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कृषि विधेयक को लेकर भ्रम फैला रही है कांग्रेस: पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला - रीवा समाचार

कृषि विधेयक और किसान सम्मान निधि को लेकर चल रही सियासी जंग लगातार जारी है. पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कृषि विधेयक को लेकर कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है.

BJP press conference
बीजेपी प्रेस कॉन्फ्रेंस
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Published : Sep 25, 2020, 10:19 AM IST

रीवा। पूर्व मंत्री और वर्तमान में रीवा से विधायक राजेंद्र शुक्ला ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. कृषि विधेयक को लेकर विधायक शुक्ला ने आरोप लगाए हैं कि, कांग्रेस इस बिल के बारे में भ्रम फैला रही है. इसके साथ ही 15 महीनों की कमलनाथ सरकार के दौरान किसानों के दो लाख रुपए कर्ज माफी किए जाने का हिसाब भी मांगा.

बीजेपी प्रेस कॉन्फ्रेंस

किसान बना चुनावी मुद्दा

प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी द्वारा लगातार एक दूसरे को निशाने पर लिया जा रहा है. वहीं इस साल होने वाले उपचुनाव पर किसान सबसे बड़ा मुद्दा बन कर सामने आया है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही अपने आप को किसान हितैषी बताने से पीछे नहीं हट रही हैं. एक तरफ जहां केंद्र सरकार द्वारा किसानों को लेकर कृषि विधेयक बिल पास किया गया है, तो वहीं कांग्रेस भी किसानों के हित में बात करते हुए कृषि विधेयक और किसान सम्मान निधि को चुनावी एजेंडा बता रही है.

'भ्रम फैलाने का काम कर रही कांग्रेस'

विधायक राजेंद्र शुक्ला ने कृषि विधेयक को लेकर विरोध कर रही कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. विधायक ने कहा की, कांग्रेस ने तो घोषणा पत्र में ही कहा था की, वो APMC एक्ट (एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग) को हटा देंगे. घोषणा पत्र में कांग्रेस कृषि संसोधन बिल को हटाने की बात कर रही है और जब मजबूत इच्छा शक्ति वाले प्रधानमंत्री के नेतृत्त्व में ऐतिहासिक निर्णय लिया जा रहा है, तो उसमे भ्रम फैलाने का काम कांग्रेस कर रही है.

'कहा क्या और किया क्या'

विधायक राजेंद्र शुक्ला ने कहा की, ज्यादातर सुनाई पड़ रहा है की न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि अनाज मंडियां मोदी सरकार द्वारा खत्म की जा रही हैं, जबकि यह दोनों ही बाते पूरी तरह से गलत हैं. जो किसान वास्तव में कर्जदार थे, जिन्हें कर्जमाफी का वादा करके कांग्रेस ने वोट लिया था, उनका कर्ज तो माफ ही नहीं हुआ है. कांग्रेस 10 दिनों में 10 हजार करोड़ का कर्ज माफ करने की बात कह रही है, जबकि 10 दिनों में 50 हजार करोड़ रुपए देने की बात कही गई थी. तो सवाल इस बात का है कि, क्या आपने कहा था और आपने क्या किया.

ये भी पढ़ें- कमलनाथ ने साधा CM शिवराज पर निशाना,'संबल योजना में अपात्रों को पहुंचाया लाभ'

विधायक ने कांग्रेस के घेरते हुए कहा कि, 'इधर-उधर की बात मत करो. किसानों का 10 दिन में दो लाख रुपए तक का कर्जा माफ करने की बात कही थी, तो क्यों नहीं किया और जिन किसानों का किया भी उनकी सूची जारी करो'.

'उनकी बातें जनता के गले के नीचे नहीं उतरतीं'

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, 'उनकी बातें जनता के गले के नीचे नहीं उतरती हैं. उनको विकास अच्छा नहीं लगता, उन्हें बाणगंगा सागर अच्छा नहीं लगता, उन्हें बाई-पास अच्छा नहीं लगता. 15 महीने में उन्होंने क्या किया, ये जनता जानती है. कांग्रेस ने जो अराजकता फैलाई है, जनता देख चुकी है'.

बता दें, कल ही कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी ने कृषि विधेयक और किसान सम्मान निधि को लेकर जमकर केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर निशाना साधा था. इस दौरान उन्होंने किसान सम्मान निधि को चुनावी एजेंडा बताते हुए कहा था कि, 'हमारे प्रदेश के मुखिया खैरात की सरकार चला रहे हैं, न कि वोट की'. वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को लेकर अपशब्द का प्रयोग किया था.

रीवा। पूर्व मंत्री और वर्तमान में रीवा से विधायक राजेंद्र शुक्ला ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. कृषि विधेयक को लेकर विधायक शुक्ला ने आरोप लगाए हैं कि, कांग्रेस इस बिल के बारे में भ्रम फैला रही है. इसके साथ ही 15 महीनों की कमलनाथ सरकार के दौरान किसानों के दो लाख रुपए कर्ज माफी किए जाने का हिसाब भी मांगा.

बीजेपी प्रेस कॉन्फ्रेंस

किसान बना चुनावी मुद्दा

प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी द्वारा लगातार एक दूसरे को निशाने पर लिया जा रहा है. वहीं इस साल होने वाले उपचुनाव पर किसान सबसे बड़ा मुद्दा बन कर सामने आया है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही अपने आप को किसान हितैषी बताने से पीछे नहीं हट रही हैं. एक तरफ जहां केंद्र सरकार द्वारा किसानों को लेकर कृषि विधेयक बिल पास किया गया है, तो वहीं कांग्रेस भी किसानों के हित में बात करते हुए कृषि विधेयक और किसान सम्मान निधि को चुनावी एजेंडा बता रही है.

'भ्रम फैलाने का काम कर रही कांग्रेस'

विधायक राजेंद्र शुक्ला ने कृषि विधेयक को लेकर विरोध कर रही कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. विधायक ने कहा की, कांग्रेस ने तो घोषणा पत्र में ही कहा था की, वो APMC एक्ट (एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग) को हटा देंगे. घोषणा पत्र में कांग्रेस कृषि संसोधन बिल को हटाने की बात कर रही है और जब मजबूत इच्छा शक्ति वाले प्रधानमंत्री के नेतृत्त्व में ऐतिहासिक निर्णय लिया जा रहा है, तो उसमे भ्रम फैलाने का काम कांग्रेस कर रही है.

'कहा क्या और किया क्या'

विधायक राजेंद्र शुक्ला ने कहा की, ज्यादातर सुनाई पड़ रहा है की न्यूनतम समर्थन मूल्य और कृषि अनाज मंडियां मोदी सरकार द्वारा खत्म की जा रही हैं, जबकि यह दोनों ही बाते पूरी तरह से गलत हैं. जो किसान वास्तव में कर्जदार थे, जिन्हें कर्जमाफी का वादा करके कांग्रेस ने वोट लिया था, उनका कर्ज तो माफ ही नहीं हुआ है. कांग्रेस 10 दिनों में 10 हजार करोड़ का कर्ज माफ करने की बात कह रही है, जबकि 10 दिनों में 50 हजार करोड़ रुपए देने की बात कही गई थी. तो सवाल इस बात का है कि, क्या आपने कहा था और आपने क्या किया.

ये भी पढ़ें- कमलनाथ ने साधा CM शिवराज पर निशाना,'संबल योजना में अपात्रों को पहुंचाया लाभ'

विधायक ने कांग्रेस के घेरते हुए कहा कि, 'इधर-उधर की बात मत करो. किसानों का 10 दिन में दो लाख रुपए तक का कर्जा माफ करने की बात कही थी, तो क्यों नहीं किया और जिन किसानों का किया भी उनकी सूची जारी करो'.

'उनकी बातें जनता के गले के नीचे नहीं उतरतीं'

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, 'उनकी बातें जनता के गले के नीचे नहीं उतरती हैं. उनको विकास अच्छा नहीं लगता, उन्हें बाणगंगा सागर अच्छा नहीं लगता, उन्हें बाई-पास अच्छा नहीं लगता. 15 महीने में उन्होंने क्या किया, ये जनता जानती है. कांग्रेस ने जो अराजकता फैलाई है, जनता देख चुकी है'.

बता दें, कल ही कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी ने कृषि विधेयक और किसान सम्मान निधि को लेकर जमकर केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर निशाना साधा था. इस दौरान उन्होंने किसान सम्मान निधि को चुनावी एजेंडा बताते हुए कहा था कि, 'हमारे प्रदेश के मुखिया खैरात की सरकार चला रहे हैं, न कि वोट की'. वहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को लेकर अपशब्द का प्रयोग किया था.

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