रीवा। आगामी 3 दिसंबर को मध्यप्रदेश विधानसभा मतगणना की जाएगी. मतगणना की तारीख नजदीक आते-आते प्रत्याशियों के दिल की धड़कनें भी अब बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं. एक बार फिर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. 17 नवंबर को मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद मऊगंज की दो व रीवा जिले की 6 विधानसभा सीटो की EVM मशीनों को रीवा के इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए गए स्ट्रांग रूम में कड़े पहरे के बीच CCTV कैमरों से लैस चारदिवारी के बीच रखा गया है, जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता.
कांग्रेस ने खड़े किए सवाल : इस बीच अब कई प्रत्याशियों के समर्थक इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में दिन-रात अपना डेरा जमाए बैठे हैं. स्ट्रांग रुम में रखी गईं सभी EVM अब CCTV कैमरों की निगरानी में हैं और उसका सीधा प्रसारण स्ट्रांग रूम के बाहर LED स्क्रीन के माध्यम से 24 घंटे देखा जा सकता है. बीती रात्रि टेक्निकल खराबी या फिर कोई अन्य कारण से स्ट्रांग रूम के बाहर लगी LED स्क्रीन तकरीबन आधे घंटे के लिए बंद हो गई, जिसके बाद हड़कंप की स्थिती निर्मित हो गई और स्ट्रांग रूम के बाहर मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने हंगामा करना शुरू कर दिया. हालांकि प्रशासन की सफाई और समझाइश के बाद मामला शांत हुआ.
कलेक्टर ने दी सफाई : दूसरे दिन एक बार फिर चंद मिनट के लिए LED स्क्रीन बंद हुई और दोबारा हंगामा हुआ. इसके बाद एक बार फिर प्रशासनिक अधिकारियों ने हंगामा कर रहे लोगों को किसी तरह से शांत कराया लेकिन इन सबके बीच एक नए मामले ने तूल पकड़ लिया जिसके बाद से कांग्रेस लगातार बीजेपी और प्रशासनिक अधिकारियो पर हमलावर हैं. बता दें कि रीवा जिले में 1359 पुलिस कर्मी मतदान करने से वंचित रह गए, जिसके बाद से चुनावी ड्यूटी पर तैनात प्रशासनिक अफसरों पर सवालिया निशान खड़े होने लगे. वहीं, कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि पहले दिन जब LED स्क्रीन बंद हुई तब टेक्निकल फाल्ट हुआ था. दूसरे दिन कॉलेज के प्राचार्य अपने चेंबर में गए तो गलती से उन्होंने अपने चेंबर में लगे स्विच को बंद कर दिया था.
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आरोप-प्रत्यारोप का दौर : रीवा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्यासी इंजीनियर राजेंद्र शर्मा का कहना है कि हमारे यहां 1359 पुलिसकर्मियों का मतदान नहीं कराया गया. हमारे यहां कर्मचारियों की मानसिकता सरकार के विरोध में थी. कर्मचारी सरकार के पक्ष में नहीं थे. सरकार के कुछ कर्मचारी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बनकर काम कर रहे थे. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि पहली बात तो इनकी सरकार बन नहीं रही है. इनको मुंगेरीलाल के सपने देखने की आदत हो गई है. सपने देखने का अधिकार सबको है. इनको सपने देखने दीजिए.