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कैदी की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत, परिजनों ने काटा हंगामा - रीवा में काटा हंगामा

एमपी रीवा में बंदी की मौत पर होने पर परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा काटा. दरअसल बंदी की मौत का कारण कोरोना संक्रमण बताया जा रहा है और परिजनों को डेडबॉडी देने से इनकार कर दिया गया है. जिसे लेकर परिजनों ने धरना दिया.

ruckus in rewa
रीवा में हंगामा
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Published : Apr 29, 2021, 9:25 PM IST

रीवा। संजय गांधी अस्पताल में गुरुवार को विचाराधीन बंदी की उपचार के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने बंदी के शव को कोरोना संक्रमित बताकर परिजनों को डेड बॉडी देने से इनकार कर दिया. डेड बॉडी की मांग को लेकर मृतक के परिजनों ने अस्पताल के मुख्य गेट पर धरना दे दिया तथा प्रशासन पर लापरवाही किए जाने के गंभीर आरोप लगाए. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश देने का काफी प्रयास किया लेकिन वह जिद में अडे़ रहे.

अस्पताल में परिजनों ने काटा हंगामा.

परिजनों का अस्पताल में हंगामा
रायपुर कर्चुलियान थाना क्षेत्र अंतर्गत गोरेगांव का रहने वाला मथुरा प्रसाद साकेत आपसी विवाद के चलते विचाराधीन कैदी के तौर पर केंद्रीय जेल रीवा में बंद था. जिसकी अचानक तबीयत खराब होने के चलते जेल प्रबंधन ने उसे रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां इलाज के दौरान गुरुवार को उसकी मौत हो गई. डॉक्टरों ने विचाराधीन बंदी को कोरोना संक्रमित बताकर परिजनों को डेड बॉडी देने से इनकार कर दिया.

धार: उप जेल में विचाराधीन बंदी की कोरोना से मौत

डेड बॉडी न देने पर परिजनों ने संजय गांधी अस्पताल के मुख्य द्वार पर खड़े होकर हंगामा करना शुरू कर दिया. तथा डेड बॉडी की मांग को लेकर घण्टों प्रदर्शन करते रहे. अस्पताल परिसर में हंगामा कर रहे मृतक के परिजनों का कहना था कि जेल के अंदर उनके साथ बर्बरता की गई. जिसे छिपाने के लिए प्रशासन मृतक को कोरोना संक्रमित बताकर उसकी डेड बॉडी को देने से इनकार कर रही है. हंगामा के दौरान अस्पताल परिसर के भीतर लोगों का प्रवेश पूरी तरह से बंद हो गया.

मौके पर पहुंचा प्रशासनिक अमला
सूचना मिलते ही पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंच गया. प्रशासनिक अमले के समझाइश के बाद मृतक के परिजन शांत हुए. बाद में वह मुआवजे की मांग करने लग गए. मीडिया से बात करते हुए तसीलदार ने बताया की मुआवजे की मांग उचित नहीं है लेकिन कोरोना संक्रमण से हुई मौत पर प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा. वहीं बंदी का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया जाएगा.

रीवा। संजय गांधी अस्पताल में गुरुवार को विचाराधीन बंदी की उपचार के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने बंदी के शव को कोरोना संक्रमित बताकर परिजनों को डेड बॉडी देने से इनकार कर दिया. डेड बॉडी की मांग को लेकर मृतक के परिजनों ने अस्पताल के मुख्य गेट पर धरना दे दिया तथा प्रशासन पर लापरवाही किए जाने के गंभीर आरोप लगाए. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश देने का काफी प्रयास किया लेकिन वह जिद में अडे़ रहे.

अस्पताल में परिजनों ने काटा हंगामा.

परिजनों का अस्पताल में हंगामा
रायपुर कर्चुलियान थाना क्षेत्र अंतर्गत गोरेगांव का रहने वाला मथुरा प्रसाद साकेत आपसी विवाद के चलते विचाराधीन कैदी के तौर पर केंद्रीय जेल रीवा में बंद था. जिसकी अचानक तबीयत खराब होने के चलते जेल प्रबंधन ने उसे रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां इलाज के दौरान गुरुवार को उसकी मौत हो गई. डॉक्टरों ने विचाराधीन बंदी को कोरोना संक्रमित बताकर परिजनों को डेड बॉडी देने से इनकार कर दिया.

धार: उप जेल में विचाराधीन बंदी की कोरोना से मौत

डेड बॉडी न देने पर परिजनों ने संजय गांधी अस्पताल के मुख्य द्वार पर खड़े होकर हंगामा करना शुरू कर दिया. तथा डेड बॉडी की मांग को लेकर घण्टों प्रदर्शन करते रहे. अस्पताल परिसर में हंगामा कर रहे मृतक के परिजनों का कहना था कि जेल के अंदर उनके साथ बर्बरता की गई. जिसे छिपाने के लिए प्रशासन मृतक को कोरोना संक्रमित बताकर उसकी डेड बॉडी को देने से इनकार कर रही है. हंगामा के दौरान अस्पताल परिसर के भीतर लोगों का प्रवेश पूरी तरह से बंद हो गया.

मौके पर पहुंचा प्रशासनिक अमला
सूचना मिलते ही पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंच गया. प्रशासनिक अमले के समझाइश के बाद मृतक के परिजन शांत हुए. बाद में वह मुआवजे की मांग करने लग गए. मीडिया से बात करते हुए तसीलदार ने बताया की मुआवजे की मांग उचित नहीं है लेकिन कोरोना संक्रमण से हुई मौत पर प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा. वहीं बंदी का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया जाएगा.

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