रीवा। जिले में गिरफ्तारी के दौरान अपहरण के आरोपी की पुलिस अभिरक्षा में हालत बिगड़ गई, जिसके बाद तत्काल पुलिस उसे संजय गांधी अस्पताल लेकर आई, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस घटना से अस्पताल में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई. अस्पताल पहुंचे परिजनों ने पुलिस प्रशासन व अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं तनाव की स्थिति निर्मित होते देख अस्पताल परिसर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया, फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मर्चुरी में रखवा दिया है.
क्या है पूरा मामला
बिछिया थाने के चिरहुला मंदिर निवासी पुष्पेंद्र पटेल का मंगलवार की दोपहर अपहरण हुआ था. वह स्कूटी में सवार होकर जा रहा था, तभी फोर व्हीलर से आए तीन लोगों ने उसका अपहरण कर लिया. बदमाश उसे अपने साथ संजय नगर लेकर आए, जहां एक कमरे में बंधक बना लिया. स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना परिजनों को दी जिसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे. वहां युवक की स्कूटी पड़ी हुई थी, उन्होंने घटना की सूचना पुलिस को दी, जिस पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया और साइबर की मदद से युवक का लोकेशन ट्रेस किया तो वह संजय नगर में मिला. बिछिया पुलिस ने समान थाने के साथ मिलकर संजय नगर में दबिश दी जहां युवक पुलिस के हाथ लग गया, वहीं अपहरण करने वाले तीनों आरोपी भी पुलिस के हाथ लग गए. युवक के साथ पुलिस आरोपियों को लेकर थाने आ रही थी तभी एक आरोपी विश्वविदित शुक्ला की हालत बिगड़ गई. उसको सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके बाद तत्काल पुलिसकर्मी उसे बिछिया अस्पताल उपचार के लिए लेकर आए, जहां उसकी हालत ज्यादा खराब होने पर चिकित्सकों ने संजय गांधी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया, संजयगांधी अस्पताल पहुंचने पर युवक ने दम तोड़ दिया.
पुलिस छावनी में तब्दील हुआ संजय गांधी अस्पताल
सूचना मिलने के बाद मृतक युवक के परिजन अस्पताल पहुंचे गए और डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने सहित पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. मृतक के परिजन उसे संजय गांधी अस्पताल से किसी निजी अस्पताल में इलाज कराने की जिद कर रहे थे, लेकिन डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद पुलिस ने उन्हें बाहर नहीं जाने दिया. इस घटना के बाद पूरा अस्पताल परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. अब शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा, जिसके बाद वास्तविक कारण सामने आएंगे.
परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन व पुलिस पर लगाए आरोप
वहीं मृतक युवक के भाई ने मीडिया से बात करते हुए कहा है की 'उसके भाई को पुलिस पकड़ कर ला रही थी, तभी रास्ते में उसके सीने में दर्द हुआ उसे पुलिस अस्पताल लेकर आई, जहां इलाज में लापरवाही बरती गई, समय पर इलाज न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई. वह युवक को इलाज के लिए नर्सिंग होम लेकर जाना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी और अस्पताल में भी कोई चिकित्सक ने उसका समय पर इलाज नहीं किया. मृतक के भाई ने आरोप लगाते हुए कहा कि उसके भाई की मौत का जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन व पुलिस है, पूरे मामले को लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मीडिया के कैमरे से बचते नजर आए और उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.