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रीवा : असुविधाओं का दंश झेल रहा विंध्य का पहला पशु चिकित्सा महाविद्यालय

रीवा स्थित विंध्य का पहला पशु चिकित्सा महाविद्यालय सुविधाओं की मार झेल रहा है. सुविधाओं के अभाव का असर शिक्षा पर पड़ रहा है. छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिस वजह से छात्रों में भी कोई खास रुचि दिखाई नहीं दे रही है.

पशु चिकित्सा महाविद्यालय
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Published : Jul 7, 2019, 1:54 AM IST

रीवा। प्रदेश का तीसरा एवं विंध्य का पहला पशु चिकित्सा महाविद्यालय इन दिनों सुविधाओं की मार झेल रहा है. जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई पर खासा असर पड़ रहा है. दरअसल, शहर के महज 5 किलोमीटर दूरी कुठुलिया गांव में बना यह महाविद्यालय देखने को तो विशालकाय है, लेकिन छात्रों के लिए कोई खास सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं.

पशु चिकित्सा महाविद्यालय

सुविधाओं के अभाव का असर शिक्षा पर पड़ रहा है. छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिस वजह से छात्रों में भी कोई खास रुचि दिखाई नहीं दे रही है. पशु चिकित्सा में अध्ययन के लिए विंध्य का इकलौता कॉलेज रीवा में स्वीकृत किया गया था. ताकि इसकी पढ़ाई करने वाले छात्रों को पशुचिकिलत्सा में स्पेशलिटी दी जाए. लेकिन सरकारी उपेक्षा के चलते आज यह महाविद्यालय असुविधाओं का दंश झेल रहा है.


छात्रों ने बताया कि कॉलेज में सही समय पर न तो कोई दवाईयां उपलब्ध रहती है. न ही जांच के लिए अल्ट्रासाउंड जैसी कोई मशीनें उपलब्ध हैं. साथ ही छात्रों ने बताया कि कॉलेज में बिजली के अभाव में सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


इस बारे में कॉलेज की प्रोफेसर अदिति दीक्षित का कहना है कि अगर सरकार द्वारा महाविद्यालय में अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं तो छात्रों की पढ़ाई में खासा ध्यान दिया जा सकता है और उनका भविष्य सवारा जा सकता है.

'प्रशासन स्तर पर किया जा रहा प्रयास'
वहीं इस मामले में कॉलेज के डीन एसएस भदौरिया का कहना है कि कॉलेज में सुविधाएं उपलब्ध कराने प्रशासन स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज भी प्रदेश के दो अन्य महाविद्यालयों के इसकी हालत बेहतर है. फिर भी जो कुछ कमियां हैं उन्हें जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा.

रीवा। प्रदेश का तीसरा एवं विंध्य का पहला पशु चिकित्सा महाविद्यालय इन दिनों सुविधाओं की मार झेल रहा है. जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई पर खासा असर पड़ रहा है. दरअसल, शहर के महज 5 किलोमीटर दूरी कुठुलिया गांव में बना यह महाविद्यालय देखने को तो विशालकाय है, लेकिन छात्रों के लिए कोई खास सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं.

पशु चिकित्सा महाविद्यालय

सुविधाओं के अभाव का असर शिक्षा पर पड़ रहा है. छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिस वजह से छात्रों में भी कोई खास रुचि दिखाई नहीं दे रही है. पशु चिकित्सा में अध्ययन के लिए विंध्य का इकलौता कॉलेज रीवा में स्वीकृत किया गया था. ताकि इसकी पढ़ाई करने वाले छात्रों को पशुचिकिलत्सा में स्पेशलिटी दी जाए. लेकिन सरकारी उपेक्षा के चलते आज यह महाविद्यालय असुविधाओं का दंश झेल रहा है.


छात्रों ने बताया कि कॉलेज में सही समय पर न तो कोई दवाईयां उपलब्ध रहती है. न ही जांच के लिए अल्ट्रासाउंड जैसी कोई मशीनें उपलब्ध हैं. साथ ही छात्रों ने बताया कि कॉलेज में बिजली के अभाव में सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


इस बारे में कॉलेज की प्रोफेसर अदिति दीक्षित का कहना है कि अगर सरकार द्वारा महाविद्यालय में अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं तो छात्रों की पढ़ाई में खासा ध्यान दिया जा सकता है और उनका भविष्य सवारा जा सकता है.

'प्रशासन स्तर पर किया जा रहा प्रयास'
वहीं इस मामले में कॉलेज के डीन एसएस भदौरिया का कहना है कि कॉलेज में सुविधाएं उपलब्ध कराने प्रशासन स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज भी प्रदेश के दो अन्य महाविद्यालयों के इसकी हालत बेहतर है. फिर भी जो कुछ कमियां हैं उन्हें जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा.

Intro:मध्य प्रदेश का तीसरा तथा विंध्य क्षेत्र का पहला पशु महाविद्यालय इन दिनों सुख-सुविधाओं का मोहताज होता दिखाई दे रहा है जिसके कारण छात्रों के पढ़ाई पर भी खतरा मंडराने लगा है तथा बजट की कमी के कारण छात्रों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।






Body:रीवा शहर से महज 5 किलोमीटर दूरी कुठुलिया गांव पर स्थित मध्य प्रदेश का तीसरा तथा विंध्य क्षेत्र का पहला पशु महाविद्यालय इन दिनों सुविधाओं से वंचित नजर आ रहा है कहने को तो महाविद्यालय का भवन बहुत ही विशालकाय बनाया गया है मगर आज भी वहां पर छात्रों के पढ़ाई को लेकर कोई विशेष सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई है जिससे और छात्रों को पढ़ाई में भी खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं सुविधाओं के चलते छात्रों की पढ़ाई पर रुचि नहीं दिखाई देती है ।

दरअसल पशु चिकित्सक की में अध्ययन के लिए बेन क्षेत्र में इकलौता पशु महाविद्यालय रीवा जिले के लिए स्वीकृत किया गया था जिससे इसकी पढ़ाई करने वाले छात्रों को बिना किसी परेशानी के पशुओं के रूप में स्पेशलिटी दी जाए परंतु शासन की उपेक्षा के कारण अब इस महाविद्यालय में वह सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं छात्रों का कहना है कि महाविद्यालय के भीतर पशुओं के लिए ना तो सही समय पर सही दवाइयां उपलब्ध होती हैं और ना ही उनकी जांच के लिए अल्ट्रासाउंड जस्सी मशीनें वहीं छात्रों ने बताया कि महाविद्यालय के भीतर सबसे बड़ी समस्या बिजली की है जिसके कारण उन्हें खासा दिक्कतें झेलनी पड़ती है।




Conclusion:मामले पर जो हमने विशेष शिक्षिका से बात की तो उन्होंने भी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अपनी आवश्यकताओं के बारे में चर्चा की तथा बताया कि अगर शासन और प्रशासन के द्वारा उन्हें अच्छी फैसिलिटी मुहैया कराई जाती है तो महाविद्यालय के अंदर छात्रों की पढ़ाई में खासा ध्यान दिया जा सकता है तथा उनका भविष्य संवारा जा सकता है छात्रों की परेशानी तथा शिक्षकों महाविद्यालय के डीन एसएस भदौरिया से बात की तो उन्होंने बताया कि उनके द्वारा शासन स्तर पर महाविद्यालय को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं वहीं उन्होंने कहा कि उनका महाविद्यालय आज भी मध्य प्रदेश की दो अन्य महाविद्यालयों से बेहतर है लेकिन फिर भी कुछ परेशानियां है जिसे जल्द से जल्द निराकृत किया जाएगा।

बाइट- छात्र।
byte- छात्र।
byte- आदिति दीक्षित, प्रोफेसर।
बाइट- एस एस भदोरिया, डीन।
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