रीवा। मध्य प्रदेश में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता अपनी-अपनी दावेदारी करते हुए चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. तमाम राजनीतिक दलों में टिकट बंटवारे का दौर अभी भी जारी है. ऐसे में दमदार दावेदारी कर रहे नेताओं के बागी तेवर भी देखने को मिल रहे हैं. जिसके चलते सभी राजनीतिक दलों में उथल पुथल मची हुई है. यही बागी नेता अब कई राजनीतिक दलों की मुश्किले बढ़ाने वाले हैं. वहीं अगर बात के जाए रीवा जिले की तो यहां का चुनाव अब बेहद दिलचस्प होने वाला है.
टिकट की दावेदारी कर रहे देवेंद्र बसपा में शामिल: भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र सिंह बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाने वाले हैं. अगले माह चुनाव होने जा रहे है और इसके ठीक पहले देवेन्द्र सिंह ने बीजेपी से टिकट के लिए दमदार दावेदारी पेश की थी, लेकिन बीजेपी ने उलट फेर करते हुए त्योंथर सीट से मौजूदा विधायक रहे श्याम लाल द्विवेदी की टिकट काट कर कांग्रेस से बागी हुए सिद्दार्थ तिवारी को टिकट देकर कई नेताओं को नाराज कर दिया. जिसके बाद भाजपा नेता देवेन्द्र सिंह ने नाराज होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया और बसपा में शामिल हो गए. बहुजन समाज पार्टी ने उन्हें टिकट सौंपते हुए त्योंथर विधान सभा सीट से अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है.
देवेन्द्र सिंह के जाने से बीजेपी का नुकसान: देवेंद्र सिंह के बासपा में जाने से बीजेपी का भारी नुकसान होने वाला है. देवेंद्र सिंह बीजेपी के कद्दावर और सक्रिय नेता होने के साथ ही क्षेत्र में काफी लोकप्रिय भी हैं. देवेन्द्र सिंह के बीएसपी में शामिल होने के बाद त्योंथर विधान सभा सीट का चुनाव अब त्रिकोणी हो गया है. यहां पर बसपा से उम्मीदवार देवेंद्र सिंह हैं. जबकि बीजेपी से सिद्धार्थ तिवारी को चुनावी मैदान पर उतारा गया है. अगर कांग्रेस की बात की जाए तो इस बार इस सीट से रमाशंकर पटेल चुनावी मैदान में है. यहां होने वाले चुनाव काफी दिलचस्प होने वाले हैं.
देवेंद्र का भाजपा पर बड़ा आरोप: पत्रकार वार्ता करते हुए देवेंद्र सिंह ने कहा कि ''2015 में भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं के सामने उपस्थित होकर उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली थी. लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दम भरने वाली 10 करोड़ से ज्यादा कार्यकर्ताओं वाली पार्टी जब 230 प्रत्याशियों को खोजती है तो दूसरे दलों की ओर टकटकी लगाती है. तो ऐसे दल में निष्ठा के साथ काम करना और रहना काफी मुश्किल हो रहा था. इसलिए जनता के सम्मान के लिए पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है.''
प्रदेश में मेरा दावा था सबसे मजबूत: देवेंद्र सिंह ने कहा कि ''कहीं ना कहीं आखिरी समय में गणित और समीकरण लगने लगते हैं जिसे वह समझ नहीं पाए. त्योंथर ही नहीं समूचे प्रदेश में मेरा दावा सबसे मजबूत था. पार्टी अगर किसी भी भाजपा के कार्यकर्ता को टिकट देती तो मैं बगावत नहीं करता मगर ऐसे व्यक्ति को दिया गया जो कि कांग्रेस के टिकट का दावेदार था और कांग्रेस का रहनुमा था.'' देवेन्द्र सिंह ने कहा ''उनसे जुड़ा हर एक कार्यकर्ता उनके साथ है.''