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खुद वेंटिलेटर पर है अस्पताल !, मरीज हो रहे हैं परेशान - Negligence of administration

रीवा के आयुर्वेदिक अस्पताल में इन दिनों डॉक्टर की कमी के कारण समय पर लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है. इसमें प्रशासन की लापरवाही साफ नजर आ रही है.

patience are facing problem
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Published : Aug 3, 2019, 10:42 AM IST

रीवा। जिले का शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय निपानिया लंबे समय से प्रशासन की लापरवाही झेल रहा है, वहीं असुविधा के चलते अस्पताल में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अस्पताल में न डॉक्टर न दवाई, मरीज हो रहे परेशान
अस्पताल में कई मरीज दूरस्थ इलाकों से रोज यहां इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन यहां भी उन्हें प्रबंधन की अनदेखी का शिकार होना पड़ता है. ना तो समय पर डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं और ना ही कोई दवाईयां. इसके कारण लोगों को दर-दर भटकना पड़ता है. इतना ही नहीं लोगों को इतनी दूर से आने के बाद भी इलाज के बगैर ही लौटना पड़ता है.


लोगों के मुताबिक उनका इलाज होता भी है, तो उन्हें दवाईयां बाहर से लेनी पड़ती हैं. इतना ही नहीं डॉक्टर मरीजों को देखने के लिए 2-2 दिन तक नही पहुंचते हैं. वहीं इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि यहां सभी दवाईयां आसानी से उपलब्ध रहती थी, लेकिन समय पर बजट ना मिलने से अब मेडिकल स्टोर में दवाईयों की कमी हो गई है. इस पर रीवा कलेक्टर ने पूरे मामले की जानकारी लेकर मरीजों को होने वाली समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने की बात कही.

रीवा। जिले का शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय निपानिया लंबे समय से प्रशासन की लापरवाही झेल रहा है, वहीं असुविधा के चलते अस्पताल में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अस्पताल में न डॉक्टर न दवाई, मरीज हो रहे परेशान
अस्पताल में कई मरीज दूरस्थ इलाकों से रोज यहां इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन यहां भी उन्हें प्रबंधन की अनदेखी का शिकार होना पड़ता है. ना तो समय पर डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं और ना ही कोई दवाईयां. इसके कारण लोगों को दर-दर भटकना पड़ता है. इतना ही नहीं लोगों को इतनी दूर से आने के बाद भी इलाज के बगैर ही लौटना पड़ता है.


लोगों के मुताबिक उनका इलाज होता भी है, तो उन्हें दवाईयां बाहर से लेनी पड़ती हैं. इतना ही नहीं डॉक्टर मरीजों को देखने के लिए 2-2 दिन तक नही पहुंचते हैं. वहीं इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि यहां सभी दवाईयां आसानी से उपलब्ध रहती थी, लेकिन समय पर बजट ना मिलने से अब मेडिकल स्टोर में दवाईयों की कमी हो गई है. इस पर रीवा कलेक्टर ने पूरे मामले की जानकारी लेकर मरीजों को होने वाली समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने की बात कही.

Intro:रीवा जिले में संचालित शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय वा चिकित्सालय निपानिया पिछले लंबे समय से प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहा है तथा सुविधा युक्त चिकित्सालय मरीजों की परेशानी का सबब बना हुआ है.


Body:एलोपैथिक तरीकों से इलाज के बाद हार मानकर जब लोग एक उम्मीद के साथ आयुर्वेद का सहारा लेते हैं तो वहां भी कहीं ना कहीं लोगों को निराशा ही हाथ लगती है कहने को तो सरकारें लोगों की सुरक्षा के प्रति हमेशा ही सजग रहती है वही मेडिकल संबंधी सुविधाओं के लिए लगातार कई दावे और वादे भी करती है मगर रीवा शहर में संचालित शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय व चिकित्सालय प्रशासन की उन दावों के उलट अपनी एक अलग ही कहानी बयां करती है.

दरअसल विंध्य क्षेत्र के दूर-दूर इलाके से इलाज के लिए हर रोज मरीज आयुर्वेद अस्पताल रीवा पहुंचते हैं मगर यहां भी उन्हें प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है ना तो समय पर डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं और ना ही कोई विशेष दवाइयां... जिसके कारण लोगों को दर-दर भटकना पड़ता है.

लोगों का कहना है कि दूरदराज से आने के बावजूद भी उन्हें यहां से खाली हाथ लौटना पड़ता है जिससे उन्हें काफी असुविधा होती है इसके साथ ही लोग बताते हैं कि अगर बमुश्किल उनका इलाज होता भी है तो भी उन्हें दवाइयां बाहर से लेनी पड़ती है जिसकी कीमत भी उन्हें दुगनी तक सहन करनी पड़ती है.

वहीं चिकित्सालय के डॉ भी अपना एक अलग ही रोना रो रहे हैं उनका कहना है कि पूर्व में यहां तो सभी दवाइयां आसानी से उपलब्ध रहती थी परंतु समय पर बजट ना मिल पाने के कारण अब अस्पताल की दवाई कोष में दवाइयों की कमी हो गई है. वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर रीवा कलेक्टर से बात की गई तो उन्होंने जानकारी को संज्ञान में लेते हुए जल्द से जल्द समस्याओं को दूर करने की बात कही.


Conclusion:रीवा के एकमात्र आयुर्वेद अस्पताल में इन दिनों डॉक्टर की कमी काफी देखी जा रही है जिसके कारण समय पर लोगों का उपचार नहीं हो पा रहा है जिंदगी की जंग से हार मानकर लोग जवान वेद का सहारा लेते हैं तो एक उम्मीद मिलती है लेकिन रीवा में संचालित हो रहा यह आयुर्वेद अस्पताल लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर देता है..

byte- मरीज।
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बाइट- डॉ डीके साहू, विभागाध्यक्ष।
byte- ओपी श्रीवास्तव, रीवा कलेक्टर।
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