रीवा। गवर्मेंट नर्सिंग हॉस्टल की 300 छात्रा सोमवार को सड़क पर उतर गईं. अपनी मांगों को लेकर वह कलेक्ट्रेट कर्यालय पहुंचीं और विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कलेक्टर को पत्र सौंप कर समस्याओं का निदान करने की मांग की. कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची सैकड़ों छात्राओ की मांग है कि वह जिस गवर्नमेंट नर्सिंग हॉस्टल भवन में रहती हैं, वह काफी जर्जर स्थिति में है. उनका कहना था कि भवन लगभग 64 साल पुराना है और लगभग 4 माह पूर्व PWD विभाग के अधिकारियों ने जांच करते हुए भवन को इसी जुलाई महीने में ही डिस्मेंटल घोषित किया था.
300 नर्सिंग छात्राओं ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन: गवर्नमेंट नर्सिंग हॉस्टल में रहने वाली 300 छात्राओं ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया. कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी मांगे रखी. कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचीं सैकड़ों नर्सिंग हॉस्टल की छात्राओं का कहना था कि "वह जिस हॉस्टल में रहती हैं उसका भवन लगभग 64 साल पुराना हो चुका है. भवन में कई दरारों के अलावा कई जगहों से उसका प्लास्टर भी गिर चुका है. इन दिनों बारिश का समय है जिसके चलते छत में बनी दरारों से बारिश का पानी रिस कर कमरों में गिरता है. जिसके चलते छात्रावास में रह पाना काफी मुश्किल हो रहा है. कई बार विभाग को इस बारे में अवगत कराया लेकिन इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
जर्जर हॉस्टल में रहती है 100 से अधिक छात्राएं: नर्सिंग छात्राओं का कहना है कि छात्रावास की हालत काफी जर्जर है. वह कभी भी धराशाही हो सकता है. बावजूद इसके छात्राओ को उसी भवन में रखा जा रहा है. कालेज के डीन भी दो दिन पहले निरीक्षण करने हॉस्टल पहुंचे थे इस दौरान सभी छात्राओं ने उनसे मिलकर अपनी समस्याएं बताई थी. इसके बावजूद भी कोई सुध नहीं ली गई. नर्सिंग छात्राओं का कहना था कि "पुराना भवन काफी जर्जर स्थिति में है और वह कभी भी धराशाई हो सकता है. ऐसे में जानमाल की हानि होने की पूरी संभावना है".
कलेक्टर ने कहा डीन को दिया है जांच करने का निर्देश: इस मामले पर कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि "नर्सिंग कॉलेज की छत्राएं आई थीं. उनका कहना था कि नर्सिंग का हॉस्टल काफी जर्जर हालत में है. इसके सम्बन्ध में छात्रावास में किस तरह के सुधार कार्य किए जा सकते हैं. इसके लिए मेडिकल कॉलेज के डीन को निर्देश दिए गए हैं. कॉलेज कैंपस में ही कुछ हॉस्टल बनकर तैयार हैं और जब तक नर्सिंग छात्राओं का हॉस्टल बनकर तैयार नहीं हो जाता तब तक के लिए इन्हें वहां पर शिफ्ट किया जा सकता है. मेडिकल कॉलेज के डीन द्वारा छात्रावास का निरीक्षण किया जाएगा. जांच कर रिपोर्ट दी जाएगी. उसके अनुसार आगे की कर्रवाई की जाएगी."