वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बाद अब ब्लैक फंगस जैसी घातक बीमारी भी बड़ी तेजी के साथ फैल रही है. प्रदेश में ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आ चुके है.जिसके बाद सरकार ने राज्य में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है.अब तकं रीवा में ब्लैक फंगस से 25 लोग संक्रमित पाए गए हैं. जिसमें से 17 लोगों का इलाज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में चल रहा है वहीं 5 दूसरे गंभीर रोगियों का इलाज रीवा के ही संजय गांधी अस्पताल में किया जा रहा है जबकि इलाज के दौरान 3 अन्य लोगों की मौत हो चुकी है.
आंखों के चारो तरफ सूजन हो जाना, नाक से खून आना, मुंह के जबड़ों में दर्द होना. व्यक्ति को बेहोशी के साथ-साथ मिर्गी के दौरे आना ब्लैक फंगस जैसी घातक बीमारी के लक्षण हैं.
कमजोर इम्युनिटी वालों को बनाता है ब्लैक फंगस शिकार
ब्लैक फंगस से संक्रमित हुए मरीजो का उपचार रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बनाए गए एक वार्ड में किया जा रहा है. रीवा मेडिकल कालेज के प्रभारी डीन और कोविड प्रभारी डॉ. मनोज इंदूरकर ने बताया कि अभी वर्तमान में ब्लैक फंगस यानि "mucormycosis" ज्यादातर अनकंट्रोल डायलिसिस मरीज या फिर कम इम्युनिटी सिस्टम वाले ज्यादातर लोगों पर ही यह बीमारी देखने को मिल रही है.
"endoscopy" के बाद फंगस पाए जाने पर की जाती है मरीज की सर्जरी
डॉ. मनोज इंदूरकर बताते हैं कि इस बीमारी को जल्द से जल्द पहचान कर मरीजों का इलाज शुरू कर देना चाहिए.अगर ये "extensive sinusitis" में फैलता है तो मरीज की सर्जरी की जाती है.बता दें कि सबसे पहले "endoscopy" की जाती है. "endoscopy" में जब मरीज के अंदर ब्लैक फंगस देख लिया जाता है तो फिर मरीज की सर्जरी की जाती है.