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एमपीईबी विभाग का नया कारनामा, मजदूर को थमाया एक लाख 21 हजार का बिल

रतलाम के ऊंकाला रोड पर दो कमरे के मकान में रहने वाले गरीब परिवार को एक लाख 21 हजार रुपए के बिजली बिल का नोटिस थमाया गया है.

मजदूर को थमाया एक लाख 21 हजार का बिल
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Published : Jul 27, 2019, 9:33 PM IST

रतलाम| एमपीईबी का नया कारनामा सामने आया है. रतलाम के ऊंकाला रोड पर दो कमरे के मकान में रहने वाले गरीब परिवार को एक लाख 21 हजार रुपए के बिजली बिल का नोटिस थमाया गया है. बिजली का कनेक्शन काटे जाने से ये परिवार अंधरे में रहने को मजबूर है. वहीं एमपीईबी के अधिकारी इसे पिछले 45 महीनों का बकाया बिल बता कर कार्रवाई को सही करार दे रहे हैं. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि मजदूरी करने वाला ये गरीब परिवार लाखों रूपये का बिल भरेगा कैसे? परेशान परिवार ने जनसुनवाई में पहुंच कर गुहार लगाई है.

मजदूर को थमाया एक लाख 21 हजार का बिल

ऊंकाला रोड पर रहने वाले जितेंद्र प्रजापत ने मंगलवार को हुई जनसुनवाई में आवेदन दिया था कि एमपीईबी के अधिकारियों ने उसके घर की बिजली काट कर एक लाख 21 हजार रुपए के बिजली बिल का नोटिस दिया है. जितेंद्र के घर के लोगों का कहना है कि उनके द्वारा पहले बिजली के बिल जमा करवाए गए हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से बिजली का बिल नहीं आ रहा था. एमपीईबी कार्यालय में पूछताछ करने पर विभाग के अधिकारियों ने 45 महीनों का बकाया बिल का नोटिस थमा दिया और घर की बिजली काट दी. जिससे पिछले 15 दिनों से परिवार अंधेरे में रहने को मजबूर है.

मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले परिवार को भारी-भरकम बिल मिलने के बाद प्रदेश की पूर्व और वर्तमान सरकार के उन दावों की पोल जरूर खुल गई है, जिसमें गरीबों और श्रमिकों को कम दाम पर बिजली देने और बिजली के बकाया बिलों को माफ करने की बात कही गई थी.

रतलाम| एमपीईबी का नया कारनामा सामने आया है. रतलाम के ऊंकाला रोड पर दो कमरे के मकान में रहने वाले गरीब परिवार को एक लाख 21 हजार रुपए के बिजली बिल का नोटिस थमाया गया है. बिजली का कनेक्शन काटे जाने से ये परिवार अंधरे में रहने को मजबूर है. वहीं एमपीईबी के अधिकारी इसे पिछले 45 महीनों का बकाया बिल बता कर कार्रवाई को सही करार दे रहे हैं. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि मजदूरी करने वाला ये गरीब परिवार लाखों रूपये का बिल भरेगा कैसे? परेशान परिवार ने जनसुनवाई में पहुंच कर गुहार लगाई है.

मजदूर को थमाया एक लाख 21 हजार का बिल

ऊंकाला रोड पर रहने वाले जितेंद्र प्रजापत ने मंगलवार को हुई जनसुनवाई में आवेदन दिया था कि एमपीईबी के अधिकारियों ने उसके घर की बिजली काट कर एक लाख 21 हजार रुपए के बिजली बिल का नोटिस दिया है. जितेंद्र के घर के लोगों का कहना है कि उनके द्वारा पहले बिजली के बिल जमा करवाए गए हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से बिजली का बिल नहीं आ रहा था. एमपीईबी कार्यालय में पूछताछ करने पर विभाग के अधिकारियों ने 45 महीनों का बकाया बिल का नोटिस थमा दिया और घर की बिजली काट दी. जिससे पिछले 15 दिनों से परिवार अंधेरे में रहने को मजबूर है.

मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले परिवार को भारी-भरकम बिल मिलने के बाद प्रदेश की पूर्व और वर्तमान सरकार के उन दावों की पोल जरूर खुल गई है, जिसमें गरीबों और श्रमिकों को कम दाम पर बिजली देने और बिजली के बकाया बिलों को माफ करने की बात कही गई थी.

Intro:मप्र में पुर्व की शिवराज सरकार हो या वर्तमान की कमलनाथ सरकार दोनों ने ही गरीबों को कम दाम पर बिजली देने के दावे और वादे जरुर किये लेकिन दावों की हकीकत कुछ और ही है। एमपीईबी का नया कारनामा रतलाम में सामने आया है जहां ऊंकाला रोड पर दो कमरे के मकान में रहने वाले गरीब परिवार को एक लाख 21 हजार रुपए के बिजली बिल का नोटिस थमाया गया है । और बिजली का कनेक्शन काटे जाने से यह परिवार अंधरे में रहने को मजबुर है। परेशान परिवार ने जनसुनवाई में पहुँच गुहार लगाई है। वही एमपीईबी के अधिकारी इसे पिछले 45 महीनों का बकाया बिल बता कर कार्यवाही को सही करार दे रहे हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि मजदूरी करने वाला यह गरीब परिवार 1 लाख 21 हजार रूपये का बिल भरेगा कैसे


Body:दरअसल रतलाम के ऊकाला रोड पर रहने वाले जितेंद्र प्रजापत ने मंगलवार को हुई जनसुनवाई में आवेदन दिया था कि एमपीईबी के अधिकारियों ने उसके घर की बिजली काट कर ₹121000 रुपए के बिजली बिल का नोटिस थमा दिया है। जितेंद्र के घर के लोगों का कहना है कि उनके द्वारा पूर्व में बिजली के बिल जमा करवाए गए हैं लेकिन पिछले कुछ महीनों से बिजली का बिल नहीं आ रहा था। एमपीबी कार्यालय में पूछताछ करने पर विभाग के अधिकारियों ने 45 महीनों का बकाया 1 लाख 21 हजार रुपए का नोटिस थमा दिया और घर की बिजली काट दी । जिससे पिछले 15 दिनों से या परिवार अंधेरे में रहने को मजबूर है।वही एमपीईबी के अधिकारी इसे पिछले 45 महीनों का बकाया बिल बता कर कार्यवाही को सही करार दे रहे हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि मजदूरी करने वाला यह गरीब परिवार 1 लाख 21 हजार रूपये का बिल भरेगा कैसे


Conclusion:बाहर हाल मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले इस परिवार को भारी-भरकम बिल मिलने के बाद मध्य प्रदेश की पूर्व और वर्तमान सरकार के उन दावों की पोल जरूर खुल गई है जिसमें गरीबों और श्रमिकों को कम दाम पर बिजली देने और बिजली के बकाया बिलों को माफ करने की बात कही गई थी।

बाइट 01 लक्ष्मी बाई प्रजापत (पीड़ित परिवार की महिला)
बाइट 02 एसके कुलकर्णी (जोनल प्रभारी ,विद्युत वितरण कंपनी रतलाम)
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