रीवा। बारिश के साथ ही बीमारियां पैर पसारने लगी हैं, जबकि जहरीले कीड़े-मकोड़े, सांप-बिच्छू भी बाहर आ गये हैं, जिसके शिकार आये दिन लोग बन रहे हैं. इन्हीं जहरीले कीड़ों के काटने की वजह से कई लोगों की मौत तक हो चुकी है. हर दिन अस्पताल में सर्पदंश के मरीजों की मौत हो रही है.
सांपों के खौफ से फूल रही आवाम की सांस, रोजाना 10-12 सर्पदंश के शिकार पहुंच रहे अस्पताल - भर्ती
बारिश के चलते जहरीले सांप व कीड़े लोगों के लिए सिरदर्द बन रहे हैं, जिससे लोग खौफजदा भी हैं.
सर्पदंश का बड़ा खतरा
रीवा। बारिश के साथ ही बीमारियां पैर पसारने लगी हैं, जबकि जहरीले कीड़े-मकोड़े, सांप-बिच्छू भी बाहर आ गये हैं, जिसके शिकार आये दिन लोग बन रहे हैं. इन्हीं जहरीले कीड़ों के काटने की वजह से कई लोगों की मौत तक हो चुकी है. हर दिन अस्पताल में सर्पदंश के मरीजों की मौत हो रही है.
Intro:रीवा जिले में बरसात के मौसम जहरीले कीड़ों का खौफ बढ़ गया है और इनका शिकार बन के असमय लोग काल के गाल में समा रहे हैं। प्रतिदिन अस्पताल में सर्पदंश से पीड़ित मरीजों की मौत हो रही है। Body:संजय गांधी अस्पताल जहरीले कीड़ों के काटने से भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या प्रतिदिन 10 से 12 के आस पास रहती है। इनमें अधिकांश लोग काल के गाल में समा जाते हैं। अकेले 2 माह के भीतर ही आधा सैकड़ा मौतें हो चुकी हैं। बारिश होने पर सांपों के बिलों में पानी भर जाता है और सूखी जगह की तलाश में लोगों के घरों को ठिकाने बनाते हैं। इन घटनाओं से बचने के लिए सतर्कता बेहद आवश्यक है और थोड़ी सी सावधानी से लोग अपनी जान बचा सकते हैं। रीवा जिले में कोबरा, असडिया सहित अन्य प्रजातियों के सांप पाए जाते हैं। सांपों का सर्वाधिक प्रकोप ग्रामीण क्षेत्रों में रहता हैं।
इस बात को अस्पताल के चिकित्सक व वन विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि महज 3 से 5% सांप जहरीले होते हैं जबकि ज्यादातर सांपों में जहर नहीं होता है लेकिन सांप काटने के बाद लोगों में इतनी दहशत भर जाती हैं कि उनकी हृदय गति रुकने से मौत हो जाती हैं। यदि मरीज को थोड़ा हिम्मत दिलाई जाए तो उसकी जान आसानी से बचाई जा सकती है।
जहरीले के काटने की घटना में लोगों का विश्वास तंत्रमंत्र में भी रहता है। सर्पदंश से पीड़ित मरीज को अस्पताल लाने के बजाय लोग पहले तांत्रिक के पास ले जाकर झाड़-फूंक करवाते हैं और मरीज की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल लेकर आते हैं। तंत्र मंत्र को भले ही चिकित्सा जगत स्वीकार न करता है लेकिन लोगों की आस्था कम नहीं होती है। वही तंत्र मंत्र के जरिए सांप का जहर निकालने का दावा करने वाले एक तांत्रिक का कहना था कि यदि सांप के काटने के 1 घंटे के अंदर वह झाड़ फूंक कर दें मरीज की हालत ठीक हो सकती है।
बाईट- डॉ. यत्नेश त्रिपाठी, सीएमओ संजय गांधी अस्पताल रीवा।
बाईट- ऋषि मिश्रा, उप वनमंडलाधिकारी रीवा।
बाईट- जयप्रकाश कुशवाहा, तांत्रिक।Conclusion:....
इस बात को अस्पताल के चिकित्सक व वन विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि महज 3 से 5% सांप जहरीले होते हैं जबकि ज्यादातर सांपों में जहर नहीं होता है लेकिन सांप काटने के बाद लोगों में इतनी दहशत भर जाती हैं कि उनकी हृदय गति रुकने से मौत हो जाती हैं। यदि मरीज को थोड़ा हिम्मत दिलाई जाए तो उसकी जान आसानी से बचाई जा सकती है।
जहरीले के काटने की घटना में लोगों का विश्वास तंत्रमंत्र में भी रहता है। सर्पदंश से पीड़ित मरीज को अस्पताल लाने के बजाय लोग पहले तांत्रिक के पास ले जाकर झाड़-फूंक करवाते हैं और मरीज की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल लेकर आते हैं। तंत्र मंत्र को भले ही चिकित्सा जगत स्वीकार न करता है लेकिन लोगों की आस्था कम नहीं होती है। वही तंत्र मंत्र के जरिए सांप का जहर निकालने का दावा करने वाले एक तांत्रिक का कहना था कि यदि सांप के काटने के 1 घंटे के अंदर वह झाड़ फूंक कर दें मरीज की हालत ठीक हो सकती है।
बाईट- डॉ. यत्नेश त्रिपाठी, सीएमओ संजय गांधी अस्पताल रीवा।
बाईट- ऋषि मिश्रा, उप वनमंडलाधिकारी रीवा।
बाईट- जयप्रकाश कुशवाहा, तांत्रिक।Conclusion:....