रीवा। किसान और सरकार के बीच तीन कृषि कानून को लेकर गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. किसान नेताओं ने इस कानून के खिलाफ अपना रोष तेज कर दिया है. रीवा में आयोजित किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने सरकार को एक बार फिर से आगह किया है कि वह इन तीन कानूनों को वापस ले. कृषि उपज मंडी करहिया में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें शामिल होने किसानों के राष्ट्रीय नेता राकेश टिकैत रीवा आए. यहां पर किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कृषि कानून बिल का मतलब समझाया और कहा कि बंगाल चुनाव में सरकार किसानों से चावल मांग रही है, तो बंगाल के किसान वहां पर भी एमएसपी की बात करेंगे. किसान महापंचायत सभा में संभाग से हजारों की तादाद में किसानों ने अपनी सहभागिता दर्ज कराई.
किसान महापंचायत में शामिल हुए राकेश टिकैत
केंद्र सरकार के लागू किए गए कृषि कानून बिल का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. कृषि कानून बिल का विरोध करते हुए किसानों ने तकरीबन 100 दिनों से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और सरकार के द्वारा लागू किए गए कृषि कानून बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. जिसको लेकर देशव्यापी आंदोलन भी जारी है. इसी कड़ी में अब यह आंदोलन रीवा तक आ पहुंचा है. जहां पर सयुंक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आज किसान महापंचायत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें शामिल होने किसानों के राष्ट्रीय नेता राकेश टिकैत रीवा पहुचे थे.
कानून वापस ले सरकार- राकेश टिकैत
जहां पर किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कृषि कानून बिल के बारे में किसानों को समझाया तथा सरकार के द्वारा इस बिल को वापस करने की मांग की. किसान नेता ने कहा कि अगर इस बिल को सरकार द्वारा वापस नहीं किया जाता है तो किसानों के द्वारा किए जा रहे, इस आंदोलन का विकराल रूप होगा और आने वाले समय में आंदोलन उग्र रूप धारण करेगा.
टिकैत ने भाजाप सरकार पर साधा निशाना
किसान महापंचायत में किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि बंगाल चुनाव को लेकर सरकार के द्वारा घर-घर जाकर लोगों से चावल मांगा जा रहा है. जिसके तहत अब वहां के किसान चावल देकर सरकार से एमएसपी की बात करेंगे. इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा. और किसानों से आवाहन किया कि वह दिल्ली आकर किसान आंदोलन का हिस्सा बने. जिससे इस आंदोलन को और भी ज्यादा मजबूती प्रदान हो सके.
रीवा कलेक्ट्रेट ही है पार्लियामेंट बेरिकेट तोड़ों और घुसों
किसान नेता राकेस टिकैत ने कहा कि अब रीवा के किसानों के लिए कलेक्ट्रेट ही पार्लियामेंट है. जिसके लिए कलेक्ट्रेट में लगी बैरिकेडिंग को तोड़ना पड़ेगा और कलेक्ट्रेट के भीतर घुसना पड़ेगा.