए... हालांकि इसमें चौंकाने वाली कोई बात नहीं है .. क्योंकि यह तो रीवा जिले के तमाम विद्यालयों का हाल है.. जहां सुबह स्कूल पर पहुंचते ही बच्चे झाड़ू के साथ देखे जाते हैं...


शासकीय शाला सामान में तो बच्चे यह भी कहते दिखाई दे रहे है की झाड़ू लगाने का उनका यह काम केवल 1 दिन का नहीं है उन्हें तो प्रतिदिन झाड़ू लगाना पड़ता है तथा विद्यालय को साफ और स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी केवल उनकी ही है...

शिक्षक और चपरासी तो केवल रौब झाड़ने के लिए ही होते हैं... संदर्भ में जब हमने जिला शिक्षा अधिकारी राम नरेश पटेल से बात की तो उन्होंने भी मामले से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कार्यवाही का आश्वासन दिया।


Conclusion:जहां एक और सरकार स्कूल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े दावे और योजनाओं को लाकर बच्चों के अच्छे भविष्य की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर इस तरह काफी किताब छोड़ बच्चों के हाथ में झाड़ू हमारे ना यह कहीं ना कहीं शिक्षा विभाग और शिक्षा देने वाले वह लोग उनके लिए बड़ी शर्म की बात है।

byte 1 काबेरी सोधिया
छात्रा
byte 2. छात्रा
byte 3. राम नरेश पटेल
जिला शिक्षा अधिकारी
Last Updated : Sep 23, 2019, 7:54 PM IST
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